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अब जल्द दूर होगी शरीर में विटामिन ए व डी की कमी, डेयरी उत्पादक सप्लाई करेंगे फोर्टिफाइड दूध

प्रदेश में बच्चों से लेकर बुजर्ग लोगों में चल रही विटीमिन-ए और डी की कमी अब शीघ्र ही दूर होगी. शिमला में इसी विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. फूड एंड सेफ्टी और स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग प्रदेश में दूध की फोर्टिफिकेशन करवाएंगे.

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Published : Aug 6, 2019, 8:29 AM IST

दूध की होगी फोर्टिफिकेशन

शिमला: जिला में दूध फोर्टिफिकेशन को लेकर सोमवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का आयोजन निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन एन. के. लठ्ठ की अध्यक्षता में किया गया. इस दौरान प्रदेश भर से आए डेयरी उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों को दूध फोर्टिफिकेशन के बारे में बताया गया.


प्रतिनिधियों को बताया गया कि किस तरह से वे दूध में विटामिन ए और डी को मिला सकते हैं. कुछ समय बाद प्रदेश भर में दूध की फोर्टिफिकेशन शुरू हो जाएगी. विटामिन की कमी को दूर करने के लिए फूड एंड सेफ्टी विभाग पांच प्रकार की चीजों में फोर्टिफिकेशन करने जा रहा है. जिसमें नमक, तेल, गेहूं, आटा, दूध शामिल है.

shimla
कार्यशाला के दौरान विभागीय अधिकारी


कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने कहा कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाने पर हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. अक्सर जो भोजन हम खाते हैं उससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाता है. बता दें कि शरीर को सही मात्रा में जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने में फोर्टिफाइड फूड महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.


जानिए क्या है फूड फोर्टिफिकेशन


फूड फोर्टिफिकेशन में विटामिन और मिनरल जैसे आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए और डी और प्रमुख भोजन जैसे चावल, गेहूं, तेल, दूध और नमक शामिल है जो न्यूट्रिशन को बढ़ाते हैं. इस कार्यशाला के दौरान फूड एंड सेफ्टी से डॉ. विजया गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

शिमला: जिला में दूध फोर्टिफिकेशन को लेकर सोमवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का आयोजन निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन एन. के. लठ्ठ की अध्यक्षता में किया गया. इस दौरान प्रदेश भर से आए डेयरी उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों को दूध फोर्टिफिकेशन के बारे में बताया गया.


प्रतिनिधियों को बताया गया कि किस तरह से वे दूध में विटामिन ए और डी को मिला सकते हैं. कुछ समय बाद प्रदेश भर में दूध की फोर्टिफिकेशन शुरू हो जाएगी. विटामिन की कमी को दूर करने के लिए फूड एंड सेफ्टी विभाग पांच प्रकार की चीजों में फोर्टिफिकेशन करने जा रहा है. जिसमें नमक, तेल, गेहूं, आटा, दूध शामिल है.

shimla
कार्यशाला के दौरान विभागीय अधिकारी


कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने कहा कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाने पर हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. अक्सर जो भोजन हम खाते हैं उससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाता है. बता दें कि शरीर को सही मात्रा में जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने में फोर्टिफाइड फूड महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.


जानिए क्या है फूड फोर्टिफिकेशन


फूड फोर्टिफिकेशन में विटामिन और मिनरल जैसे आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए और डी और प्रमुख भोजन जैसे चावल, गेहूं, तेल, दूध और नमक शामिल है जो न्यूट्रिशन को बढ़ाते हैं. इस कार्यशाला के दौरान फूड एंड सेफ्टी से डॉ. विजया गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:


प्रदेश के लोगों में अब बिटामिन ए और डी की कमी होगी दूर

दुध की होगी फोर्टिफिकेशन, पहले से ही दुध में डली होगी विटामिन ए और डी

डेयरी उत्पादक संघ के प्रतिनिधी को दी दुध फोर्टिफिकेशन को लेकर जानकारी

शिमला में आयोजित हुई कार्यशाला

शिमला,

प्रदेश में बच्चों से लेकर बुजर्ग लोगों में चल रही विटीमिन-ए और डी की कमी अब शीघ्र ही दूर होगी। फूड एंड सेफटी और स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग प्रदेश में दुध की फोर्टिफिकेशन करवाएगे।
Body:दुध में अब पहले से ही बिटामिन ए और डी डला होगा। इससे अब खासकर बच्चों में बिटामिन की कमी दूर होगी। शिमला में दुध फोर्टिफिकेशन को लेकर सोमवार को विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन एन.के. लठ्ठ की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान प्रदेश भर से आए डेयरी उत्पादक संघ के प्रतिनिधियों दुध फोर्टिफिकेशन के बारे में बताया गया। प्रतिनिधियों को बताया गया कि किस प्रकार से बीटामिन ए और डी को दुध के साथ मिलाना है। कुछ समय प्रदेश भर में दुध की फोर्टिफिकेशन शुरू हो जाएगी। यही नहीं बिटामिन की कमी को दूर करने के लिए फूड एंड सेफटी विभाग पांच प्रकार की चिजों में फोर्टिफिकेशन करने जा रहा है। इनमें नमक, तेल, गेंहू, आटा, दुध शामिल है। तेल में पहले से ही फोर्टिफिकेशन होती है। अब दुध की फोर्टिफिकेशन होगी। उसके बाद अन्य चिजों की भी दुध की फोर्टिफिकेशन होगी। अधिकारियों का कहना है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाने पर हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। अक्सर जो भोजन हम खाते हैं उससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। यह एक बड़ी समस्या है जिसका सामना लगभग हर मां करती है, क्योंकि शुरू में बच्चे आसानी से खाना नहीं खाते हैं और उन्हें जो खाना पसंद होता है उससे उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। से यह सिर्फ बच्चों की ही बात नहीं है, यह समस्या वयस्कों और बुजुर्गों के साथ भी है। जब शरीर को जरूरी पोषण और सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं मिल पाता है तो यह कई बड़ी बीमारियों जैसे एनेमिया, दृष्टि और हड्डियां कमजोर होना, लगातार फ्रैक्चर सहित अन्य गंभीर बीमारियों की भी चपेट में आ जाता है। शरीर को सही मात्रा में जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने में फोर्टिफाइड फूड महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस कार्यशाला के दौरान फूड एंड सेफटी से डा. विजया गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

क्या है फूड फोर्टिफिकेशन

फूड फोर्टिफिकेशन में मु य रूप से विटामिन और मिनरल जैसे आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए और डी और प्रमुख भोजन जैसे चावल, गेहूं, तेल, दूध और नमक शामिल है जो न्यूट्रिशन को बढ़ाता है। ये पोषक तत्व फूड प्रोसेसिंग के दौरान उसमें से नष्ट भी हो सकते हैं।


Conclusion:फूड फोर्टिफिकेशन की आवश्यकता क्यों होती है? आंकड़े बताते हैं कि भारत में सबसे अधिक सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से लोग जूझ रहे हैं। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के अनुसार 6 से 59 महीने के 58.4 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी पाई गई है, जबकि 53.1 प्रतिशत महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान खून की कमी पाई जाती है। इसके अलावा 5 वर्ष से कम आयु के 35.7 प्रतिशत बच्चे कम वजन और खून की कमी की समस्य
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