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कुफरी की 'नाक' यहां के याक, रोजाना हजारों रुपये की कमाई कर रहे याक पालक

शिमला के पर्यटक स्थल कुफरी में हर रोज दो हजार पर्यटक पहुंंच रहे हैं. गर्मियों के इस मौसम में देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से सैलानी याक की सवारी का मजा लेने आते हैं.

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Published : May 5, 2019, 10:58 AM IST

Updated : May 5, 2019, 12:02 PM IST

याक

करसोग: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में याक कमाई का एक अच्छा साधन बन गया है. गर्मियों के इस मौसम में देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से सैलानी याक की सवारी का मजा लेने आते हैं. जिसके चलते याक कारोबारियों को अच्छी कमाई होती है.

बता दें कि मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए शिमला की अपर ग्रीन वैली से कुफरी में हर रोज करीब 2 हजार पर्यटक आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर पर याक पालक रोजाना हजार 12 सौ रुपये रुपये कमा रहे हैं. ये परिवार याक से न केवल परिवार की रोजी रोटी चला रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं.

इस ठंडे क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए याक कमाई एक बड़ा जरिया बनता जा रहा है. कई परिवारों में तो उच्च शिक्षा प्राप्त युवा सफेद कॉलर नौकरी के पीछे न भागकर याक कारोबार को ही अपनी आजीविका चलाने का साधन बना रहे हैं.

जानाकारी देते याक पालक

वहीं, कई पर्यटकों को पहाड़ी वेशभूषा के वस्त्र पहनकर याक पर बैठकर फोटो खिंचवानी भी पसंद है. ऐसे में लोग पहाड़ी वस्त्र के कारोबार से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. स्थानीय स्तर पर याक कारोबार से 45 से ज्यादा परिवार जुड़े हुए हैं. यहां के लोगों के लिए याक रोजगार का अच्छा साधन बन गया है.

yak business in kufri
याक

लेह-लद्दाख से लाए जाते हैं याक
याक ठंडे क्षेत्रों में ही रहने के आदि होते हैं. ग्रीन वैली से कुफरी तक के सभी याक जनजातीय क्षेत्र लेह-लद्दाख, सांगला व छीतकुल जैसे ठंडे क्षेत्रों से लाए गए हैं. घने देवदारों से घिरे कुफरी और आसपास के क्षेत्रों में याक के लिए वातावरण अनुकूल है. जिस कारण बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इस कारोबार से जुड़ रहे हैं. लोग इस कारोबार में सरकार से सहयोग की मांग कर रही हैं.

करसोग: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में याक कमाई का एक अच्छा साधन बन गया है. गर्मियों के इस मौसम में देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से सैलानी याक की सवारी का मजा लेने आते हैं. जिसके चलते याक कारोबारियों को अच्छी कमाई होती है.

बता दें कि मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए शिमला की अपर ग्रीन वैली से कुफरी में हर रोज करीब 2 हजार पर्यटक आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर पर याक पालक रोजाना हजार 12 सौ रुपये रुपये कमा रहे हैं. ये परिवार याक से न केवल परिवार की रोजी रोटी चला रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं.

इस ठंडे क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए याक कमाई एक बड़ा जरिया बनता जा रहा है. कई परिवारों में तो उच्च शिक्षा प्राप्त युवा सफेद कॉलर नौकरी के पीछे न भागकर याक कारोबार को ही अपनी आजीविका चलाने का साधन बना रहे हैं.

जानाकारी देते याक पालक

वहीं, कई पर्यटकों को पहाड़ी वेशभूषा के वस्त्र पहनकर याक पर बैठकर फोटो खिंचवानी भी पसंद है. ऐसे में लोग पहाड़ी वस्त्र के कारोबार से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. स्थानीय स्तर पर याक कारोबार से 45 से ज्यादा परिवार जुड़े हुए हैं. यहां के लोगों के लिए याक रोजगार का अच्छा साधन बन गया है.

yak business in kufri
याक

लेह-लद्दाख से लाए जाते हैं याक
याक ठंडे क्षेत्रों में ही रहने के आदि होते हैं. ग्रीन वैली से कुफरी तक के सभी याक जनजातीय क्षेत्र लेह-लद्दाख, सांगला व छीतकुल जैसे ठंडे क्षेत्रों से लाए गए हैं. घने देवदारों से घिरे कुफरी और आसपास के क्षेत्रों में याक के लिए वातावरण अनुकूल है. जिस कारण बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इस कारोबार से जुड़ रहे हैं. लोग इस कारोबार में सरकार से सहयोग की मांग कर रही हैं.

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From:rashmi raj <rashmiraj.51009@gmail.com>
Date: Sun, May 5, 2019, 6:06 AM
Subject: Yaak news kufri 5 may
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


कुफरी की नाक यहां के याक  रोज़ाना कर रहे 50 हज़ार की कमाई

गर्मियों में रोज पहुँच  रहे 2 हज़ार पर्यटक, 45 परिवारों की चल है रोजी रोटी

करसोग

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शिमला के कुफ़री सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में याक कमाई का एक अच्छा साधन बन गया है। चारों और से देवदार के हरे भरे खूबसूरत जंगलों से घिरे कुफ़री में  गर्मियों के इस मौसम में याक की सवारी का मजा आनंद लेने के लिए इन दिनों देश के अलग अलग कोनों सहित विदेशों से सैलानी पहुंच रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए शिमला की अपर ग्रीन वैली से कुफरी तक रोज़ाना  करीब 2 हज़ार पर्यटक पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर याक कारोबार से जुड़े 45 से अधिक परिवार हर रोज 50 हज़ार के करीब की  कमाई कर रहे हैं। ये परिवार याक से न केवल परिवार की रोजी रोटी चला रहे हैं बल्कि 100 के करीब और  लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं। ऐसे में इस ठंडे क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए याक कमाई का एक बड़ा जरिया बनता जा रहा है। कई परिवारों में तो उच्च शिक्षा प्राप्त युवा सफेद कॉलर नौकरी के पीछे न भागकर याक कारोबार को ही अपनी आजीविका चलाने का साधन बना रहे हैं।  यही नहीं पर्यटकों को पहाड़ी वेशभूषा के वस्त्र पहनकर याक पर बैठकर फ़ोटो खिंचवानी भी पसंद है। ऐसे में लोग पहाड़ी वस्त्र के कारोबार से अच्छी कमाई कर रहे हैं। स्थानीय निवासी राकेश सूद का कहना है कि याक ठंडे स्थानों में रहता है। कुफरी सहित आपपास के क्षेत्रों में देवदार के घने जंगल है। इससे यहां काफी ठंड पड़ती है
ऐसे में यहां के लोगों के लिए याक रोजगार का अच्छा साधन बन गया है। 

लेह लदाख से लाए जाते हैं याक:

ग्रीन वेली से कुफरी तक जीतने याक है, ये सभी जनजातीय क्षेत्र लेह लदाख, सांगला व छीतकुल जैसे अधिक ठंडे क्षेत्रों से लाये गए हैं। यहां अधिक  बर्फ गिरने से भी काफी पड़ती है। ऐसे में याक केवल ठंडे क्षेत्रों में ही रहने की आदत होती है। इसलिए  घने देवदारों से घिरे कुफ़री और आसपास के क्षेत्रों में याक के लिए वातावरण अनुकूल है। इसको देखते हुए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इस कारोवार से जुड़ रहे हैं। इसके साथ ही लोग इस कारोबार में सरकार से सहयोग की भी मांग कर रही है। 
Last Updated : May 5, 2019, 12:02 PM IST
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