शिमला: 2 मई को नगर निगम शिमला के 34 वार्ड के लिए चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस ने बढ़त हासिल करते हुए 24 वार्डों पर कब्जा जमाया है. ऐसे में सबकी नजर शिमला के मेयर पद पर टिकी हुई है. आखिर कौन होगा शिमला का मेयर, ये फिलहाल बड़ा सवाल बना हुआ है. वहीं, मेयर पद के लिए कांग्रेस में दावेदारों की होड़ लगी हुई है.
मेयर पद के लिए दावेदारी: शिमला नगर निगम चुनाव में बंपर जीत के बाद कांग्रेस में मेयर पद की दावेदारी को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. जिसमें मेयर पद के दौर में सबसे आगे और सबसे प्रबल दावेदारी छोटा शिमला से पार्षद सुरेंद्र चौहान की मानी जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह छोटा शिमला से तीसरी बार पार्षद बने हैं और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीब हैं. हालांकि, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि मेयर पद को लेकर 14 मई को चुनाव होने हैं.
सुरेंद्र चौहान है सीएम सुक्खू के करीबी: छोटा शिमला से सुरेंद्र चौहान ने जीत हासिल की है. वह मेयर पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. इसकी एक वह उनका हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का बेहद करीबी होना भी माना जा रहा है, लेकिन सुरेंद्र चौहान के प्रबल दावेदारी के पीछे उनके चुनाव में जीत का ग्राफ भी अहम माना जा रहा है. सुरेंद्र ने छोटा शिमला सीट से तीसरी बार जीत हासिल की है. इससे पहले वे 2007 और 2012 में भी छोटा शिमला से चुनाव जीत चुके हैं. वहीं, गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री का वार्ड भी छोटा शिमला में ही है. सीएम सुक्खू ने जब राजनीति में कदम रखा तो तब से सुरेंद्र चौहान और अन्य साथी उनके साथ हैं. ऐसे में मेयर पद के लिए उनकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है.
ये भी पढ़ें: जॉली मूड में क्या बोलते CM सुखविंदर सिंह ,जानें किसने कही ये बड़ी बात
उमा कौशल ने की दावेदारी: वहीं, सुरेंद्र चौहान के बाद भी मेयर पद के लिए कांग्रेस में दावेदारों की कमी नहीं है. टूटीकंडी से पार्षद उमा कौशल ने भी मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी जताई हैं. गौरतलब है कि उमा टूटीकंडी वार्ड से 2002 और 2012 में भी पार्षद चुनी गई थी. वहीं. 2017 में उमा के पति टूटीकंडी वार्ड से पार्षद चुने गए थे. वहीं, इस बार भी चुनाव में उमा कौशल ने टूटीकंडी वार्ड से पार्षद पद पर कब्जा जमाया है. अगर देखा जाए तो 1986 से शिमला नगर निगम के टूटीकंडी वार्ड में उमा कौशल के परिवार का दबदबा रहा है. ऐसे में उमा कौशल भी मेयर पद की दौड़ में शामिल दिखाई दे रही हैं.
सुषमा कुठियाला ने भी रखी डिमांड: शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को बंपर जीत मिली है. ऐसे में शिमला मेयर पद के लिए कांग्रेस में दावेदारों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. उमा कौशल के अलावा रामबाजार से पार्षद सुषमा कुठियाला ने भी मेयर या डिप्टी मेयर में से कोई एक पद मांगा है. अगर सुषमा कुठियाला का राजनीतिक सफर देखें तो उन्होंने रामबाजार वार्ड से 2012, 2017 और इस बार भी वह यहीं से पार्षद चुनी गई है.
डिप्टी मेयर पद के लिए भी दावेदारों की फौज: नगर निगम शिमला के मेयर पद को लेकर जहां कांग्रेस में दावेदारों की कमी नहीं है. वहीं, डिप्टी मेयर पद के लिए भी दावेदारी करने वाले पार्षदों की कमी नहीं है. डिप्टी मेयर पद के लिए भट्टाकुफर वार्ड से नरेंद्र ठाकुर की दावेदारी देखी जा रही है. हालांकि, टूटीकंडी से उमा कौशल और रामबाजार से सुषमा कुठियाला की भी दावेदारी मानी जा रही है. हालांकि, नरेंद्र ठाकुर पहले प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. क्योंकि वह दूसरी बार चुनकर आए हैं. साल 2012 में नरेंद्र ठाकुर पार्षद रहे. जबकि 2017 में भट्टाकुफर वार्ड से उनकी पत्नी चुनीं गई थी. इतना ही नहीं नरेंद्र ठाकुर कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के करीबी माने जाते हैं.
महिला पार्षदों का पलड़ा भारी: शिमला नगर निगम के 34 वार्डों में से 17 महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित हैं. जबकि तीन सीट एसटी के लिए रिजर्व है. सबसे बड़ी बात की इस चुनाव में कांग्रेस ने 24 वार्डों में जीत हासिल की है. जिसमें से 14 वार्डों में महिला प्रत्याशी पार्षद चुनी गई हैं. ऐसे में मेयर और डिप्टी पद के लिए महिलाओं को पलड़ा भारी दिख रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि उमा कौशल और सुषमा कुठियाला में से किसी एक को डिप्टी मेयर पद दिया जा सकता है. उमा कौशल टुटीकंडी से तीसरी बार चुनकर आई हैं. जबकि सुषमा कुठियाला लगातार तीसरी बार रामबाजार से चुनकर आई हैं.