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पांवटा साहिब: दवाई कंपनी के श्रमिकों ने ठेकेदार और कंपनी पर लगाए शोषण के आरोप - himachal news

पांवटा साहिब की एक दवा उद्योग में श्रमिकों के शोषण का मामला सामने आया है. ट्टियों का वेतन काटा जा रहा है और कोरोना काल में भी श्रमिकों को कोई वेतन नहीं दिया गया. अब श्रमिक फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. श्रमिकों को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि पीएफ सरकारी वेतन के हिसाब से काटा जा रहा है

दवाई कंपनी
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Published : Dec 16, 2020, 2:24 PM IST

पांवटा साहिब: पांवटा साहिब की एक दवा उद्योग में श्रमिकों के शोषण का मामला सामने आया है. यहां श्रमिकों को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है. छुट्टियों का वेतन काटा जा रहा है और कोरोना काल में भी श्रमिकों को कोई वेतन नहीं दिया गया. अब श्रमिक फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.

श्रमिक का हो रहा शोषण

दवा उद्योग के बाहर जमा यह श्रमिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उद्योग में इनसे 12-12 घंटे काम लिया जाता है और वेतन 8 घंटा के हिसाब से दिया जाता है. यही नहीं श्रमिकों को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि पीएफ सरकारी वेतन के हिसाब से काटा जा रहा है. इस काम में फैक्ट्री प्रबंधन सहित मजदूर ठेकेदार की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.

वीडियो

नींद में श्रम विभाग

बुधवार को श्रमिक सुबह से ही फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन श्रम विभाग का कोई भी अधिकारी श्रमिकों के पास नहीं पहुंचा है. श्रमिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. फैक्ट्री के इन श्रमिकों की विडंबना यह है कि ना कंपनी प्रबंधन इनकी बात सुन रहा है ना श्रम विभाग इनकी सहायता के लिए आगे आया है.

मामला जल्द सुलझाया जाएगा

जिला लेवल इंस्पेक्टर सीएम शर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में भी पहुंचा है. इस पर आज ही सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बातें सुनकर इस मामले को सुलझाया जाएगा.

पांवटा साहिब: पांवटा साहिब की एक दवा उद्योग में श्रमिकों के शोषण का मामला सामने आया है. यहां श्रमिकों को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है. छुट्टियों का वेतन काटा जा रहा है और कोरोना काल में भी श्रमिकों को कोई वेतन नहीं दिया गया. अब श्रमिक फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.

श्रमिक का हो रहा शोषण

दवा उद्योग के बाहर जमा यह श्रमिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उद्योग में इनसे 12-12 घंटे काम लिया जाता है और वेतन 8 घंटा के हिसाब से दिया जाता है. यही नहीं श्रमिकों को सरकार की ओर से निर्धारित वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि पीएफ सरकारी वेतन के हिसाब से काटा जा रहा है. इस काम में फैक्ट्री प्रबंधन सहित मजदूर ठेकेदार की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.

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नींद में श्रम विभाग

बुधवार को श्रमिक सुबह से ही फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन श्रम विभाग का कोई भी अधिकारी श्रमिकों के पास नहीं पहुंचा है. श्रमिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. फैक्ट्री के इन श्रमिकों की विडंबना यह है कि ना कंपनी प्रबंधन इनकी बात सुन रहा है ना श्रम विभाग इनकी सहायता के लिए आगे आया है.

मामला जल्द सुलझाया जाएगा

जिला लेवल इंस्पेक्टर सीएम शर्मा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में भी पहुंचा है. इस पर आज ही सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बातें सुनकर इस मामले को सुलझाया जाएगा.

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