नाहन: पच्छाद विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने आखिरकार पार्टी से बगावत कर दी है. दयाल प्यारी ने सोमवार को आजाद प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया.
बीजेपी के युवा नेता आशीष सिक्टा के बागी होने के बाद पार्टी से टिकट की दावेदारी जताने वाली बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
दयाल प्यारी ने अपने समर्थकों के साथ सोमवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान दयाल प्यारी ने आंसुओं से अपने दिल का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि अब लड़ाई लड़ने के लिए काली का रूप धारण करने की आवश्यकता है, क्योंकि लगातार उनके साथ अन्याय हो रहा है.
दयाल प्यारी ने भरी आंखों से कहा कि उनका परिवार साल 1977 से पार्टी के लिए वफादारी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए आवाज उठाना चाहती हैं. दयाल प्यारी ने कहा कि ना मेरे पास धन है और ना बल. मेरे साथ मेरे गरीब कार्यकर्ता हैं, जिनको लेकर में चुनावी मैदान में उतरी हूं. उन्होंने कहा कि में इस चुनाव में जीत हासिल कर अपने साथ हुए अन्याय का बदला लूंगी.
बता दें कि दयाल प्यारी और पच्छाद से बीजेपी के दिग्गज नेता बलदेव भंडारी के बीच कुछ माह पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे के दौरान एक विवाद हो गया था. बीजेपी नेता बलदेव भंडारी ने दयाल प्यारी को मंच पर धक्का देकर किनारे कर दिया था, जिसके बाद दयाल प्यारी ने बलदेव भंडारी के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया था. अब इस पूरे विवाद ने पार्टी में बगावत का रूप ले लिया है.