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विक्रमादित्य ने बीजेपी पर फेंका 'शहजादा बाउंसर', इशारों में पायलट पर भी फेंकी 'गुगली'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद ने बीते दिन भाजपा का दामन थाम लिया. जिसे लेकर कांग्रेस विधायक और हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर निशाना साधा है. इसके साथ ही विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा कि अब कहां गए आपके संगठन के सिद्धांत? भाजपा शाहजादों को गले लगा रही है. ऐसी दोगली राजनीति क्यूं.

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Published : Jun 10, 2021, 4:10 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 4:52 PM IST

शिमला: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद ने बीते दिन भाजपा का दामन थाम लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली. यूपी में जितिन प्रसाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे.

बीजेपी में शामिल होते ही जितिन प्रसाद पर कांग्रेस नेताओं के हमले तेज हो गए हैं. हिमाचल के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जितिन प्रसाद और बीजेपी पर फेसबुक पोस्ट के जरिए तीखा हमला किया है. विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि अब कहां गए आपके(BJP) संगठन के सिद्धांत? 'पार्टी विद डिफरेंस' वाली भाजपा शाहजादों को गले लगा रही है. ऐसी दोगली राजनीति क्यूं? वैसे तो जन्म का स्थान और मृत्यु का समय हमारे हाथ में नहीं होता, उन्हें ईश्वर ही तय करते हैं. हम हमेशा 'कर्म' को ज्यादा महत्व देते हैं जो मनुष्य के जीवन को बनाता है या बिगाड़ता है, वह चाहे किसी भी परिवार में जन्मा क्यूं ना हो'

वंशवाद के आरोपों का जवाब

दरअसल बीजेपी कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप लगाती आई है. इन्हीं आरोपों का विक्रमदित्य सिंह ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट में लिखा 'हैरानी तो इस बात की होती है की भाजपा के कुछ साथी, जो हमें वंशवाद की नसीहत देते थकते नहीं हैं आज ऐसे दो नेताओं का अपने दल में ढोल नगाड़ों से स्वागत कर रहें हैं, और तीसरे का इंतजार जो इसी तथा कथित वंशवाद की पैदाइश हैं'.

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फोटो.

विक्रमादित्य सिंह का इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद की ओर था. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया और जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद के पिता कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं. ज्योदिरादित्य सिंधिया ने पिता की मौत के बाद उनकी राजनैतिक विरासत को संभाला तो वहीं जितिन प्रसाद ने भी पिता की छांव में राजनीति में एंट्री मारी थी. कांग्रेस में रहने के बाद दोनों ने अब वंशवाद के खिलाफ मुखर रहने वाली बीजेपी को ज्वाइन कर लिया है.

आपको बता दें कि हिमाचल में बीजेपी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह पर वंशावादी होने के आरोप लगाती रही है. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सांसद रह चुकी हैं. इसी के साथ ही उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह 2017 में पहला चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे. ऐसे में वीरभद्र सिंह परिवारवाद के आरोप झेलते रहे हैं. अब इन्हीं आरोपों पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया है.

सचिन पायलट पर सस्पेंस

कांग्रेस की युवा बिग्रेड बिखरने लगी है. सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद अब सचिन पायलट के बारे में अलग अटकलें राजनीतिक हल्कों में शुरू हो गई हैं. क्या सचिन पायलट कांग्रेस में रहेंगे या ज्योतिरादित्य सिंह और जितिन प्रसाद की तरह बीजेपी का दामन थाम लेंगे. क्योंकि सचिन पायलट के साथ ज्योतिरादित्य सिंह और जितिन प्रसाद की दोस्ती जगजाहिर है. इसके साथ ही उनके रिश्ते राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ ठीक नहीं चल रहे हैं. उनका मन भी कांग्रेस में कुछ खास नहीं लग रहा है. हालिया राजनीतिक घटना क्रमों को देखें तो लगता है कि सचिन हाइकमान से भी खफा हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज सचिन पायलट आठ विधायकों से बैठक कर रहे हैं. ये बैठक क्यों बुलाई गई है. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. अब अटकलें लग रही हैं कि क्या सचिन पायलट भी बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे या कांग्रेस में रहकर इंतजार करेंगे. विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि दो नेताओं का बीजेपी ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया है, तीसरे का इंतजार है जो इसी तथा कथित वंशवाद की पैदाइश हैं. माना जा रहा है कि उनका ये इशारा सचिन पायलट की ओर है.
यह भी पढ़ें :- दिल्ली से लौट कर यूं ही नहीं गरज रहे सीएम जयराम, क्या है इस आत्मविश्वास का राज

शिमला: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद ने बीते दिन भाजपा का दामन थाम लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली. यूपी में जितिन प्रसाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे.

बीजेपी में शामिल होते ही जितिन प्रसाद पर कांग्रेस नेताओं के हमले तेज हो गए हैं. हिमाचल के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जितिन प्रसाद और बीजेपी पर फेसबुक पोस्ट के जरिए तीखा हमला किया है. विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि अब कहां गए आपके(BJP) संगठन के सिद्धांत? 'पार्टी विद डिफरेंस' वाली भाजपा शाहजादों को गले लगा रही है. ऐसी दोगली राजनीति क्यूं? वैसे तो जन्म का स्थान और मृत्यु का समय हमारे हाथ में नहीं होता, उन्हें ईश्वर ही तय करते हैं. हम हमेशा 'कर्म' को ज्यादा महत्व देते हैं जो मनुष्य के जीवन को बनाता है या बिगाड़ता है, वह चाहे किसी भी परिवार में जन्मा क्यूं ना हो'

वंशवाद के आरोपों का जवाब

दरअसल बीजेपी कांग्रेस पर वंशवाद के आरोप लगाती आई है. इन्हीं आरोपों का विक्रमदित्य सिंह ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट में लिखा 'हैरानी तो इस बात की होती है की भाजपा के कुछ साथी, जो हमें वंशवाद की नसीहत देते थकते नहीं हैं आज ऐसे दो नेताओं का अपने दल में ढोल नगाड़ों से स्वागत कर रहें हैं, और तीसरे का इंतजार जो इसी तथा कथित वंशवाद की पैदाइश हैं'.

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विक्रमादित्य सिंह का इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद की ओर था. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया और जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद के पिता कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं. ज्योदिरादित्य सिंधिया ने पिता की मौत के बाद उनकी राजनैतिक विरासत को संभाला तो वहीं जितिन प्रसाद ने भी पिता की छांव में राजनीति में एंट्री मारी थी. कांग्रेस में रहने के बाद दोनों ने अब वंशवाद के खिलाफ मुखर रहने वाली बीजेपी को ज्वाइन कर लिया है.

आपको बता दें कि हिमाचल में बीजेपी पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह पर वंशावादी होने के आरोप लगाती रही है. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सांसद रह चुकी हैं. इसी के साथ ही उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह 2017 में पहला चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे. ऐसे में वीरभद्र सिंह परिवारवाद के आरोप झेलते रहे हैं. अब इन्हीं आरोपों पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया है.

सचिन पायलट पर सस्पेंस

कांग्रेस की युवा बिग्रेड बिखरने लगी है. सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद अब सचिन पायलट के बारे में अलग अटकलें राजनीतिक हल्कों में शुरू हो गई हैं. क्या सचिन पायलट कांग्रेस में रहेंगे या ज्योतिरादित्य सिंह और जितिन प्रसाद की तरह बीजेपी का दामन थाम लेंगे. क्योंकि सचिन पायलट के साथ ज्योतिरादित्य सिंह और जितिन प्रसाद की दोस्ती जगजाहिर है. इसके साथ ही उनके रिश्ते राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ ठीक नहीं चल रहे हैं. उनका मन भी कांग्रेस में कुछ खास नहीं लग रहा है. हालिया राजनीतिक घटना क्रमों को देखें तो लगता है कि सचिन हाइकमान से भी खफा हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज सचिन पायलट आठ विधायकों से बैठक कर रहे हैं. ये बैठक क्यों बुलाई गई है. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. अब अटकलें लग रही हैं कि क्या सचिन पायलट भी बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे या कांग्रेस में रहकर इंतजार करेंगे. विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि दो नेताओं का बीजेपी ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया है, तीसरे का इंतजार है जो इसी तथा कथित वंशवाद की पैदाइश हैं. माना जा रहा है कि उनका ये इशारा सचिन पायलट की ओर है.
यह भी पढ़ें :- दिल्ली से लौट कर यूं ही नहीं गरज रहे सीएम जयराम, क्या है इस आत्मविश्वास का राज

Last Updated : Jun 10, 2021, 4:52 PM IST
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