रामपुर: जिला शिमला के रामपुर में बसे सरपारा गांव का प्राकृतिक सौंदर्य बेमिसाल है. सरपारा का मुख्य आकर्षण यहां की 9 नाग झील है. ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ों के बीच नौ नाग झील का नजारा मन को मोह लेने वाला है.
स्थानीय लोगों के अनुसार 9 नाग झील का पौराणिक महत्व है. मान्यता है कि इस झील में स्थित कुंड से नौ नागों की उत्पत्ति हुई थी और किसी कारणवश नागों की मां गायब हो गई थी. 1 महीने 3 दिन के बाद नागों की मां सरपारा में प्रकट हुई, जिसकी खुशी में यहां पर हर साल मेले का आयोजन भी किया जाता है. रामपुर बुशहर के भिन्न-भिन्न स्थानों पर 9 नागों की प्रतिष्ठित किया गया है.
ससरपारा से श्रीखंड का मनमोहक नजारा आंखों को सुकून देने वाला होता है. सरपारा से श्रीखंड महादेव का आना-जाना मात्र 24 घंटे में पूरा हो जाता है. स्थानीय लोग इसी मार्ग से ही श्रीखंड यात्रा पर जाते हैं. सबसे कठिन माने जाने वाली श्रीखंड यात्रा के लिए सरपारा एक सुरक्षित बेस कैंप बनाया जा सकता है.
सरपारा गांव के समीप महासू देवता के प्रचीन मंदिर भी मौजूद है, जिसके नाम से शिमला का पुराना नाम महासू जिला पड़ा था. इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए झील के पास हिमाचल पर्यटन विभाग निगम की ओर से एक अदद विश्रामगृह बनाया गया है, जिसका जिम्मा मंदिर कमेटी को सौंपा गया है, लेकिन महासू जिला सुविधाओं का अभाव होने के चलते यहां पर इक्का-दुक्का सैलानी ही रहने के लिए आते हैं.
सरपारा गांव रामपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर है. सरपारा के लिए जाने वाली सड़क की हालत खस्ता है और यहां वाहनों की आवाजाही के दौरान यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सरपारा को पर्यटन की दृष्टि से उभारने के लिए प्रचार-प्रसार करने और सैलानियों को यहां ठहराने के लिए बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है.
अपार प्राकृतिक सुंदरता के बावजूद सरपारा गांव पर्यटन की दृष्टि से अभी तक अछूता है. यदि सरपारा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की ओर कदम उठाए जाए तो बेशक यहां की सुंदरता हर किसी को अपनी ओर खींच लाएगी.