नाहन: जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देविंदर कुमार शर्मा की अदालत ने नाबालिग लड़की से दुराचार के दोषी को सात साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
मामले की पैरवी सरकार की ओर से जिला न्यायवादी एमके शर्मा ने की. उन्होंने बताया कि दुराचार के दोषी सुपा राम निवासी शिलाई को अदालत ने दोषी करार दिया है.मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी ने बताया कि दोषी सुपाराम ने पीड़िता से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. उन्होंने बताया कि दोषी 16 अक्टूबर 2016 को नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर उत्तराखंड के विकासनगर ले गया था, जहां से वे पांवटा सराय में पहुंचे.
यहां दोषी ने नाबालिग से दुष्कर्म किया. इसके बाद दोषी ने पीड़िता को ये कहकर शादी से इनकार कर दिया कि वह पहले ही शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. लिहाजा, दोषी ने पीड़िता को बस स्टैंड पर छोड़ दिया. पांवटा बस स्टैंड पर अकेला छोड़ने के बाद जब पीड़िता रोने लगी तो उसे पुलिस स्टेशन पांवटा ले जाया गया.
अभियोजन पक्ष के भाई और मां को पुलिस ने पांवटा साहिब में बुलाया और पुलिस स्टेशन पांवटा साहिब में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. मामले में आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस जांच पूरी होने के बाद एक चालान तैयार किया गया और न्यायिक फैसले के लिए कोर्ट में रखा गया.सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष18 गवाह पेश किए गए. मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत आरोपी को दोषी करार देते हुए ये सजा सुनाई.