शिमला: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 को हटाने के फैसले का पूरे देशभर में स्वागत हो रहा है. वहीं, कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के इस फैसले पर बंटी हुई नजर आ रही है. कांग्रेस के कई नेताओं ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का समर्थन किया है.
जब राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को पेश किया गया तो कांग्रेस सदन के अंदर मजबूत नजर नहीं आई. इसी तरह अनुच्छेद-370 को लेकर पूरा विपक्ष ही बंटा हुआ दिखा. हिमाचल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर चुप्पी साध ली है. हालांकि कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर फैसले का स्वागत किया और लिखा कि हम केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35A हटाने के फैसले का स्वागत करते हैं.
देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सबसे पहले है. जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है, हालांकि केंद्र शासित प्रदेश के बजाय इसे संघ के अन्य सभी राज्यों की तरह ही रखना चाहिए था.
किसी विशेष विशेषाधिकार के बिना एक राज्य बने रहने देना चाहिए था। सरकार को इसे केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनाना चाहिए था. केवल इसका स्पेशल दर्जा हटाना चाहिए था.
वहीं, विक्रमादित्य ने हिमाचल प्रदेश में धारा-118 को लेकर भी लिखा. विक्रमादित्य सिंह ने धारा-118 के प्रावधानों को लेकर भी लिखा कि प्रदेश के लोगों में धारा-118 में बदलाव को लेकर भी डर है. अगर सरकार ऐसा करती है तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी और इसे किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं किया जाएगा.