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नाहन में हरे भरे पेड़ पर चला दी कुल्हाड़ी, पर्यावरण समिति ने की कड़े शब्दों में निंदा

नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में एक हरे-भरे भारी-भरकम पेड़ को नगर परिषद ने काटकर धराशयी कर दिया. नगर परिषद के इस कारनामे का पर्यावरणविदों ने कड़ी निंदा की है.

condemns of cutting of tree in Nahan
condemns of cutting of tree in Nahan
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Published : Nov 26, 2019, 9:21 PM IST

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में एक हरे-भरे भारी-भरकम पेड़ पर नगर परिषद ने कुल्हाड़ी चलाते हुए धराशायी कर दिया. सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि जब पेड़ से किसी खतरे की आशंका नहीं थी, तो इसे काटने की क्या वजह रही? पेड़ सुखा नहीं था, बल्कि सालों से चौगान मैदान की शोभा बढ़ा रहा था.

जहां अचानक काटे गए पेड़ से शहर में चर्चा का माहौल गर्म है. वहीं, पर्यावरणविदों ने भी इस मामले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जांच की मांग की है. नगर परिषद पेड़ काटने को लेकर प्रशासन से अनुमति की बात कह रही है, लेकिन जिला प्रशासन इस बारे में कुछ नहीं जानता है. डीसी सिरमौर डॉक्टर आरके परूथी ने माना कि उन्हें पेड़ काटने की जानकारी मिली है. परमिशन थी या नहीं, इसकी जांच के निर्देश एसडीएम नाहन को दे दिए गए हैं.

उधर, पर्यावरण समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश जोशी ने पेड़ काटने पर खासी नाराजगी जाहिर की है. ईटीवी से बातचीत करते हुए सुरेश जोशी ने कहा कि चौगान मैदान में करीब 50 से 60 सालों पुराना हरा भरा पेड़ काट दिया गया. इसके पीछे कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन यह क्राइम है, फिर चाहे इसे मानवता के प्रति कहें या फिर पर्यावरण के प्रति.

डॉ. सुरेश जोशी ने सवाल किया कि आखिर यह पेड़ किस का नुकसान कर रहा था. पर्यावरण समिति का कहना था कि जो पेड़ सालों से मैदान की शोभा बढ़ा रहा था, उसे बेवजह काट देने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: बूढ़ी दिवाली पर लोगों का अनोखा फैसला, मिठाई के बदले प्याज उपहार में देकर मना रहे त्यौहार

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में एक हरे-भरे भारी-भरकम पेड़ पर नगर परिषद ने कुल्हाड़ी चलाते हुए धराशायी कर दिया. सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि जब पेड़ से किसी खतरे की आशंका नहीं थी, तो इसे काटने की क्या वजह रही? पेड़ सुखा नहीं था, बल्कि सालों से चौगान मैदान की शोभा बढ़ा रहा था.

जहां अचानक काटे गए पेड़ से शहर में चर्चा का माहौल गर्म है. वहीं, पर्यावरणविदों ने भी इस मामले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जांच की मांग की है. नगर परिषद पेड़ काटने को लेकर प्रशासन से अनुमति की बात कह रही है, लेकिन जिला प्रशासन इस बारे में कुछ नहीं जानता है. डीसी सिरमौर डॉक्टर आरके परूथी ने माना कि उन्हें पेड़ काटने की जानकारी मिली है. परमिशन थी या नहीं, इसकी जांच के निर्देश एसडीएम नाहन को दे दिए गए हैं.

उधर, पर्यावरण समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश जोशी ने पेड़ काटने पर खासी नाराजगी जाहिर की है. ईटीवी से बातचीत करते हुए सुरेश जोशी ने कहा कि चौगान मैदान में करीब 50 से 60 सालों पुराना हरा भरा पेड़ काट दिया गया. इसके पीछे कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन यह क्राइम है, फिर चाहे इसे मानवता के प्रति कहें या फिर पर्यावरण के प्रति.

डॉ. सुरेश जोशी ने सवाल किया कि आखिर यह पेड़ किस का नुकसान कर रहा था. पर्यावरण समिति का कहना था कि जो पेड़ सालों से मैदान की शोभा बढ़ा रहा था, उसे बेवजह काट देने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट

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Intro:- परमिशन को लेकर असमंजस, डीसी सिरमौर ने दिए जांच के आदेश
- पर्यावरण समिति ने की कड़े शब्दों में निंदा, शहर में पेड़ काटने की चर्चा गर्म
नाहन। जिला मुख्यालय नहर के ऐतिहासिक चौगान मैदान में एक हरे-भरे भारी-भरकम पेड़ पर नगर परिषद ने कुल्हाड़ी चलाते हुए धराशायी कर दिया। सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि जब पेड़ से किसी खतरे की आशंका नहीं थी तो इसे काटने की क्या वजह रही? पेड़ सुखा नहीं था, बल्कि सालों से चौगान मैदान की शोभा बढ़ा रहा था।


Body:अचानक काटे गए पेड़ से जहां शहर में चर्चा का माहौल गर्म है वहीं पर्यावरणविदों ने भी इस मामले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जांच की मांग की है। नगर परिषद पेड़ काटने को लेकर प्रशासन से अनुमति की बात कह रही है, लेकिन जिला प्रशासन इससे अनभिज्ञ है। अलबत्ता डीसी सिरमौर डॉक्टर आरके पुरुष ही ने माना कि उन्हें पेड़ काटने की जानकारी मिली है। परमिशन थी या नहीं, इसकी जांच के निर्देश एसडीएम नाहन को दे दिए गए हैं।
उधर पर्यावरण समिति के अध्यक्ष डॉ सुरेश जोशी ने पेड़ काटने पर खासी नाराजगी जाहिर की है। ईटीवी से बातचीत करते हुए सुरेश जोशी ने कहा कि चौगान मैदान में करीब 50 से 60 सालों पुराना हरा भरा पेड़ काट दिया गया। इसके पीछे कारण चाहे कोई भी हो, लेकिन यह क्राइम है, फिर चाहे इसे मानवता के प्रति कहे या फिर पर्यावरण के प्रति। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह निर्देश पेड़ किस का नुकसान कर रहा था। पर्यावरण समिति का कहना था कि जो पेट सालों से मैदान की शोभा बढ़ा रहा था, उसे बेवजह काट देने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएंगे।
बाइट : डॉ सुरेश जोशी, अध्यक्ष पर्यावरण समिति नाहन


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