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Corona in Himachal: हिमाचल में कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल

Corona in Himachal: देशों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में मंगलवार को कोरोना महामारी से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए हिमाचल में मंगलवार को कोरोना अलर्ट के बीच मॉक ड्रिल की गई. मॉक ड्रिल में क्या सामने आया और हिमाचल में अभी कोरोना के कितने केस हैं ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Virtual Mock drill regarding Corona in Himachal
Virtual Mock drill regarding Corona in Himachal
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Published : Dec 27, 2022, 7:35 PM IST

डॉ. राहुल राव, एमएस, आईजीएमसी शिमला.

शिमला: हिमाचल में मंगलवार को कोरोना अलर्ट के बीच मॉक ड्रिल की गई. यह मॉक ड्रिल वर्चुअली हुई, जिसमें अस्पतालों में कई तरह की लापरवाहियां देखने को मिलीं. जिसके चलते आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. राहुल राव ने प्रदेश में कोरोना संबंधी एहतियात बरतने के निर्देश दिए. हालांकि कोरोना लहर की आहट के बीच अस्पतालों में महामारी से निपटने की तैयारियां पूरी हैं, लेकिन कोरोना को लेकर लापरवाही भी बरती जा रही है. लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. पर्यटन सीजन होने के चलते लोगों की भीड़ पर नियंत्रण नहीं है. सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं बने हैं.

अधिकारियों ने माना है कि कोरोना को लेकर अभी कई जगहों पर लापरवाही बरती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमण का प्रसार अभी बहुत कम है. ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट मास्क को अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में बिना मास्क एंट्री पहले ही बैन है. (Corona in Himachal) (Mock drill regarding Corona in Himachal)

कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का लिया फीडबैक: प्रधान स्वास्थ्य सचिव सुभाशीष पांडा ने कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का जिलों के CMO से ऑनलाइन फीडबैक लिया. उनसे जोनल व छोटे अस्पतालों में कोरोना संबंधी तैयारियों की जानकारी ली. मॉक ड्रिल में सभी जिलों को निर्देश दिए गए कि अपने यहां कोविड प्रोटोकॉल संबंधी सभी मुख्य बिंदुओं का पालन किया जाए.

मॉक ड्रिल में यह सब सामने आया: IGMC शिमला में अब हर रोज करीब 5 से 6 हजार लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा होगी. पहले यहां पर 3600 लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा हो रही थी. अब यहां पर रोज 400 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी. लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज लगवाना भी अनिवार्य होगा.

CMO को निर्देश दिए गए कि RAT टेस्टिंग की बजाय अब RTPCR टेस्ट पर वर्किंग करें. पब्लिक ट्रांसपोर्ट HRTC के जरिए सैलानियों और स्थानीयों लोगों के कोरोना सैंपल लिए जाएं. IGMC और टांडा में ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं. इसी तरह प्रदेश के जिला व सिविल अस्पतालों में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर काम जल्द शुरू होगा.

आगामी दिनों में यह प्लान बनाया जाएगा: कोरोना के नए केसों की स्वास्थ्य विभाग जिनोम टेस्टिंग शुरू करेगी. ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर बेड और मैन पॉवर को लेकर अस्पताल प्रशासन ध्यान देंगे. जिन अस्पतालों में टेस्टिंग, बेड और दवाइयों की कमी है, वे इसकी सूचना संबंधित CMO को तुरंत प्रभाव से देंगे.

प्रदेश में अभी यह कोरोना की स्थिति: 21 दिसंबर को प्रदेश में कोरोना के 19 एक्टिव केस थे. 22 दिसंबर को 24 केस, 23 दिसंबर को 26 और 24 और 25 दिसंबर को 30 एक्टिव केस हो गए. इसी तरह बीते 24 घंटे में एक और कोविड पॉजिटिव का मामला सामने आया, जिससे अभी तक 31 एक्टिव केस हैं.

ये भी पढ़ें- जिस अधिकारी को काम नहीं करना वो करा ले ट्रांसफर, जो काम करेगा वो रामपुर में रहेगा: नंद लाल

डॉ. राहुल राव, एमएस, आईजीएमसी शिमला.

शिमला: हिमाचल में मंगलवार को कोरोना अलर्ट के बीच मॉक ड्रिल की गई. यह मॉक ड्रिल वर्चुअली हुई, जिसमें अस्पतालों में कई तरह की लापरवाहियां देखने को मिलीं. जिसके चलते आईजीएमसी शिमला के एमएस डॉ. राहुल राव ने प्रदेश में कोरोना संबंधी एहतियात बरतने के निर्देश दिए. हालांकि कोरोना लहर की आहट के बीच अस्पतालों में महामारी से निपटने की तैयारियां पूरी हैं, लेकिन कोरोना को लेकर लापरवाही भी बरती जा रही है. लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. पर्यटन सीजन होने के चलते लोगों की भीड़ पर नियंत्रण नहीं है. सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं बने हैं.

अधिकारियों ने माना है कि कोरोना को लेकर अभी कई जगहों पर लापरवाही बरती जा रही है, लेकिन दूसरी ओर प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमण का प्रसार अभी बहुत कम है. ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट मास्क को अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में बिना मास्क एंट्री पहले ही बैन है. (Corona in Himachal) (Mock drill regarding Corona in Himachal)

कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का लिया फीडबैक: प्रधान स्वास्थ्य सचिव सुभाशीष पांडा ने कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर का जिलों के CMO से ऑनलाइन फीडबैक लिया. उनसे जोनल व छोटे अस्पतालों में कोरोना संबंधी तैयारियों की जानकारी ली. मॉक ड्रिल में सभी जिलों को निर्देश दिए गए कि अपने यहां कोविड प्रोटोकॉल संबंधी सभी मुख्य बिंदुओं का पालन किया जाए.

मॉक ड्रिल में यह सब सामने आया: IGMC शिमला में अब हर रोज करीब 5 से 6 हजार लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा होगी. पहले यहां पर 3600 लीटर मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा हो रही थी. अब यहां पर रोज 400 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी. लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज लगवाना भी अनिवार्य होगा.

CMO को निर्देश दिए गए कि RAT टेस्टिंग की बजाय अब RTPCR टेस्ट पर वर्किंग करें. पब्लिक ट्रांसपोर्ट HRTC के जरिए सैलानियों और स्थानीयों लोगों के कोरोना सैंपल लिए जाएं. IGMC और टांडा में ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं. इसी तरह प्रदेश के जिला व सिविल अस्पतालों में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर काम जल्द शुरू होगा.

आगामी दिनों में यह प्लान बनाया जाएगा: कोरोना के नए केसों की स्वास्थ्य विभाग जिनोम टेस्टिंग शुरू करेगी. ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर बेड और मैन पॉवर को लेकर अस्पताल प्रशासन ध्यान देंगे. जिन अस्पतालों में टेस्टिंग, बेड और दवाइयों की कमी है, वे इसकी सूचना संबंधित CMO को तुरंत प्रभाव से देंगे.

प्रदेश में अभी यह कोरोना की स्थिति: 21 दिसंबर को प्रदेश में कोरोना के 19 एक्टिव केस थे. 22 दिसंबर को 24 केस, 23 दिसंबर को 26 और 24 और 25 दिसंबर को 30 एक्टिव केस हो गए. इसी तरह बीते 24 घंटे में एक और कोविड पॉजिटिव का मामला सामने आया, जिससे अभी तक 31 एक्टिव केस हैं.

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