पांवटा: हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब मंडी में सबसे अधिक गेहूं खरीदी जाती है और इस बार कोरोना कर्फ्यू के बावजूद गेहूं खरीद का नया रिकॉर्ड कायम हुआ है. यहां भारतीय खाद्य निगम ने लगभग 30,000 क्विंटल गेहूं की खरीद की है. इसके साथ ही लगभग साढ़े 5 करोड़ से अधिक की राशि किसानों के खातों में पहुंच चुकी है.
प्रदेश में सरकारी एजेंसी की तरफ से यह गेहूं की अब तक की सबसे बड़ी खरीद है. पिछले साल भी इन दिनों देशभर में लॉकडाउन लगा था और उस समय भी एफसीआई ने पांवटा के किसानों से लगभग 23 हजार क्विंटल गेहूं खरीदी थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था.
5 करोड़ से अधिक राशि हुई ट्रांसफर
इस बार एफसीआई ने गेहूं के समर्थन मूल्य में भी 50 रुपए की वृद्धि की है. पिछली बार जो गेहूं 19 सौ 25 पैसे प्रति क्विंटल खरीदा गया था. वह इस बार 1975 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है. किसानों के लिए राहत की बात यह है कि फसल की कीमत 24 घंटों के भीतर किसानों के खातों में ट्रांसफर हो रही है. एफसीआई इस साल किसानों के खातों में साढ़े 5 करोड़ से अधिक राशि ट्रांसफर कर चुका है.
गेहूं खरीद का समय बढ़ाने की मांग
केंद्र सरकार के उपक्रम एफसीआई की पांवटा साहिब में यह पहल किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है. इससे पहले किसानों को फसल बेचने के लिए हरियाणा की मंडियों में धक्के खाने पड़ते थे. हालांकि पांवटा साहिब मंडी में गेहूं खरीद की समय सीमा खत्म होती जा रही है, 29 मई गेहूं खरीद की अंतिम तारीख है. लिहाजा किसान मांग कर रहे हैं कि गेहूं खरीद को कुछ और दिन बढ़ाया जाए. स्थानीय विधायक एवं ऊर्जा मंत्री ने राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को पत्र लिखकर गेहूं खरीद की मोहलत बढ़ाने की मांग की है.
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