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CM सेवा संकल्प हेल्पलाइन योजना में बड़े विभागों का प्रदर्शन निराशानजक, हजारों मामले लंबित

पंचायती राज से लेकर राजस्व विभाग और आईपीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन योजना के तहत आ रही लोगों की शिकायतों के निवारण में फिसड्डी साबित हो रहे हैं.

जयराम ठाकुर सीएम
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Published : Oct 21, 2019, 5:58 PM IST

शिमला: हिमाचल की जनता को साफ-सुथरे व जवाबदेह प्रशासन की सौगात देने के लिए सीएम जयराम ठाकुर ने सेवा संकल्प यज्ञ की परिकल्पना की, लेकिन बड़े सरकारी विभाग इस यज्ञ में आहूति डालने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं.

पंचायती राज से लेकर राजस्व विभाग और आईपीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग शिकायत निवारण में पीछे की कतार से अव्वल दिख रहे हैं. रिजल्ट देने को लेकर कुल 31 विभागों का प्रदर्शन पचास फीसदी से कम पाया गया है.

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बीते सितंबर महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने 'मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन योजना' शुरू की थी. योजना का मकसद आम जनता की शिकायतों को दर्ज कर संबंधित विभाग के जरिए उनका समाधान करना है. इस योजना को आम जनता ने हाथों-हाथ लिया और एक माह की समीक्षा के बाद पाया गया कि इस अवधि में विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कुल 64 हजार से अधिक कॉल आए.

हालांकि सरकार इस योजना को पारदर्शी प्रशासन और समस्याओं के तुरंत समाधान से जोड़ रही है, लेकिन ये हकीकत है कि बड़े विभागों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो इस अवधि में लोक निर्माण विभाग और सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं.

लोक निर्माण विभाग के पास 2746 शिकायतें आई हैं, जिनमें विभाग ने 867 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया. वहीं, 1879 मामले अभी भी विभाग के पास लंबित हैं. इसी तरह लोक निर्माण विभाग का समस्याओं को सुलझाने प्रतिशत 31.57 फीसदी है.

आईपीएच विभाग का भी यही हाल है. विभाग के पास कुल 1831 शिकायतें आईं, जिनमें से 590 शिकायतों का समाधान किया गया और 1241 मामले विभाग के पास लंबित हैं. शिकायतें सुलझाने का प्रतिशत 32 फीसदी है. आयुर्वेद विभाग से जुड़ी 13 शिकायतों में से मात्र तीन का समाधान हुआ है. कृषि विपणन बोर्ड का भी यही हाल है. दंत चिकित्सा सेवा निदेशालय ने का पास11 शिकायतें आई, जिसमें से केवल एक शिकायत का समाधान हुआ.

राजस्व विभाग ने 926 में से 405 शिकायतें दूर कीं. हायर एजूकेशन की 157 में से कुल 69 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया गया. एलीमेंट्री एजुकेशन से जुड़ी 138 में से 60 शिकायतों का समाधान हुआ. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 48 में से 20 शिकायतों का निपटारा हुआ. वन विभाग को मिली 278 शिकायतों में से 96 सुलझाई गईं.एचआरटीसी से जुड़ी 486 शिकायतों में से 200 का समाधान हुआ. नगर निगम शिमला को लेकर आम जनता ने 76 शिकायतें की और निगम ने 30 का समाधान किया. शहरी विकास विभाग को एक महीने में लोगों की तरफ से 181 शिकायतें मिली और महज 56 का समाधान हुआ.

वहीं, टॉप पर रहने वाले विभाग की बात की जाए तो आईटी विभाग ने मुख्यमंत्री के सेवा संकल्प को पूरा करने की दिशा में सबसे बेहतर काम किया है. विभाग को मिली 98 शिकायतों में से 87 का समाधान हुआ. आईटी विभाग का पहला रैंक रहा.

इसी तरह दूसरे नंबर पर रेवेन्यू लैंड रिकॉर्ड डिपार्टमेंट रहा है. विभाग ने 147 में से 121 समस्याओं को सुलझाया है. फूंड एंड सिविल सप्लाई विभाग ने 286 में से 215 शिकायतों का निपटारा किया. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन नंबर 1100 पर आम जनता किसी भी विभाग से संबंधित शिकायत या सुझाव सरकार को दे सकती है.

इस योजना का मकसद प्रशासन को और अधिक सक्रिय और जवाबदेह बनाना है. मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि अब तक मिली समस्याओं में से साठ फीसद का समाधान किया गया है. निकट भविष्य में इस हेल्पलाइन को मजबूत किया जाएगा और साथ ही इसे और परिणामोन्मुखी बनाया जाएगा.

शिमला: हिमाचल की जनता को साफ-सुथरे व जवाबदेह प्रशासन की सौगात देने के लिए सीएम जयराम ठाकुर ने सेवा संकल्प यज्ञ की परिकल्पना की, लेकिन बड़े सरकारी विभाग इस यज्ञ में आहूति डालने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं.

पंचायती राज से लेकर राजस्व विभाग और आईपीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग शिकायत निवारण में पीछे की कतार से अव्वल दिख रहे हैं. रिजल्ट देने को लेकर कुल 31 विभागों का प्रदर्शन पचास फीसदी से कम पाया गया है.

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बीते सितंबर महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने 'मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन योजना' शुरू की थी. योजना का मकसद आम जनता की शिकायतों को दर्ज कर संबंधित विभाग के जरिए उनका समाधान करना है. इस योजना को आम जनता ने हाथों-हाथ लिया और एक माह की समीक्षा के बाद पाया गया कि इस अवधि में विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कुल 64 हजार से अधिक कॉल आए.

हालांकि सरकार इस योजना को पारदर्शी प्रशासन और समस्याओं के तुरंत समाधान से जोड़ रही है, लेकिन ये हकीकत है कि बड़े विभागों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो इस अवधि में लोक निर्माण विभाग और सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं.

लोक निर्माण विभाग के पास 2746 शिकायतें आई हैं, जिनमें विभाग ने 867 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया. वहीं, 1879 मामले अभी भी विभाग के पास लंबित हैं. इसी तरह लोक निर्माण विभाग का समस्याओं को सुलझाने प्रतिशत 31.57 फीसदी है.

आईपीएच विभाग का भी यही हाल है. विभाग के पास कुल 1831 शिकायतें आईं, जिनमें से 590 शिकायतों का समाधान किया गया और 1241 मामले विभाग के पास लंबित हैं. शिकायतें सुलझाने का प्रतिशत 32 फीसदी है. आयुर्वेद विभाग से जुड़ी 13 शिकायतों में से मात्र तीन का समाधान हुआ है. कृषि विपणन बोर्ड का भी यही हाल है. दंत चिकित्सा सेवा निदेशालय ने का पास11 शिकायतें आई, जिसमें से केवल एक शिकायत का समाधान हुआ.

राजस्व विभाग ने 926 में से 405 शिकायतें दूर कीं. हायर एजूकेशन की 157 में से कुल 69 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया गया. एलीमेंट्री एजुकेशन से जुड़ी 138 में से 60 शिकायतों का समाधान हुआ. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 48 में से 20 शिकायतों का निपटारा हुआ. वन विभाग को मिली 278 शिकायतों में से 96 सुलझाई गईं.एचआरटीसी से जुड़ी 486 शिकायतों में से 200 का समाधान हुआ. नगर निगम शिमला को लेकर आम जनता ने 76 शिकायतें की और निगम ने 30 का समाधान किया. शहरी विकास विभाग को एक महीने में लोगों की तरफ से 181 शिकायतें मिली और महज 56 का समाधान हुआ.

वहीं, टॉप पर रहने वाले विभाग की बात की जाए तो आईटी विभाग ने मुख्यमंत्री के सेवा संकल्प को पूरा करने की दिशा में सबसे बेहतर काम किया है. विभाग को मिली 98 शिकायतों में से 87 का समाधान हुआ. आईटी विभाग का पहला रैंक रहा.

इसी तरह दूसरे नंबर पर रेवेन्यू लैंड रिकॉर्ड डिपार्टमेंट रहा है. विभाग ने 147 में से 121 समस्याओं को सुलझाया है. फूंड एंड सिविल सप्लाई विभाग ने 286 में से 215 शिकायतों का निपटारा किया. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन नंबर 1100 पर आम जनता किसी भी विभाग से संबंधित शिकायत या सुझाव सरकार को दे सकती है.

इस योजना का मकसद प्रशासन को और अधिक सक्रिय और जवाबदेह बनाना है. मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि अब तक मिली समस्याओं में से साठ फीसद का समाधान किया गया है. निकट भविष्य में इस हेल्पलाइन को मजबूत किया जाएगा और साथ ही इसे और परिणामोन्मुखी बनाया जाएगा.

Intro:Body:Shimla. हिमाचल की जनता को साफ-सुथरे व जवाबदेह प्रशासन की सौगात देने के लिए सीएम जयराम ठाकुर ने सेवा संकल्प यज्ञ की परिकल्पना की, लेकिन बड़े सरकारी विभाग ही इस यज्ञ में आहूति डालने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। पंचायती राज से लेकर राजस्व विभाग और आईपीएच से लेकर पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग शिकायत निवारण में पीछे की कतार से अव्वल दिख रहे हैं। रिजल्ट देने को लेकर कुल 31 विभागों का प्रदर्शन पचास फीसदी से कम पाया गया है। सितंबर महीने में सीएम जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हैल्पलाइन योजना शुरू की थी। योजना का मकसद आम जनता की शिकायतों को दर्ज कर संबंधित विभाग के जरिए उनका समाधान करना है। इस योजना को आम जनता ने हाथों-हाथ लिया और एक माह की समीक्षा के बाद पाया गया कि इस अवधि में विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं को लेकर 64 हजार से अधिक कॉल आए। हालांकि सरकार इस योजना को पारदर्शी प्रशासन और समस्याओं के तुरंत समाधान से जोड़ रही है, परंतु ये हकीकत है कि बड़े विभागों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस अवधि में लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई व जनस्वास्थ्य विभाग को सबसे अधिक शिकायतें मिली। लोक निर्माण विभाग के पास 2746 शिकायतें आई। इनमें से 867 को सुलझाने का दावा किया गया और 1879 एक तरह से लंबित हैं। यानी 1879 शिकायतों को दूर करने की प्रक्रिया जारी है। इस तरह लोक निर्माण विभाग का समस्याओं को सुलझाने का प्रदर्शन पचास फीसदी से काफी कम है। ये औसत 31.57 फीसदी है और विभाग का रैंक 30वां है। इसी तरह आईपीएच विभाग का भी यही हाल है। आईपीएच विभाग के पास कुल 1831 शिकायतें आईं। इनमें से 590 का समाधान किया गया और 1241 अभी सुलझनी बाकी हैं। शिकायतें सुलझाने का प्रतिशत 32 फीसदी है और इस विभाग का रैंक 29वां है। आयुर्वेद विभाग से जुड़ी 13 शिकायतों में से मात्र तीन का समाधान हुआ। कृषि विपणन बोर्ड का हाल और भी खराब है। शिकायतें बेशक 13 आई, लेकिन समाधान सिर्फ 3 का ही हुआ। दंत चिकित्सा सेवाएं निदेशालय ने 11 में से केवल 1 शिकायत का समाधान किया।
राजस्व विभाग ने 926 में से 405 शिकायतें दूर कीं। हायर एजूकेशन की 157 में से कुल 69 शिकायतों को सुलझाने का दावा किया गया। एलीमेंटरी एजूकेशन से जुड़ी 138 में से 60 शिकायतों का समाधान हुआ। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 48 में से 20 शिकायतें दूर हुईं। वन विभाग को मिली 278 शिकायतों में से 96 सुलझाई गईं। एचआरटीसी से जुड़ी 486 शिकायतों में से 200 का समाधान हुआ। नगर निगम शिमला को लेकर आम जनता ने 76 शिकायतें की और निगम ने 30 का समाधान किया। शहरी विकास विभाग को एक महीने में लोगों की तरफ से 181 शिकायतें मिली और महज 56 का समाधान हुआ। वहीं, टॉप पर रहने वाले विभाग की बात की जाए तो आईटी ने मुख्यमंत्री के सेवा संकल्प को पूरा करने की दिशा में सबसे बेहतर काम किया है। आईटी विभाग को मिली 98 शिकायतों में से 87 का समाधान किया गया। आईटी का रैंक पहला रहा है। इसी तरह दूसरे नंबर पर रेवेन्यू लैंड रिकार्ड डिपार्टमेंट रहा है। इस विभाग ने 147 में से 121 समस्याओं को सुलझाया है। फूंड एंड सिविल सप्लाई विभाग ने 286 में से 215 शिकायतों का निपटारा किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हैल्पलाइन नंबर 1100 पर आम जनता किसी भी विभाग से संबंधित शिकायत या सुझाव सरकार को दे सकता है। इस योजना का मकसद प्रशासन को और अधिक सक्रिय तथा जवाबदेह बनाना है। मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि अब तक मिली समस्याओं में से साठ फीसद का समाधान किया गया है। निकट भविष्य में इस हैल्पलाइन को मजबूत किया जाएगा और साथ ही इसे और परिणामोन्मुखी बनाया जाएगा।Conclusion:
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