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मौसम की मार! इस वजह से नहीं हो सका ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने का जश्न

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Published : Jan 20, 2020, 4:51 PM IST

ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने पर मनाया जाने वाले जश्न पर मौसम की मार पड़ी है. मौसम के साथ ना देने की वजह से सौ वर्ष पूरे होने का जश्न पूरी तरह से धुल गया है.

Weather washed away 100 years celebration of ice skating rink
ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने का जश्न

शिमलाः राजधानी के लक्कड़बाजार में स्थित ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने पर मनाया जाने वाले जश्न पर मौसम की मार पड़ी है. मौसम के साथ ना देने की वजह से सौ वर्ष पूरे होने का जश्न पूरी तरह से धुल गया है.

शिमला में बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद से ही मौसम लगातार खराब बना हुआ है. आसमान में बादल छाए हुए हैं, जिसकी वजह से स्केटिंग रिंक में स्केटिंग सेशन भी आयोजित नहीं हो पा रहे हैं. स्केटिंग करवाने में भी स्केटिंग क्लब को दिक्कतें पेश आ रही हैं. ऐसे में सौ सालों के जश्न को लेकर कार्निवाल और जिमखाना का आयोजन अब नहीं हो पाएगा.

वीडियो.

बता दें कि स्केटिंग क्लब ने तय किया था कि इस ऐतिहासिक स्केटिंग रिंक के 100 वर्ष पूरा होने के मौके पर इस बार जीमखाना और कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा, लेकिन अब मौसम की वजह से यह संभव होता नहीं दिख रहा है. दिसंबर माह से आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ की परत बिछा कर स्केटिंग के सेशन शुरू किए गए थे, लेकिन अभी तक कुल 35 सेशन ही स्केटिंग के हो पाए हैं, जो कि एवरेज से भी कम है.

स्केटिंग क्लब के सदस्य सुदीप महाजन ने कहा कि इस बार ऐतिहासिक स्केटिंग क्लब ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए हैं. इस उपलक्ष्य पर क्लब की ओर से रिंक में जीमखाना और कार्निवाल का आयोजन किया जाना था, लेकिन मौसम लगातार खराब चल रहा है. जिस वजह से यह आयोजन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है.

बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड के साथ ही स्थित यह स्केटिंग रिंक साउथ ईस्ट एशिया के पहले सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है. यहां अंग्रेजों के जमाने से अभी तक प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है. नवंबर माह में तापमान में गिरावट आते ही रिंक के मिट्टी के मैदान में पानी छिड़का जाता है. जिससे प्राकृतिक तरीके से जमने दिया जाता है और जब बर्फ की एक परत मैदान पर जमकर तैयार हो जाती है, तो उस पर स्केटिंग की जाती है. इसके साथ ही जिमखाना और कार्निवाल का आयोजन भी यहां स्केटिंग रिंक में स्केटर्स के लिए करवाया जाता है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम में आ रहे बदलाव के चलते मैदान में स्केटिंग के सेशन प्रभावित हो रहे हैं.

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मौसम खराब होने के चलते यहां बर्फ की जो परत जमाई जाती है, लेकिन उस पर स्केटिंग नहीं हो पाती है. ऐसे में जो स्केटिंग पहले नवंबर से लेकर जनवरी - फरवरी माह तक चलती थी, अब उसमें कमी आने लगी है और ना ही स्केटिंग से जुड़ी प्रतियोगिताएं रिंक में हो पा रही हैं.

शिमलाः राजधानी के लक्कड़बाजार में स्थित ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने पर मनाया जाने वाले जश्न पर मौसम की मार पड़ी है. मौसम के साथ ना देने की वजह से सौ वर्ष पूरे होने का जश्न पूरी तरह से धुल गया है.

शिमला में बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद से ही मौसम लगातार खराब बना हुआ है. आसमान में बादल छाए हुए हैं, जिसकी वजह से स्केटिंग रिंक में स्केटिंग सेशन भी आयोजित नहीं हो पा रहे हैं. स्केटिंग करवाने में भी स्केटिंग क्लब को दिक्कतें पेश आ रही हैं. ऐसे में सौ सालों के जश्न को लेकर कार्निवाल और जिमखाना का आयोजन अब नहीं हो पाएगा.

वीडियो.

बता दें कि स्केटिंग क्लब ने तय किया था कि इस ऐतिहासिक स्केटिंग रिंक के 100 वर्ष पूरा होने के मौके पर इस बार जीमखाना और कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा, लेकिन अब मौसम की वजह से यह संभव होता नहीं दिख रहा है. दिसंबर माह से आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ की परत बिछा कर स्केटिंग के सेशन शुरू किए गए थे, लेकिन अभी तक कुल 35 सेशन ही स्केटिंग के हो पाए हैं, जो कि एवरेज से भी कम है.

स्केटिंग क्लब के सदस्य सुदीप महाजन ने कहा कि इस बार ऐतिहासिक स्केटिंग क्लब ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए हैं. इस उपलक्ष्य पर क्लब की ओर से रिंक में जीमखाना और कार्निवाल का आयोजन किया जाना था, लेकिन मौसम लगातार खराब चल रहा है. जिस वजह से यह आयोजन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है.

बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड के साथ ही स्थित यह स्केटिंग रिंक साउथ ईस्ट एशिया के पहले सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है. यहां अंग्रेजों के जमाने से अभी तक प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है. नवंबर माह में तापमान में गिरावट आते ही रिंक के मिट्टी के मैदान में पानी छिड़का जाता है. जिससे प्राकृतिक तरीके से जमने दिया जाता है और जब बर्फ की एक परत मैदान पर जमकर तैयार हो जाती है, तो उस पर स्केटिंग की जाती है. इसके साथ ही जिमखाना और कार्निवाल का आयोजन भी यहां स्केटिंग रिंक में स्केटर्स के लिए करवाया जाता है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम में आ रहे बदलाव के चलते मैदान में स्केटिंग के सेशन प्रभावित हो रहे हैं.

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मौसम खराब होने के चलते यहां बर्फ की जो परत जमाई जाती है, लेकिन उस पर स्केटिंग नहीं हो पाती है. ऐसे में जो स्केटिंग पहले नवंबर से लेकर जनवरी - फरवरी माह तक चलती थी, अब उसमें कमी आने लगी है और ना ही स्केटिंग से जुड़ी प्रतियोगिताएं रिंक में हो पा रही हैं.

Intro:शिमला के लक्कड़बाज़ार स्थित ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल पूरे होने पर मनाया जाने वाले जश्न पर मौसम की मार पड़ी है। मौसम के साथ ना देने की वजह से सौ वर्ष पूरे होने पर जिस जश्न की प्लानिंग की गई थी वह जश्न पूरी तरह से धूल गया है और अभी तक कोई भी आयोजन यहां स्केटिंग रिंक में नहीं हो पाए। शिमला में बीते दिनों हुई बर्फ़बारी के बाद से ही मौसम लगातार खराब बना हुआ है। आसमान में बादल छाए है जिसकी वजह से स्केटिंग रिंक में स्केटिंग के सेशन भी आयोजित नहीं हो पा रहे है। स्केटिंग करवाने में भी दिक्कतें स्केटिंग क्लब को आ रही है तो ऐसे में सौ सालों के जश्न को लेकर कार्निवाल ओर जिमखाना का आयोजन यहां किया जाना था अब वह भी नहीं हो पा रहा है।

Body:स्केटिंग क्लब ने तय किया था कि इस ऐतिहासिक स्केटिंग रिंक के 100 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में यहां इस बार जीमखाना ओर कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा लेकिन अब मौसम की वजह से यह संभव होता नहीं दिख रहा है। दिसंबर माह से आइस स्केटिंग रिंक में बर्फ की परत बिछा कर स्केटिंग के सेशन शुरू किए गए थे लेकिन अभी तक कुल 35 सेशन ही स्केटिंग के हो पाए है। जो कि एवरेज से भी कम है। स्केटिंग क्लब के सदस्य सुदीप महाजन ने कहा कि इस बार ऐतिहासिक स्केटिंग क्लब ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए है। इस उपलक्ष्य पर क्लब की ओर से रिंक में जीमखाना ओर कार्निवाल का आयोजन किया जाना था लेकिन मौसम लगातार खराब चल रहा है जिसकी वजह से यह आयोजन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अभी भी मौसम साथ देता है तो वह इस आयोजन को करवाने का प्रयास करेंगे ओर अगर अभी संभव नहीं होता है तो अगले सीजन में नवंबर-दिसंबर माह में यह आयोजन क्लब की ओर से करवाए जाएंगे।

Conclusion:बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड के साथ ही स्थित यह स्केटिंग रिंक साउथ ईस्ट एशिया के पहले सेमी नेचुरल आइस स्केटिंग रिंक है।यहां अंग्रेजों के जमाने से अभी तक प्राकृतिक तरीके से ही बर्फ जमाई जाती है । नवंबर माह में जब तापमान में गिरावट आती है तो रिंक के मिट्टी के मैदान में पानी छिड़का जाता है जिसे प्राकृतिक तरीके से जमने दिया जाता है और जब बर्फ की एक परत मैदान पर जमकर तैयार हो जाती है तो उस पर स्केटिंग क्लब के मेंबर और शिमला आने वाले पर्यटक करते हैं । इसके साथ ही जिमखाना और कार्निवाल का आयोजन भी साथ ही जिमखाना और कार्निवाल का आयोजन भी यहां स्केटिंग रिंक में स्केटर्स के लिए करवाया जाता है , लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम में आ रहे बदलाव के चलते मैदान में स्केटिंग के सेशन प्रभावित हो रहे हैं । मौसम खराब होने के चलते यहां बर्फ की जो परत जमाई जाती है उस पर स्केटिंग नहीं हो पाती है । ऐसे में जो स्केटिंग पहले नवंबर से लेकर जनवरी - फरवरी माह तक चलती थी अब उसमें कमी आने लगी है और ना ही स्केटिंग से जुड़ी प्रतियोगिताएं रिंक में हो पा रही हैं ।
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