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मनरेगा श्रमिकों पर ली जाएगी विधि विभाग की राय, श्रमिकों पर 124 करोड़ खर्च करेगा कामगार कल्याण बोर्ड - कामगार कल्याण बोर्ड की बैठक शिमला में हुई

सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड 100 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों पर खर्च करेगा. वहीं, बोर्ड की आय करीब 165 करोड़ होगी. सोमवार को कामगार कल्याण बोर्ड की बैठक हुई. वहीं, मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड करने के मामले में विधि विभाग की राय ली जाएगी. (Workers Welfare Board meeting held in Shimla)

Workers Welfare Board meeting held in Shimla
Workers Welfare Board meeting held in Shimla
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Published : Apr 4, 2023, 7:18 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य भवन व सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 124 करोड़ रुपए खर्च करेगा. इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में कामगार कल्याण बोर्ड को अलग-अलग स्रोतों से 165 करोड़ रुपए की आय का अनुमान है. सोमवार को शिमला में भवन और सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की निदेशक मंडल की बैठक में श्रम व रोजगार मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड कामगारों को सभी देय लाभ समय पर जारी किए जाएंगे.

देनदारियों को तय समय सीमा में निपटाया जाए: बैठक में मौजूद अधिकारियों को श्रम मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड करने के मामले में विधि विभाग की राय लेने को कहा. उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को पंजीकृत कामगारों की विभिन्न देनदारियों को तय समय सीमा के भीतर निपटाने के भी निर्देश दिए. मंत्री ने विभिन्न जिलों में नए नियुक्त किए गए श्रम कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पात्र श्रमिकों को बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करें. इस मौके पर बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कामगारों की मांगों को श्रम एवं रोजगार मंत्री मंत्री के समक्ष रखा.

पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए: उन्होंने मांग की कि बोर्ड के तहत चल रही योजनाओं पर कामगारों को जागरूक करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए. इसके अलावा मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड के तहत पंजीकृत करने के लिए भी उन्होंने सरकार के समक्ष मामला उठाने का आग्रह किया. बैठक में वित्त सचिव अक्षय सूद, श्रम आयुक्त रोहित जम्वाल, बोर्ड के सीईओ दिले राम धीमान सहित श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

2009 में हुआ था बोर्ड का गठन: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश भवन व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याण बोर्ड का गठन वर्ष 2009 को किया गया था. इसके तहत पंजीकृत हुए श्रमिकों को मदद दी जाती है, इसमें कामगारों को स्वास्थ्य, पारिवारिक समारोहों जैसे शादी आदि के अलावा शिक्षा के लिए सहायता दी जाती है. बोर्ड के पंजीकृत लाभार्थी को तीन साल की अवधि तक निरंतर पंजीकृत होने पर पेंशन की सुविधा भी मिलती है. हिमाचल सरकार कामगार बोर्ड को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड पंजीकृत कामगारों को दे रहा बेहतर सुविधाएं, उठाएं इन योजनाओं का लाभ

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य भवन व सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 124 करोड़ रुपए खर्च करेगा. इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 में कामगार कल्याण बोर्ड को अलग-अलग स्रोतों से 165 करोड़ रुपए की आय का अनुमान है. सोमवार को शिमला में भवन और सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की निदेशक मंडल की बैठक में श्रम व रोजगार मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड कामगारों को सभी देय लाभ समय पर जारी किए जाएंगे.

देनदारियों को तय समय सीमा में निपटाया जाए: बैठक में मौजूद अधिकारियों को श्रम मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड करने के मामले में विधि विभाग की राय लेने को कहा. उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को पंजीकृत कामगारों की विभिन्न देनदारियों को तय समय सीमा के भीतर निपटाने के भी निर्देश दिए. मंत्री ने विभिन्न जिलों में नए नियुक्त किए गए श्रम कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पात्र श्रमिकों को बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करें. इस मौके पर बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कामगारों की मांगों को श्रम एवं रोजगार मंत्री मंत्री के समक्ष रखा.

पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए: उन्होंने मांग की कि बोर्ड के तहत चल रही योजनाओं पर कामगारों को जागरूक करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए. इसके अलावा मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड के तहत पंजीकृत करने के लिए भी उन्होंने सरकार के समक्ष मामला उठाने का आग्रह किया. बैठक में वित्त सचिव अक्षय सूद, श्रम आयुक्त रोहित जम्वाल, बोर्ड के सीईओ दिले राम धीमान सहित श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

2009 में हुआ था बोर्ड का गठन: उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश भवन व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याण बोर्ड का गठन वर्ष 2009 को किया गया था. इसके तहत पंजीकृत हुए श्रमिकों को मदद दी जाती है, इसमें कामगारों को स्वास्थ्य, पारिवारिक समारोहों जैसे शादी आदि के अलावा शिक्षा के लिए सहायता दी जाती है. बोर्ड के पंजीकृत लाभार्थी को तीन साल की अवधि तक निरंतर पंजीकृत होने पर पेंशन की सुविधा भी मिलती है. हिमाचल सरकार कामगार बोर्ड को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत है.

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