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पच्छाद उपचुनाव: बागी हुई 'प्यारी', आंखों में आंसू लिए हुए बिना टिकट मैदान में कूदी

पच्छाद उपचुनाव में बीजेपी से टिकट न मिलने पर दयाली प्यारी ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर सोमवार को नामांकन पत्र भरा. इस दौरान दयाल प्यारी ने नम आंखों से दर्द बयां किया.

दयाल प्यारी, आजाद प्रत्याशी
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Published : Sep 30, 2019, 7:53 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:24 PM IST

नाहन: पच्छाद विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने आखिरकार पार्टी से बगावत कर दी है. दयाल प्यारी ने सोमवार को आजाद प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया.

बीजेपी के युवा नेता आशीष सिक्टा के बागी होने के बाद पार्टी से टिकट की दावेदारी जताने वाली बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

दयाल प्यारी, आजाद प्रत्याशी

दयाल प्यारी ने अपने समर्थकों के साथ सोमवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान दयाल प्यारी ने आंसुओं से अपने दिल का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि अब लड़ाई लड़ने के लिए काली का रूप धारण करने की आवश्यकता है, क्योंकि लगातार उनके साथ अन्याय हो रहा है.

दयाल प्यारी ने भरी आंखों से कहा कि उनका परिवार साल 1977 से पार्टी के लिए वफादारी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए आवाज उठाना चाहती हैं. दयाल प्यारी ने कहा कि ना मेरे पास धन है और ना बल. मेरे साथ मेरे गरीब कार्यकर्ता हैं, जिनको लेकर में चुनावी मैदान में उतरी हूं. उन्होंने कहा कि में इस चुनाव में जीत हासिल कर अपने साथ हुए अन्याय का बदला लूंगी.

बता दें कि दयाल प्यारी और पच्छाद से बीजेपी के दिग्गज नेता बलदेव भंडारी के बीच कुछ माह पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे के दौरान एक विवाद हो गया था. बीजेपी नेता बलदेव भंडारी ने दयाल प्यारी को मंच पर धक्का देकर किनारे कर दिया था, जिसके बाद दयाल प्यारी ने बलदेव भंडारी के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया था. अब इस पूरे विवाद ने पार्टी में बगावत का रूप ले लिया है.

नाहन: पच्छाद विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने आखिरकार पार्टी से बगावत कर दी है. दयाल प्यारी ने सोमवार को आजाद प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया.

बीजेपी के युवा नेता आशीष सिक्टा के बागी होने के बाद पार्टी से टिकट की दावेदारी जताने वाली बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

दयाल प्यारी, आजाद प्रत्याशी

दयाल प्यारी ने अपने समर्थकों के साथ सोमवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान दयाल प्यारी ने आंसुओं से अपने दिल का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि अब लड़ाई लड़ने के लिए काली का रूप धारण करने की आवश्यकता है, क्योंकि लगातार उनके साथ अन्याय हो रहा है.

दयाल प्यारी ने भरी आंखों से कहा कि उनका परिवार साल 1977 से पार्टी के लिए वफादारी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए आवाज उठाना चाहती हैं. दयाल प्यारी ने कहा कि ना मेरे पास धन है और ना बल. मेरे साथ मेरे गरीब कार्यकर्ता हैं, जिनको लेकर में चुनावी मैदान में उतरी हूं. उन्होंने कहा कि में इस चुनाव में जीत हासिल कर अपने साथ हुए अन्याय का बदला लूंगी.

बता दें कि दयाल प्यारी और पच्छाद से बीजेपी के दिग्गज नेता बलदेव भंडारी के बीच कुछ माह पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे के दौरान एक विवाद हो गया था. बीजेपी नेता बलदेव भंडारी ने दयाल प्यारी को मंच पर धक्का देकर किनारे कर दिया था, जिसके बाद दयाल प्यारी ने बलदेव भंडारी के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाया था. अब इस पूरे विवाद ने पार्टी में बगावत का रूप ले लिया है.

Intro:- आखिरकार बीजेपी से बगावत कर दयाल प्यारी ने आजाद उम्मीदवार के रूप में भरा नामांकन
नाहन। आखिरकार बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी ने पार्टी से बगावत कर दी है। पच्छाद में बगावती बारूद फटने से घायल हुई बीजेपी में उस वक्त एक और जबरदस्त विस्फोट हो गया, जब युवा नेता आशीष सिकटा के बागी होने के बाद पार्टी के टिकट की दावेदारी जताने वाली बीजेपी नेत्री दयाल प्यारी भी टिकट न मिलने से नाराज होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करने पहुंच गई। दयाल प्यारी ने भी अपने समर्थकों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बीजेपी की बागी नेत्री दयाल प्यारी ने आंसुओं से अपने दिल का दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई लड़ने के लिए काली का रूप धारण करने की आवश्यकता है, क्योंकि लगातार उनके साथ अन्याय हो रहा है।


Body:इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए दयाल प्यारी के आंसू झलक पड़े। अपना दर्द बयां करते हुए दयाल प्यारी ने भरी आंखों से कहा कि उनका परिवार 1977 से पार्टी के लिए वफादारी से काम कर रहा है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी आवाज पहुंचाते हुए आरोप लगाया कि जिला सिरमौर सहित विशेषकर पच्छाद में पूरी तरह से तानाशाही हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि यह तानाशाही क्यों हो रही है, क्योंकि मेरी लड़ाई न्याय के साथ है और न मेरे पास धन है और न ही बल। मेरे साथ मेरा गरीब कार्यकर्ता है, जो मुझे पूरा न्याय दिलाएंगे। दयाल प्यारी ने कहा कि पच्छाद में जो तानाशाही उनके साथ हो रही है, उसको लेकर उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी कहा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। दयाल प्यारी ने कहा कि आज जो उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल कर रही है, वह न्याय के लिए भर रही है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ मेरी गरीब जनता व कार्यकर्ता का साथ है और ईश्वर का आशीर्वाद है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि चुनाव में विजयश्री होगी। दयाल प्यारी ने गुस्से से भरे लफ्जों में दो टूक शब्दों में कहा कि जब जब धरती पर पाप बढ़ा है, नवरात्रि चल रहे हैं। दुर्गा थी, लेकिन अब काली का रूप धारण करना पड़ेगा।
बाइट : दयाल प्यारी, बीजेपी की बागी नेत्री


Conclusion:बता दें कि दयाल प्यारी व पच्छाद बीजेपी के दिग्गज नेता बलदेव भंडारी के बीच विवाद अक्सर सुर्खियों में रहा है। इस विवाद को उस वक्त और हवा मिल गई थी जब पच्छाद दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के मंच पर बीजेपी के नेता बलदेव भंडारी ने दयाल प्यारी को धक्का दिया था, जिसके बाद दयाल प्यारी ने बीजेपी नेता के खिलाफ पुलिस में भी केस दर्ज करवाया था। अब इस पूरे विवाद में पार्टी में बगावत का रूप ले लिया है। अब देखना यह होगा कि दयाल प्यारी की पार्टी से की गई है बगावत क्या रंग लाती है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 8:24 PM IST
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