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अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए महिलाओं को मिला सम्मान, शिक्षा मंत्री ने किया सम्मानित

शिमला शहर में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट और बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं के लिए सम्मान समारोह का आयोजन गेयटी थियेटर में किया गया. यह सम्मान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अपने हाथों से इन महिलाओं को दिया और उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों को भी सराहा.

Women of shimla honored by education minister
गेयटी थियेटर में महिला सम्मान समारोह
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Published : Mar 12, 2020, 9:11 PM IST

शिमलाः शिमला शहर में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट और बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं के लिए सम्मान समारोह का आयोजन गेयटी थियेटर में किया गया. यह सम्मान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अपने हाथों से इन महिलाओं को दिया और उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों को भी सराहा.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जहां कई आयोजन शहर में किए गए थे और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया था. उसी की तरह इस कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें शिमला शहर की महिलाओं को भी सम्मानित किया गया और उनके समाज के प्रति किए गए कार्यों को लोगों के समक्ष लाया.

वीडियो.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ये दशक महिलाओं का दशक है. इस दशक में महिलाएं आगे बढ़े इसकी हम इनकों बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते है. आज हील इंडिया की ओर से यहां शिमला शहर की उन महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है. जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम किया है.

इस आयोजन में शिमला शहर की 13 के करीब महिलाओं को सम्मानित किया गया. जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. पीडब्ल्यूडी में पहली चीफ इंजीनियरिंग अर्चना ठाकुर के साथ ही कुशल मल्होत्रा जिन्होंने गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन देने का काम किया है.

इसी साथ ही शिमला में महिला सफाई कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम को करवाने के पीछे का उद्देश्य सही मायनों में महिलाओं को सशक्त बनाना है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर इसी तरह से हम महिलाओं को प्रोत्साहन देते रहेंगे तो महिलाएं पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर सकती है. अगर एचपीयू में छात्राओं को 10 गोल्ड मैडल मिलते हैं, तो वह मैडल छात्राओं के होते हैं.

वहीं, जो छात्र एचपीयू में पढ़ते है उसमें से 70 फीसदी के करीब छात्राएं ही हैं. इसी के साथ ही शिमला में आरकेएमवी और सेंट बीड्स कॉलेज दो कन्या महाविद्यालय हैं, जहां छात्र-छात्राओं की संख्या हजारों में है.

महिलाएं आर्मी, नौसेना, वायु सेना, पैरामिलिट्री और खेत खलिहान में काम करती हैं. इसमें सबसे बड़ा योगदान उन्ही का रहता है, ऐसे में महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए इस तरह के प्रयास बेहद सराहनीय है.

शिमलाः शिमला शहर में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट और बेहतरीन कार्य करने वाली महिलाओं के लिए सम्मान समारोह का आयोजन गेयटी थियेटर में किया गया. यह सम्मान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अपने हाथों से इन महिलाओं को दिया और उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों को भी सराहा.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जहां कई आयोजन शहर में किए गए थे और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया था. उसी की तरह इस कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें शिमला शहर की महिलाओं को भी सम्मानित किया गया और उनके समाज के प्रति किए गए कार्यों को लोगों के समक्ष लाया.

वीडियो.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ये दशक महिलाओं का दशक है. इस दशक में महिलाएं आगे बढ़े इसकी हम इनकों बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते है. आज हील इंडिया की ओर से यहां शिमला शहर की उन महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है. जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम किया है.

इस आयोजन में शिमला शहर की 13 के करीब महिलाओं को सम्मानित किया गया. जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. पीडब्ल्यूडी में पहली चीफ इंजीनियरिंग अर्चना ठाकुर के साथ ही कुशल मल्होत्रा जिन्होंने गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन देने का काम किया है.

इसी साथ ही शिमला में महिला सफाई कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम को करवाने के पीछे का उद्देश्य सही मायनों में महिलाओं को सशक्त बनाना है.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर इसी तरह से हम महिलाओं को प्रोत्साहन देते रहेंगे तो महिलाएं पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर सकती है. अगर एचपीयू में छात्राओं को 10 गोल्ड मैडल मिलते हैं, तो वह मैडल छात्राओं के होते हैं.

वहीं, जो छात्र एचपीयू में पढ़ते है उसमें से 70 फीसदी के करीब छात्राएं ही हैं. इसी के साथ ही शिमला में आरकेएमवी और सेंट बीड्स कॉलेज दो कन्या महाविद्यालय हैं, जहां छात्र-छात्राओं की संख्या हजारों में है.

महिलाएं आर्मी, नौसेना, वायु सेना, पैरामिलिट्री और खेत खलिहान में काम करती हैं. इसमें सबसे बड़ा योगदान उन्ही का रहता है, ऐसे में महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए इस तरह के प्रयास बेहद सराहनीय है.

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