नाहन: जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में एक हरे-भरे भारी-भरकम पेड़ पर नगर परिषद ने कुल्हाड़ी चलाते हुए धराशायी कर दिया. सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि जब पेड़ से किसी खतरे की आशंका नहीं थी, तो इसे काटने की क्या वजह रही? पेड़ सुखा नहीं था, बल्कि सालों से चौगान मैदान की शोभा बढ़ा रहा था.
जहां अचानक काटे गए पेड़ से शहर में चर्चा का माहौल गर्म है. वहीं, पर्यावरणविदों ने भी इस मामले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जांच की मांग की है. नगर परिषद पेड़ काटने को लेकर प्रशासन से अनुमति की बात कह रही है, लेकिन जिला प्रशासन इस बारे में कुछ नहीं जानता है. डीसी सिरमौर डॉक्टर आरके परूथी ने माना कि उन्हें पेड़ काटने की जानकारी मिली है. परमिशन थी या नहीं, इसकी जांच के निर्देश एसडीएम नाहन को दे दिए गए हैं.
उधर, पर्यावरण समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश जोशी ने पेड़ काटने पर खासी नाराजगी जाहिर की है. ईटीवी से बातचीत करते हुए सुरेश जोशी ने कहा कि चौगान मैदान में करीब 50 से 60 सालों पुराना हरा भरा पेड़ काट दिया गया. इसके पीछे कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन यह क्राइम है, फिर चाहे इसे मानवता के प्रति कहें या फिर पर्यावरण के प्रति.
डॉ. सुरेश जोशी ने सवाल किया कि आखिर यह पेड़ किस का नुकसान कर रहा था. पर्यावरण समिति का कहना था कि जो पेड़ सालों से मैदान की शोभा बढ़ा रहा था, उसे बेवजह काट देने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएंगे.