शिमला: ऊर्जा सेक्टर में देश की मिनी रत्न कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड यानी एसजेवीएनएल को एक और कामयाबी मिली है. उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड से एसजेवीएनएल को 200 मेगावाट सोलर पावर खरीदने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट यानी आशय पत्र मिला है. एसजेवीएनएल के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर नंदलाल शर्मा ने ये जानकारी दी है. सीएमडी नंदलाल शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीसीएल 2.57 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 200 मेगावाट सौर ऊर्जा खरीदेगी.
सीएमडी नंदलाल शर्मा ने बताया कि यूपीसीएल एसजेवीएनएल की एक हजार मेगावाट की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना से पावर खरीदने की इच्छुक है. यह सोलर पावर परियोजना राजस्थान में एसजेवीएनएल की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजीईएल के माध्यम से विकसित की जा रही है. इसमें भारत सरकार की तरफ से फंडिंग वायबिलिटी गैप भी शामिल है. परियोजना से पैदा की गई बिजली की उपयोग सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रत्यक्ष या डिस्कॉम के माध्यम से किया जाएगा. एसजेवीएनएल के सीएमडी नंद लाल शर्मा के अनुसार परियोजना से सौर ऊर्जा का आबंटन निकट भविष्य में एसजीईएल और यूपीसीएल के बीच हस्ताक्षरित होने वाले विदयुत खरीद करार के अनुसार होगा. यह विकास सौर आरपीओ लक्ष्यों की पूर्ति करने और विद्युत की कमी को पूरा करने में सहयोग देगा.
उल्लेखनीय है कि देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राजस्थान के बीकानेर में एक हजार मेगावाट की बीकानेर सौर उर्जा परियोजना की आधारशिला रखी थी. राष्ट्रपति ने इसी साल मंगलवार के दिन तीन जनवरी को उपरोक्त परियोजना की आधारशिला रखी थी. यहां बता दें कि बीकानेर सौर उर्जा परियोजना जून 2024 तक कमीशनिंग के लिए निर्धारित है. इस परियोजना में कुल 5491 करोड़ रुपए की रकम का निवेश शामिल है. इस परियोजना से पहले वर्ष में 2455 मिलियन यूनिट और फिर 25 साल की अवधि में संचयी रूप से लगभग 56838 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होने की संभावना है.
बड़ी बात ये है कि इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 27,85,077 टन की कमी आएगी. गौरतलब है कि एसजेवीएनएल की तरफ से हिमाचल में 1500 मेगावाट की नाथपा-झाकड़ी जलविद्युत परियोजना अनेक रिकार्ड बनाने के लिए विख्यात है. यह परियोजना न केवल देश के राज्यों को रोशन करती है, बल्कि लाभांश के तौर पर हिमाचल सरकार के खजाने को भी संजीवनी देती है. एसजेवीएनएल देश और विदेश में कई परियोजनाओं का संचालन कर रहा है. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एसजेवीएनएल ने चीन को भी पछाड़ा है. कंपनी ने वर्ष 2026 तक 12,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का मिशन तय किया है. साथ ही वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता का साझा विजन निर्धारित किया है.
ये भी पढ़ें: एचआरटीसी बस में सामान ले जाने का नया किराया निर्धारित, एक से अधिक सेब की पेटी और पशुओं के लिए देने होंगे इतने पैसे