शिमलाः स्वर्ण जयंती नारी संबल योजना से आयकरदाता और पेंशन लेने वाली महिलाएं या पति अगर टैक्स दे रहे हैं या पेंशन ले रहे हैं तो महिलाओं को अपात्र माना जाएगा. प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचित के अनुसार 65 से 69 साल की महिलाओं को सरकार हर महीने 1000-1000 रुपये देगी.
बीते दिनों सरकार ने इस योजना को संशोधित करने की घोषणा की थी. अब अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी सेवा की पेंशन ले रहे वृद्ध दंपति अथवा आयकरदाता वृद्ध दंपति बिना किसी आय सीमा की शर्त के दी जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे.
आयकरदाता और पेंशन लेने वाली महिलाएं होंगी अपात्र
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बजट में महिलाओं के लिए घोषित की गई स्वर्ण जयंती नारी संबल योजना के नियम अधिसूचित कर दिए हैं. नियमों के तहत आयकरदाता और पेंशन लेने वाली महिलाएं इस योजना के लिए अपात्र होंगी. पति अगर टैक्स दे रहे हैं या पेंशन ले रहे हैं तो भी महिलाओं को अपात्र माना जाएगा. योजना के तहत 65 से 69 साल की महिलाओं को प्रदेश सरकार हर महीने 1000-1000 रुपये देगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बजट घोषणा के बाद प्रदेश भर में इस योजना का काफी विरोध हुआ था.
इन्हें मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ
वृद्धावस्था पेंशन का लाभ केवल उन वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा, जिनमें दंपति में से किसी को सरकारी सेवा की पेंशन नहीं मिल रही हो अथवा कोई आयकरदाता न हो. आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ जरूरतमंदों को मिल सके, इसके लिए योजना के नियम 6 के तहत उप नियम 5 में यह पात्रता तय कर दी गई है. स्वर्ण जयंती नारी संबल योजना के अंतर्गत 65 से 69 वर्ष की आयु की सभी पात्र महिलाओं को पेंशन दी जानी है. सरकार इन्हें बिना किसी आय सीमा की शर्त के 1000-1000 रुपये प्रतिमाह देगी.
सदन में भाजपा विधायक रमेश धवाला ने भी इस योजना पर तीखे तंज किए थे. उस समय पात्रता तय नहीं होने के चलते 65 से 69 वर्ष की सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं देने की सरकार से मांग की गई थी.
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