पांवटा साहिब: पूरे देश में हर वर्ष दिवाली पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लोग खुलकर पैसे खर्च करते हैं. हर वर्ष शहरों में होर्डिंग्स बैनर्स के जरिए दिवाली के बधाई संदेश दिए जाते हैं, लेकिन इस बार होर्डिंग्स व बैनर्स के जरिए बधाई विज्ञापन नजर नहीं आ रहे.
दरअसल जिला सिरमौर पांवटा साहिब में दिवाली त्योहारी सीजन के दौरान भी शहर में कमर्शियल होर्डिंग्स और बैनर्स की भरमार नजर नहीं आई. हर बार त्योहार के समय ऐसे विज्ञापनों की होड़ सी लग जाती है. लॉकडाउन और कोरोना के कारण इस बार धंधा बहुत मंदा रहा. जिसके चलते इस बार तरह के विज्ञापन देने वालों पर भी असर पड़ा है.
पांवटा साहिब के चौक-चौराहे बिजली के पोल पर होर्डिंग्स और बैनर्स नजर आते थे तो यहां पर इस बात इक्का-दुक्का नजर आ रहे हैं. पांवटा साहिब में दिवाली के त्योहार पर लगभग सैकड़ों बैनर सड़कों पर नजर आते थे पर अब मात्र एक दर्जन भी बैनर होर्डिंग्स नजर नहीं आ रहे हैं. जिसका पूरा असर नगर परिषद पांवटा प्रिंटिंग प्रेस और विज्ञापन कंपनियों को केबल ऑपरेटर और सोशल मीडिया के लोगों को हुआ है.
विज्ञापन एजेंसी ऑल प्रिंटिंग प्रेस के कारोबारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ दी है. घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है और 8 महीने से दुकान का किराया, वर्करों की सैलरी, घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था. त्योहारों में उम्मीद थी कि उनका कामकाज पटरी पर आएगा पर काम फीका रहा अब दुकान बंद करनी पड़ रही है.
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वहीं, हर वर्ष शुभकामनाओं की ऐड पर खर्चा कर रहे श्याम चौहान ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से कामकाज पहले भी ठप पड़े हैं. त्योहारों के सीजन पर लोग अपने घर की सजावट में और रंग रौनक से लेकर लिपाई पुताई का काम में जुट जाते थे, लेकिन इस बार महंगाई की मार लोगों पर ऐसे ही पढ़ी गई घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है.
उन्होंने कहा कि हर वर्ष शुभकामनाएं की ऐड के बैनर छपाते थे, लेकिन इस बार उनका काम पटरी पर नहीं आ पाया. पांवटा साहिब के सबसे बड़े प्रिंटर और विज्ञापन कंपनी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हर वर्ष चार से पांच लाख रुपए तक का मुनाफा कमाते थे, लेकिन इस बार सारा काम फीका पड़ा है. दुकान का खर्चा वर्करों की सैलरी देना भी मुश्किल हो गया है.
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उन्होंने कहा कि जितने भी यहां पर होर्डिंग लगे हैं आधे-आधे खाली हैं. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में उनका काम पटरी पर आएगा. वहीं, पांवटा साहिब नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से इस बार शहर में होर्डिंग्स नहीं लग पाए. इस बार दिवाली में उनकी आय बिल्कुल जीरो है. उनका होर्डिंग्स का प्राइस 350 स्क्वायर मीटर के हिसाब से होता था.
हर महीने एक से डेढ़ लाख रुपए की आए हो जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कोई संभावना नहीं है. अभी तक कोई भी होर्डिंग्स नहीं लगी है. वहीं, उन्होंने बताया कि पटाखों की अभी तक कोई दुकान नहीं लगी है. वहीं, पांवटा साहिब के दुकानदारों का भी कहना है कि हर वर्ष होर्डिंग बैनर और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे, लेकिन इस बार नहीं दिया. उन्होंने कहा कि दिवाली का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा.
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जमकर खरीदारी की जा रही है पर इस बार विज्ञापन पर कोई खर्च नहीं किया जाएगा, क्योंकि पहले भी उनकी हालत कमजोर है. उन्होंने बताया कि अभी तक एक रुपये का भी उन्होंने विज्ञापन नहीं दिया है. पांवटा साहिब के लोकल केबल ऑपरेटर से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हर वर्ष एक लाख से अधिक का विज्ञापन उन्हें पहुंचता था पर इस बार तो खाता खोलना भी मुश्किल हो गया है. पूरी मार्केटिंग करने के बावजूद भी बड़े-बड़े शोरूम बड़े दुकानदार उद्योगपति विज्ञापन देने में गुरेज कर रहे हैं.