सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में आयुष्मान और हिमकेयर योजना का लाखों लोग लाभ उठा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी योजना के तहत मरीजों को लाभ दिया जा रहा है, लेकिन योजना के निर्धारित नियमों के मुताबिक तय समयावधि में निजी अस्पतालों का पैसा नहीं दिया जा रहा है. सरकार के ऊपर निजी अस्पतालों का करोड़ों रुपये का बकाया है. ऐसे में समय पर अदायगी न होने से निजी अस्पतालों के लिए यह सुविधाएं सिरदर्द बन रही है. निजी अस्पताल प्रबंधनों का सवाल है कि यदि सरकार निर्धारित नियमों के तहत राशि की अदायगी ही नहीं करेगी, तो वह कैसे अपने अस्पताल चलाएंगे. अस्पतालों में योजना का लाभ देकर मरीजों का तो निशुल्क उपचार किया जा रहा है, लेकिन सरकार इस दिशा में अस्पताल प्रबंधनों का भी ख्याल रखें.
जानकारी के अनुसार प्रदेश में सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए 287 अस्पताल चयनित है, जिसमें 141 निजी अस्पताल शामिल हैं. हालांकि योजना के तहत अस्पतालों को राशि जारी करने वाली स्टेट हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि समय-समय पर राशि की अदायगी की जा रही है. बजट मिलते ही दिवाली से पहले भी लंबित राशि को जारी करने का दावा किया गया है. दूसरी तरफ निजी अस्पताल प्रबंधनों की मानें तो हिमकेयर योजना के तहत पिछले कई महीनों की राशि लंबित है.
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सूत्रों की मानें तो सिरमौर जिले में ही हिमकेयर योजना के तहत करोड़ों रुपये की राशि महीनों से जारी नहीं हुई. अकेले सिरमौर जिले की ही बात करें तो यहां भी योजना के तहत चयनित निजी अस्पतालों के करोड़ों रुपये हिमकेयर योजना के तहत पिछले करीब 4-4, 5-5 महीने के लंबित पड़े हैं. एक-दो निजी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने दबी जुबान में बताया कि सरकारी योजनाओं खासकर हिमकेयर योजना की राशि काफी अधिक मात्रा में लंबित होने के कारण इस मर्तबा वेतन में भी यह कहकर कटौती की जा रही है कि फिलहाल अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं चल रही है. जैसे ही सरकार बजट जारी करेगी, तुरंत बकाया वेतन भी जारी कर दिया जाएगा.
हालात यह हो गए हैं कि अस्पतालों में रखे गए आयुष्मान मित्र योजना कर्मचारियों को भी वेतन देना मुश्किल हो रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि फेस्टिवल सीजन चल रहा है. सरकार को चाहिए कि दिवाली से पहले अस्पताल प्रबंधनों को बजट जारी किया जाए, ताकि वह भी अपने परिवारों संग दिवाली मना सके. बता दें कि सरकार की इन योजनाओं के तहत प्रदेश के चयनित अस्पतालों में कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है. कार्ड धारकों से निजी अस्पतालों में भी कोई पैसा नहीं लिया जाता. बहरहाल देखना यह होगा कि किए गए दावे के मुताबिक दिवाली से पहले सरकार लंबित राशि का भुगतान कर पाती है या नहीं.
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आयुष्मान व ईएसआई योजना का भी यही हाल: सूत्रों की मानें तो प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत करीब 15 करोड़ रुपये की राषि अब भी लंबित है. हालांकि समय-समय पर राशि जारी की जा रही है. वहीं सिरमौर जिला में ईएसआई के भी लाखों रुपए पिछले कई महीनों से पेंडिंग है. यही हाल अन्य अस्पतालों का भी बताया जा रहा है. समय पर योजनाओं की राषि जारी न होने से अस्पताल प्रबंधनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऊपर से फेस्टीवल सीजन चल रहा है. उस पर कर्मचारियों को बोनस देना तो दूर की बात, कई अस्पतालों को वेतन देने के भी लाले पड़ रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन सरकार से मांग कर रहे है कि सरकार निर्धारित समय पर राशी जारी करें.
'बजट मिलते ही जारी होगी राशि': स्टेट नोडल अधिकारी स्टेट हेल्थ अथॉरिटी के स्टेट नोडल अधिकारी देवेंद्र कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि सरकार की तरफ से बजट मिलते ही समय-समय पर अस्पतालों को योजनाओं के तहत राशि जारी की जाती है. हिमकेयर योजना के तहत 9 जून को ही 71 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है. अभी बजट की कमी हो गई है, जिसके लिए सरकार से डिमांड की गई है. उम्मीद है कि दिवाली से पहले अस्पताल प्रबंधनों को लंबित राशि जारी कर दी जाएगी.
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