नाहन: सिरमौर जिला में तेजी के साथ कोरोना संक्रमण बढ़ा है. पहले जहां नाहन व पांवटा साहिब के शहरी क्षेत्रों में ही कोरोना का प्रकोप था, लेकिन अब सिरमौर के शहरी इलाकों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस पहुंच चुका है.
गुरूवार को डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर विस्तार से मीडिया को आंकड़ों सहित जानकारी दी. डीसी सिरमौर ने बताया कि जिला में अब तक 14,222 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 12, 571 लोग रिकवर हो चुके हैं. अब तक पॉजिटिविटी रेट 10.32 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी रेट 88 प्रतिशत से ज्यादा है. 1,475 एक्टिव केस हैं, जिसमें से 150 कोरोना संक्रमितों का इलाज डेडिकेटिड कोविड अस्पताल व हेल्थ सेंटर में चल रहा है, जबकि 1,325 लोग होम आइसोलेशन में हैं.
104 पंचायतें अति संवेदनशील
डीसी सिरमौर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में थोड़े हालत सुधरे हैं, लेकिन अभी भी 104 पंचायतें अति संवेदनशील श्रेणी में हैं, जहां पर 5 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले हैं. 111 पंचायतें संवेदनशील श्रेणी में हैं, जहां पर 5 से कम मामले हैं. 44 पंचायतें कोरोना से सुरक्षित हैं. इसके साथ ही पांवटा साहिब में करीब 600, नाहन में 300, पच्छाद में 200, शिलाई में 118, राजगढ़ में 104 व संगड़ाह में करीब 150 एक्टिव केस हैं.
सिरमौर में 1.23 प्रतिशत मृत्युदर
डीसी सिरमौर ने कहा कि नाहन व पांवटा साहिब में ही कोरोना संक्रमण के मामले थे, लेकिन अब कोई भी ऐसा इलाका नहीं है, जहां पर कोरोना संक्रमण का मामला नहीं है. हालांकि रिकवरी में सुधार हुआ है, लेकिन संक्रमण से मृत्यु भी काफी ज्यादा बढ़ गई है. अब तक 176 लोग कोरोना संक्रमण से दम तोड़ चुके हैं. जिले में मृत्यु दर 1.23 प्रतिशत है, जबकि महामारी के मापदंडों के मुताबिक 1 प्रतिशत से कम होनी चाहिए. अस्पतालों में लेट एडमिशन अधिकतर मौतों की वजह है. ऐसे में समय रहते लोग अस्पताल पहुंचे. जिला प्रशासन के अनुसार अब संक्रमण से बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे व युवा भी संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में सभी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना चाहिए, तभी संक्रमण से रोकथाम संभव है.
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