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प्रशासन की रोक के बावजूद चूड़धार चोटी पर पहुंच रहे लोग, स्वामी कमलानंद ने की ये अपील - मंदिर के कपाट बंद

समुद्र तल से लगभग 12 हजार फुट की उंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी के प्रसिद्ध शिरगुल मंदिर के कपाट बंद पड़े हुए हैं, लेकिन बावजूद इसके काफी संख्या में श्रद्धालु चोटी पर पहुंच रहे हैं. हर साल चूड़धार में मंदिर 30 नवंबर से लेकर 1 मई तक बंद रहता है. लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते प्रशासन ने मंदिर को पूरी तरह से बंद किया है और यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है. इसके बावजूद श्रद्धालु जाने से नहीं रूक रहे हैं.

Shirgul temple
शिरगुल मंदिर
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Published : Jun 12, 2020, 9:23 AM IST

नाहन: सिरमौर व शिमला जिला की सीमा पर समुद्र तल से लगभग 12 हजार फुट की उंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी के प्रसिद्ध शिरगुल मंदिर के कपाट बंद पड़े हुए हैं, लेकिन बावजूद इसके काफी संख्या में श्रद्धालु चोटी पर पहुंच रहे हैं.

भारी बर्फबारी के कारण हर साल चूड़धार में मंदिर 30 नवंबर से लेकर 1 मई तक बंद रहता है. प्रशासन 1 मई के बाद ही यात्रा करने की अनुमति देता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते प्रशासन ने मंदिर को पूरी तरह से बंद किया है और यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है.

वीडियो.

इसके बावजूद श्रद्धालु जाने से नहीं रूक रहे हैं. ऐसे में यहां प्रशासन व पुलिस के लिए चूडधार जाने वाले लोगों को रोकना गले की फांस बन गया है. वहीं, चूडधार जाने के लिए कोई सड़क नहीं है, जहां नाका लगाया जा सके. चूड़धार के लिए केवल पैदल रास्ता है और वह भी एक नहीं अनेक रास्ते है.

स्वामी कमलानंद ने भी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह फिलहाल अभी चोटी पर न आएं. न दिन में आए और न ही रात में. प्रशासन के आदेशों पर मंदिर बंद पड़ा है. ऐसे में जब तक यह महामारी चली हुई है, तब तक श्रद्धालु चोटी पर न आएं.

उल्लेखनीय है कि भारी बर्फबारी के बाद 30 नवंबर के बाद चूड़ेश्वर सेवा समिति के सदस्य व मंदिर के पुजारी अपने घर चले गए थे. मई के पहले सप्ताह में सभी सदस्य चूड़धार पहुंच गए है और निरंतर सुबह-शाम मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही, लेकिन दिनभर सरकारी निर्देशों के तहत मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं. ऐसे में आगामी आदेशों तक कोई भी चोटी पर न जाएं.

नाहन: सिरमौर व शिमला जिला की सीमा पर समुद्र तल से लगभग 12 हजार फुट की उंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी के प्रसिद्ध शिरगुल मंदिर के कपाट बंद पड़े हुए हैं, लेकिन बावजूद इसके काफी संख्या में श्रद्धालु चोटी पर पहुंच रहे हैं.

भारी बर्फबारी के कारण हर साल चूड़धार में मंदिर 30 नवंबर से लेकर 1 मई तक बंद रहता है. प्रशासन 1 मई के बाद ही यात्रा करने की अनुमति देता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते प्रशासन ने मंदिर को पूरी तरह से बंद किया है और यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है.

वीडियो.

इसके बावजूद श्रद्धालु जाने से नहीं रूक रहे हैं. ऐसे में यहां प्रशासन व पुलिस के लिए चूडधार जाने वाले लोगों को रोकना गले की फांस बन गया है. वहीं, चूडधार जाने के लिए कोई सड़क नहीं है, जहां नाका लगाया जा सके. चूड़धार के लिए केवल पैदल रास्ता है और वह भी एक नहीं अनेक रास्ते है.

स्वामी कमलानंद ने भी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह फिलहाल अभी चोटी पर न आएं. न दिन में आए और न ही रात में. प्रशासन के आदेशों पर मंदिर बंद पड़ा है. ऐसे में जब तक यह महामारी चली हुई है, तब तक श्रद्धालु चोटी पर न आएं.

उल्लेखनीय है कि भारी बर्फबारी के बाद 30 नवंबर के बाद चूड़ेश्वर सेवा समिति के सदस्य व मंदिर के पुजारी अपने घर चले गए थे. मई के पहले सप्ताह में सभी सदस्य चूड़धार पहुंच गए है और निरंतर सुबह-शाम मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही, लेकिन दिनभर सरकारी निर्देशों के तहत मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं. ऐसे में आगामी आदेशों तक कोई भी चोटी पर न जाएं.

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