रोनहाट/सिरमौर: सामुदियक स्वास्थ्य केंद्र रोनहाट को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा अपग्रेड किया गया था. करीब 2 साल पहले मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी का दर्जा दिया था. अब हालात ऐसे हैं कि इस सीएचसी में मरीज का इलाज करने के लिए डॉक्टर ही नहीं हैं.
शिलाई विधानसभा में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
रोनहाट सीएचसी में डॉक्टर बीते 1 वर्ष से गायब हैं. 2018 में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हरनोट सीएचसी में 2 डॉक्टर तैनात रहेंगे लेकिन यहां पर तैनात इकलौते डॉक्टर का भी यहां से तबादला कर दिया गया है. फिलहाल यह सीएचसी 2 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सहारे चल रहा है. कांग्रेस विधायक हर्ष वर्धन चौहान ने बताया कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा चुकी हैं. यहां पर सरकारी सीएचसी में मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर शिमला और नाहन का रूख करके अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है.
डॉक्टर की तैनाती न होने पर अनशन की चेतावनी
रोनहाट सीएचसी में रखी लाखों रुपए की मशीनें बीते लम्बे अरसे से पड़े-पड़े ही धूल फांक रही हैं. सीएचसी में डॉक्टर, डेंटल सर्जन, फार्मासिस्ट, लैब टेकनिशयन और स्टाफ नर्स सहित कुल 9 पद बीते लम्बे अरसे से खाली पड़े हुए हैं. सिरमौर के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के लिए स्थानीय कांग्रेस विधायक और बीजेपी के पूर्व विधायक को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए बताया कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोनहाट में स्थाई डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई तो सीएचसी में ताला लगाकर आमरण अनशन पर बैठने के लिए क्षेत्र के लोगों को मजबूर होना पड़ेगा.
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