नाहन: सिरमौर पुलिस मुख्यालय नाहन के अधीन साइबर सेल में स्थापित किए गए आधुनिक सुविधाओं से लैस कमांड रूम से अब सिरमौर जिला के कोने-कोने पर पुलिस तीसरी आंख से नजर बनाए हुए हैं. जिला मुख्यालय नाहन से ही शहर सहित पांवटा साहिब, कालाअंब आदि कई क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है.
जिला के सभी सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल अब जिला पुलिस मुख्यालय में ले लिया गया है. यही नहीं सिरमौर पुलिस स्वयं अपने मोबाइल पर कभी भी किसी भी क्षेत्र की गतिविधियों को देख रहे हैं और समय-समय पर खुद मॉनिटरिंग कर जवानों को उचित दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं. उत्तराखंड व हरियाणा की सीमाओं के साथ सटे संवेदनशील जिला सिरमौर में अपराधों की रोकथाम के मद्देनजर पुलिस ने तकरीबन 212 सीसीटीवी नाहन, कालाअंब, पांवटा साहिब आदि क्षेत्रों में स्थापित किए हुए हैं, जिनके माध्यम से हर एक गतिविधि को पुलिस की ओर से स्थापित किए गए कमांड रूम से देखा जा रहा है. यही नहीं सारी गतिविधियां उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी में कैद हो रही है. लिहाजा अपराध होने की सूरत में बेहतर क्वालिटी की तस्वीरें पुलिस के लिए मददगार साबित होंगी.
एसपी सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा ने बताया कि जिला पुलिस मुख्यालय में एक कमांड रूम स्थापित किया गया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी का रिमोट कंट्रोल जिला पुलिस मुख्यालय में ले लिया गया है. रिमोट से ही सारी गतिविधियों को देखा जा रहा है. जैसे नाहन, कालाअंब, पांवटा साहिब आदि क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी को कनेक्टिविटी से जोड़कर उनकी फीड यहां पर ले ली गई है और हर गतिविधि की मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस कमांड रूम को और आगे बढ़ाया जाएगा. हेड क्वार्टर के अलावा नगर परिषद नाहन, पांवटा साहिब ने भी सीसीटीवी लगाने के लिए सहयोग किया है. करीब 212 कैमरे विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं.
एसपी सिरमौर अजय शर्मा ने यह भी कहा कि कमांड रूम को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला के होटलों, उद्योगों व धार्मिक स्थलों से भी पुलिस ने सीसीटीवी लगाने का आग्रह किया है, जिसमें काफी सहयोग भी मिला है.
जिला में तकरीबन 4500 प्राइवेट बॉडीज ने भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इस नेटवर्क को और अधिक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जिला में अपराध को रोकने में मदद मिल सके. एसपी ने कहा कि लोगों को भी सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिस की ओर से प्रेरित किया जाएगा. कुल मिलाकर पुलिस का बढ़ते अपराधों को रोकने की दिशा में यह कदम जहां मददगार साबित होगा. वहीं, इससे समाज में सुरक्षा की भावना भी जागृत होगी.
ये भी पढ़ें: नाहन में बनेंगे 20 हजार गोबर के दीये, महिलाएं ले रही ट्रेनिंग