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जिला परिषद को मिलने वाला बजट ऊंट के मुंह में जीरे के सामान: दलीप सिंह चौहान

सिरमौर जिला परिषद के अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध नहीं करवा रही है.

District Council President demanded for more funds to sirmour  panchayat
सिरमौर जिला परिषद की बैठक
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Published : Dec 7, 2019, 9:49 AM IST

नाहन: सिरमौर जिला परिषद के अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने सरकार से पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाने की मांग की है, जिससे जिला में विकास कार्य तेजी से किया जा सके. जिला परिषद अध्यक्ष ने बिना नाम लिए प्रदेश सरकार पर पंचायती राज संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध न करवाने की बात कही है.

कांग्रेस समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में चंबा और सिरमौर जिला परिषद के लिए विशेष फंड का प्रावधान था, लेकिन अब केवल 13.35 लाख ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में रेणुका, पच्छाद व शिलाई ऐसे दुर्गम इलाके हैं, जिनकी भौगोलिक स्थिति काफी अलग है. ऐसे क्षेत्रों के लिए सरकार को कोई अलग से योजना बनानी चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट.

दलीप सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में बैकवर्ड योजना के तहत दोनों जिलों को काफी बजट मिलता था, जिससे छोटी-मोटी गांव की समस्याओं का समाधान हो जाता था, लेकिन जिला परिषद के पास पर्याप्त मात्रा में बजट नहीं है.

ये भी पढ़ें: पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषियों को 7 साल की कैद , जिला सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

दलीप सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से केवल 13 लाख 35 हजार रुपये ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं, जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. सिरमौर जिला में कुल 226 पंचायतें हैं और इतने कम बजट में विकास कार्य को करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने वर्तमान सरकार से मांग करते हुए कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाया जाना चाहिए.

नाहन: सिरमौर जिला परिषद के अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने सरकार से पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाने की मांग की है, जिससे जिला में विकास कार्य तेजी से किया जा सके. जिला परिषद अध्यक्ष ने बिना नाम लिए प्रदेश सरकार पर पंचायती राज संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध न करवाने की बात कही है.

कांग्रेस समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में चंबा और सिरमौर जिला परिषद के लिए विशेष फंड का प्रावधान था, लेकिन अब केवल 13.35 लाख ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में रेणुका, पच्छाद व शिलाई ऐसे दुर्गम इलाके हैं, जिनकी भौगोलिक स्थिति काफी अलग है. ऐसे क्षेत्रों के लिए सरकार को कोई अलग से योजना बनानी चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट.

दलीप सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में बैकवर्ड योजना के तहत दोनों जिलों को काफी बजट मिलता था, जिससे छोटी-मोटी गांव की समस्याओं का समाधान हो जाता था, लेकिन जिला परिषद के पास पर्याप्त मात्रा में बजट नहीं है.

ये भी पढ़ें: पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषियों को 7 साल की कैद , जिला सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

दलीप सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से केवल 13 लाख 35 हजार रुपये ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं, जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. सिरमौर जिला में कुल 226 पंचायतें हैं और इतने कम बजट में विकास कार्य को करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने वर्तमान सरकार से मांग करते हुए कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाया जाना चाहिए.

Intro:- जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा- पूर्व में मिलता था चंबा व सिरमौर को विशेष फंड
- वर्तमान में नहीं मिल रहा पंचायती राज संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में फंड
- जिला परिषद को 13.35 लाख का बजट ऊंट के मुंह में जीरे के सामान : दलीप सिंह चौहान
नाहन। सिरमौर जिला परिषद के अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने सरकार से पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाने की मांग की है, ताकि जिला में विकास कार्य तेजी से किया जा सके। जिला परिषद अध्यक्ष ने बिना नाम लिए इशारों इशारों में वर्तमान सरकार पर पंचायती राज संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध करवाने की बात कही है।


Body:मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में चंबा बा सिरमौर जिला परिषद के लिए विशेष फंड का प्रावधान था, लेकिन अब केवल 13.35 लाख ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में रेणुका, पच्छाद व शिलाई ऐसे दुर्गम इलाके हैं, जिनकी भौगोलिक स्थिति काफी अलग है। ऐसे क्षेत्रों के लिए सरकार को कोई अलग से योजना बनानी चाहिए, जैसे कि पूर्व में पिछड़े जिलों चंबा व सिरमौर के लिए बैकवर्ड योजना के तहत राशि आती थी, लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसी कोई नई योजना जिला के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बैकवर्ड योजना के तहत दोनों जिलों को काफी बजट मिलता था, जिससे छोटी-मोटी गांव की समस्याओं का समाधान हो जाता था। मगर आज हालात यह है कि जिले में सबसे बड़ा सदन जिला परिषद है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उसके पास बजट नहीं है। केवल 13 लाख 35 हजार रुपए ही जिला परिषद को दिए जा रहे हैं, जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सिरमौर जिला में कुल 226 पंचायतें हैं और इतने कम बजट में कैसे विकास कार्य करवाएं। उन्होंने वर्तमान सरकार से मांग करते हुए कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक फंड उपलब्ध करवाया जाए।
बाइट : दलीप सिंह चौहान, अध्यक्ष जिला परिषद सिरमौर


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