शिमला: हिमाचल में चुनाव होने के बाद राजनीतिक पार्टियां जीत के अपने-अपने दावे कर रही हैं. हालांकि प्रदेश की जनता ने किसको चुना है, यह 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. इस दिन सुबह 8 बजे वोटों की गिनती शुरू होने के बाद से 10:30 से 11 बजे तक चुनावी रूझान आने शुरू हो जाएंगे. हालांकि दो से तीन बजे तक यह साफ हो जाएगा कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल रही हैं. बहराल चुनाव आयोग ने 8 दिसंबर के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. मतगणना कर्मियों की रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है जो कि दो चरणों में पूरी होगी. इसके बाद 7 दिसंबर को मतगणना से जुड़े सभी कर्मचारी संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे.
काउटिंग के लिए बनाए गए 68 सेंटर: हिमाचल में वोटों की गिनती का काम 59 जगहों पर बनाए गए 68 मतगणना केंद्रों में होगा. मतगणना सभी केंद्रों पर एक साथ 8 बजे शुरू होगी. सबसे पहले 8 बजे पोस्टल बैलेट खोले जाएंगे और इनकी गिनती शुरू होगी. इसके आधा घंटे बाद यानी 8.30 बजे ईवीएम के वोटों की गिनती भी शुरू हो जाएगी. इस तरह पोस्टल बैलेट की गणना होने तक दोनों की गिनती समानानंतर चलती रहेगी. पोस्टल बैलेट खत्म होने के बाद ईवीएम की गणना आखिरी तक चलती रहेगी.
एक मतगणना केंद्र पर अधिकतम लगेंगे 14 टेबल: ईवीएम वोटों की गिनती के लिए मतगणना केंद्रों पर अधिकतम 14 टेबल लगाए जाएंगे. पोस्टल बैलेट के लिए संख्या के मुताबिक अलग से टेबल लगेंगे. इसके अलावा एक टेबल रिटर्निंग अधिकारी का होगा. हालांकि मतगणना हॉल की क्षमता के अनुरूप इससे कम टेबल लगाए जा सकेंगे. हर राउंड पर मिलने वाले वोटों की गणना फॉर्म पर होगी. एक मतगणना टेबल पर मतगणना सुपरवाइजर और एक सहायक और एक सुपरवाइजर तैनात रहेगा. एक टेबल पर रिटर्निंग अधिकारी होगा.
मतों की गणना सुपरवाइजर और सहायक करेंगे. उनके पास एक फॉर्म होगा, जिसमें वह पार्टियों और निर्दलीयों को मिलने वाले वोटों को भरेंगे. ईवीएम बूथ वाइज ही खुलेंगे. मसलन अगर किसी मतगणना केंद्र पर 14 टेबल लगे हैं तो उन पर संबंधित विधानसभा के 1 नंबर बूथ से लेकर 14 नंबर तक के बूथ की पहले ईवीएम काउंटिंग होगी. इस तरह सभी 14 बूथों की काउटिंग को राउंड गिना जाएगा. एक राउंड के पूरा होने पर मिले वोट फॉर्म में दर्ज होंगे. इस फार्म पर प्रत्याशियों के एजेंट, वहां मौजूदा कर्मी, रिटर्निंग अधिकारी, आबर्वजर अपने हस्ताक्षर से वेरीफाई करेंगे. सभी राउंड पूरे होने पर इनकी कंपाइलिंग कर पूरे विधानसभा क्षेत्र का रिजल्ट तैयार किया जाएगा.
हर मतगणना केंद्र पर तैनात रहेंगे 60 कर्मचारी: हिमाचल में मतगणना के लिए बनाए गए 68 मतगणना केंद्रों में प्रत्येक केंद्र पर करीब 60 कर्मचारी तैनात रहेंगे. वहीं, कुछ स्टाफ स्टैंड बाय पर रहेगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके. इस तरह चार हजार से ज्यादा कर्मचारी सीधे तौर पर मतगणना के दौरान अपनी ड्यूटी करेंगे. इसके अलावा पुलिस की तैनाती भी अलग से इन केंद्रों पर की जाएगी ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे. इस तरह मतगणना के दिन सभी केंद्रों पर करीब दस हजार कर्मजारी डयूटी पर रहेंगे.
हर राउंड के बाद होगी मतों की होगी घोषणा: सभी मतगणना केंद्रों में एक-एक मीडिया सेंटर बनाए जाएंगे. जहां पर उस विधानसभा क्षेत्र की मतगणना से संबंधित डाटा उपलब्ध रहेगा. मतगणना के हर राउंड की सूचना लाउड स्कीपरों के माध्यम से दी जाएगी. इसके अलावा चुनाव आयोग के पोर्टल eci.gov.in के अलावा वोटर हेल्पलाइन और वोटर टर्नआउट मोबाइल एप भी मतगणना की जानकारी समय-समय पर अपडेट की जाती रहेंगी. मतगणना केंद्रों पर बनाए गए मीडिया सेंटरों से मतगणना की सूचना जिला निवार्चन अधिकारियों और राज्य मुख्य निवार्चन अधिकारी के दफ्तर में पहुंचेगी.
वीवीपैट की भी होगी जांच: चुनाव परिणाम में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए वीवीपैट की भी जांच की जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में पांच बूथों के वैवीपैट की जांच होगी. इसके लिए एक विधानसभा क्षेत्र के बूथों में से पांच को रैंडमली सिलेक्ट किया जाएगा. इस दौरान चुनाव अधिकारी और संबंधित क्षेत्र का चुनाव पर्यवेक्षक भी वहां मौजूद रहेगा. ये पर्यवेक्षक वीवीपैट की पर्चियों की जांच के लिए मशीनों का रेंडम चयन करेंगे. वीवीपैट की पर्चियों में मिले मतों का मिलान उन बूथों पर ईवीएम में पड़े वोटों से किया जाएगा. दोनों में समानता होने पर यह साबित हो जाएगा कि ईवीएम और वीवीपैट में पड़े मत एक जैसे ही हैं.
विवाद होने पर दोबारा होगी काउंटिंग: कोई भी विवाद होने पर दोबारा काउंटिंग करने का प्रावधान भी है. अगर किसी प्रत्याशी की हार का मार्जिन बहुत कम रहता है तो उसका एजेंट उस विधानसभा क्षेत्र को मिले पोस्टल बैलेट की रि-काउंटिंग करवाने का आग्रह कर सकता है. इस तरह दोबारा काउटिंग कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो रिजल्ट जारी किया गया है, क्या वो सही है ?(Vote Counting in Himachal)(Himachal election result Date).
कर्मियों की करवाई जा रही रेंडमाइजेशन: आठ दिसंबर को होने वाली मतगणना के लिए कर्मचारियों की रेंडमाइजेशन की जाएगी. पहली रेंडमाइजेशन एक दिसंबर को की गई, जबकि दूसरी रेंडमाइजेशन 6 दिसंबर को होगी. इसके बाद मतगणना कर्मियों एवं माइक्रो ऑबर्जवर को उनके विधानसभा क्षेत्र आवंटित कर दिए जाएंगे. सात दिसंबर को मतगणना से जुड़े सभी कर्मचारी संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे.(Vote Counting in Himachal)(Himachal election 2022).
मतगणना कर्मचारियों को मिलेगी ट्रेनिंग: मतगणना कर्मियों और अधिकारियो को ट्रेनिंग के दौरान मतगणना के नियमों और विभिन्न प्रावधानों की जानकारी प्रदान करने के लिए पूर्वाभ्यास भी कराया जाएगा. अधिकारियों और कर्मचारियों को 3 दिसंबर को पहले चरण का प्रशिक्षण मिलेगा. इसके बाद 6 दिसंबर को दूसरी रेंडमाइजेशन के बाद मतगणना की बारीकियां बताई जाएंगी. यह भी बताया जाएगा कि मतगणना प्रक्रिया पूरी करते समय क्या किया जाना जरूरी है. मतगणना के दिन यानी 8 दिसंबर को सुबह 5 बजे सभी मतगणना कर्मियों एवं माइक्रो ऑबजर्वरों को टेबल आवंटित किए जाएंगे और सुबह 8 बजे से पूरे प्रदेश में एक साथ मतगणना आरंभ कर दी जाएगी.
सभी केंद्रों पर होगी त्रि-स्तरीय सुरक्षा: हिमाचल में 8 दिसंबर को 59 जगहों पर बनाए गए 68 मतगणना केंद्रों में वोटों की गिनती का काम होगा. इन केंद्रों पर मतगणना शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं. सभी केंद्रों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी. पहले घेरे में केंद्रीय सुरक्षा बल, दूसरे घेरे में हिमाचल प्रदेश सशस्त्र पुलिस और तीसरे घेरे में जिला पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी. किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को मतगणना केंद्र के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी, इससे साथ ही मोबाइल फोन ले जाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
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