नाहन: सिरमौर जिला के पशु पालन विभाग ने सरकार के निर्देशों के अनुरूप हिमाचल की अपनी गाय की नस्ल विकसित करने की कार्य योजना बनाई है. इसके तहत यहां पर कार्य चल रहा है. जल्द ही ये नस्ल विकसित होकर सामने आने वाली है.
बता दें कि जल्द ही प्रदेश को विशुद्ध अपनी गाय मिल जाएगी, जिसका नाम है गौरी. गौरतलब है कि गौ संवर्धन को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है. हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार का गृह क्षेत्र बागथन जोकि दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, यहां पर पशु पालन विभाग का गौ संवर्धन केंद्र 1967 से कार्य कर रहा है. यहां पर ऑस्ट्रेलिया से खास विदेशी नस्ल की गाय लाई गई हैं. इस समय यहां पर 13 गाय व 7 बैलों समेत 24 पशु रखे गए हैं.
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पशुपालन विभाग सिरमौर की उपनिदेशक डॉ. नीरू शबनम ने बताया कि इस दिशा में काफी कार्य हो चुका है. जल्द ही प्रदेश की अपनी गाय गौरी मिलने वाली है. उन्होंने बताया कि वर्ष 1967 में स्थापित इस केंद्र में लोगों को दुग्ध उत्पादन के बारे में भी जानकारी दी जाती है. साथ ही अन्य जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं. अब यहां पर हिमाचल की अपनी गाय गौरी को लेकर कार्य योजना पर काम चल रहा है, जोकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित की जा रही है.