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शिमला में एक बार फिर गहराया जल संकट, परियोजनाओं में पानी का स्तर हुआ कम

शहर में पानी की सप्लाई को पूरा करने के लिए जल निगम ने 10 से 15 मिनट के कट लगाने शुरू कर दिए हैं ताकि हर क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जा सके. आने वाले दिनों में बारिश न होने से शहर में पानी का संकट और भी गहरा सकता है. एजीएम हरमेश भाटिया ने बताया कि शहर में हजारों सैलानियों के आने और होटल खुलने से पानी की खपत बढ़ी है. एक महीने पहले तक 35 से 40 एमएलडी में भी पूरे शहर में पानी की सप्लाई की जा रही थी लेकिन अब खपत बढ़कर 40 से 45 तक पहुंच रही है.

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Published : Jul 6, 2021, 6:29 PM IST

शिमला: गर्मियों में पानी का संकट फिर से गहराने लगा है. बारिश न होने से जहां परियोजनाओं में पानी का स्तर कम हो रहा है, वहीं पर्यटकों की आमद बढ़ने से शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई बाधित हो रही है. शहर में हर रोज 45 एमएलडी पानी की जरूरत होती है और पर्यटन सीजन में 50 एमएलडी लेकिन परियोजनाओं में पानी का स्तर कम होने से शहर में 42 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो रही है. होटलों में पानी की ज्यादा सप्लाई के चलते शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई एक दिन छोड़ कर की जा रही है.

बारिश न होने से घटा जल स्तर

शहर में पानी की सप्लाई को पूरा करने के लिए जल निगम ने 10 से 15 मिनट के कट लगाने शुरू कर दिए हैं ताकि हर क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जा सके. आने वाले दिनों में बारिश न होने से शहर में पानी का संकट और भी गहरा सकता है. एजीएम हरमेश भाटिया ने बताया कि शहर में हजारों सैलानियों के आने और होटल खुलने से पानी की खपत बढ़ी है. एक महीने पहले तक 35 से 40 एमएलडी में भी पूरे शहर में पानी की सप्लाई की जा रही थी लेकिन अब खपत बढ़कर 40 से 45 तक पहुंच रही है. इसके अलावा बारिश न होने से पेयजल स्त्रोतों में भी पानी का स्तर कम हो रहा है. शिमला शहर को पानी की सप्लाई करने वाली दो मुख्य परियोजनाओं में बारिश न होने के चलते जल स्तर काफी घट गया है. इसका असर भी साफ तौर पर देख जा सकता है.

टैंकर से पानी मंगवा रहे होटल

गिरी परियोजना से इन दिनों सिर्फ 16 एमएलडी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है जबकि आम दिनों में यहां से 18 से 20 एमएलडी तक पानी शहर को सप्लाई होता है. यही हाल दूसरी मुख्य परियोजना गुम्मा का भी है. यहां से 22 एमएलडी के बजाय सिर्फ 18 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पा रही है. हालांकि गुम्मा परियोजना से हो रही पानी की कमी को चाबा स्कीम से पूरा किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी शहर में पानी की सप्लाई कम ही पहुंच रही है.

वीडियो.

इसके अलावा अश्वनी खड्ड से भी इन दिनों पानी कम ही उठाया जा रहा है. राजधानी शिमला में हर साल गर्मियों में पानी की कमी होती है. 2018 में भी शिमला में पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया था और लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ा था. मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक शिमला का रुख कर रहे हैं. हर रोज हजारों गाड़ियां शिमला पहुंच रही हैं. शहर के होटल भी वीकेंड पर पैक हो रहे हैं, ऐसे में होटलों में पानी की सप्लाई की मांग भी बढ़ गई है. कई निजी होटल टैंकर से पानी मंगवा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: 15 जुलाई से छात्रों को बुलाया जा सकता है स्कूल, अभिभावकों की अनुमति जरूरी

शिमला: गर्मियों में पानी का संकट फिर से गहराने लगा है. बारिश न होने से जहां परियोजनाओं में पानी का स्तर कम हो रहा है, वहीं पर्यटकों की आमद बढ़ने से शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई बाधित हो रही है. शहर में हर रोज 45 एमएलडी पानी की जरूरत होती है और पर्यटन सीजन में 50 एमएलडी लेकिन परियोजनाओं में पानी का स्तर कम होने से शहर में 42 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो रही है. होटलों में पानी की ज्यादा सप्लाई के चलते शहर के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई एक दिन छोड़ कर की जा रही है.

बारिश न होने से घटा जल स्तर

शहर में पानी की सप्लाई को पूरा करने के लिए जल निगम ने 10 से 15 मिनट के कट लगाने शुरू कर दिए हैं ताकि हर क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जा सके. आने वाले दिनों में बारिश न होने से शहर में पानी का संकट और भी गहरा सकता है. एजीएम हरमेश भाटिया ने बताया कि शहर में हजारों सैलानियों के आने और होटल खुलने से पानी की खपत बढ़ी है. एक महीने पहले तक 35 से 40 एमएलडी में भी पूरे शहर में पानी की सप्लाई की जा रही थी लेकिन अब खपत बढ़कर 40 से 45 तक पहुंच रही है. इसके अलावा बारिश न होने से पेयजल स्त्रोतों में भी पानी का स्तर कम हो रहा है. शिमला शहर को पानी की सप्लाई करने वाली दो मुख्य परियोजनाओं में बारिश न होने के चलते जल स्तर काफी घट गया है. इसका असर भी साफ तौर पर देख जा सकता है.

टैंकर से पानी मंगवा रहे होटल

गिरी परियोजना से इन दिनों सिर्फ 16 एमएलडी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है जबकि आम दिनों में यहां से 18 से 20 एमएलडी तक पानी शहर को सप्लाई होता है. यही हाल दूसरी मुख्य परियोजना गुम्मा का भी है. यहां से 22 एमएलडी के बजाय सिर्फ 18 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पा रही है. हालांकि गुम्मा परियोजना से हो रही पानी की कमी को चाबा स्कीम से पूरा किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी शहर में पानी की सप्लाई कम ही पहुंच रही है.

वीडियो.

इसके अलावा अश्वनी खड्ड से भी इन दिनों पानी कम ही उठाया जा रहा है. राजधानी शिमला में हर साल गर्मियों में पानी की कमी होती है. 2018 में भी शिमला में पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया था और लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ा था. मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक शिमला का रुख कर रहे हैं. हर रोज हजारों गाड़ियां शिमला पहुंच रही हैं. शहर के होटल भी वीकेंड पर पैक हो रहे हैं, ऐसे में होटलों में पानी की सप्लाई की मांग भी बढ़ गई है. कई निजी होटल टैंकर से पानी मंगवा रहे हैं.

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