शिमला: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश भर में लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून की कमी हो रही है. कोविड 19 के अलावा अन्य बीमारियों से जूझ रहे कई मरीज जिन्हें रक्त की जरूरत है. समाजसेवी संस्था 'उमंग' ऐसे मरीजों के जीवन में उमंग भरने की कोशिश कर रही है.
समाजसेवी अजय श्रीवास्तव के जहन में अस्पतालों में बीमारियों से जूझ रहे उन लोगों का ख्याल आया जिन्हें रक्त की जरूरत है और रक्त की कमी के चलते उनके इलाज में परेशानी आ रही है. उन्होंने ऐसी जिंदगियों को बचाने के लिए इस संकट की घड़ी में भी रक्तदान शिविरों का आयोजन कर अस्पतालों के ब्लड बैंक में रक्त पहुंचा कर कई जिंदगियां बचाने का प्रयास किया है.
![blood donation camp during lockdown](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-sml-umnagfoundationblooddonationcampduringcorona-avb-7204240_31032020170513_3103f_01892_155.jpg)
शहर में हर सप्ताह आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर ही प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ओर केएनएच सहित दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी को पूरा करते हैं, लेकिन लॉकडॉउन के चलते यह रक्तदान शिविर ही आयोजित नहीं हो पा रहे थे और अस्पतालों के ब्लड बैंक खाली हो गए थे.
इस मामले को उमंग के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि प्रदेश के 22 ब्लड बैंकों में रक्त के गंभीर संकट के मद्देनजर रक्तदान के कार्य को आवश्यक सेवा मानकर लॉक डाउन से छूट दी जाए जिसके बाद मुख्यमंत्री ने यह छूट प्रदान की थी और इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार ही कोरोना से संबंधित सावधानियां बरतते हुए कोरोना के बीच पहला रक्तदान शिविर 26 मार्च को शिमला के मशोबरा में लगाया जिसमें 40 यूनिट रक्त एकत्र किया गया.
इसके बाद दूसरा कैम्प 29 मार्च को सुन्नी में लगाया गया, जिससे शिमला के आईजीएमसी के ब्लड बैंक में रक्त की जो कमी थी उसे पूरा किया गया. उनकी इस पहल का ही यह परिणाम है कि अब और भी संगठन इस कार्य के लिए आगे आए हैं और कोरोना से संबंधित सावधानियों को बरतते हुए ब्लड कैम्प लगाने जा रहे हैं.
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि कर्फ्यू के दौरान रक्तदान शिविरों को लेकर कोई भी दिशा-निर्देश सरकार की ओर से जारी नहीं किए थे. ऐसे में सबसे पहले उमंग ने सरकारी गाइडलाइन इशू करवाई. इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किए जिसके बाद 20 मार्च को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी प्रदेश भर में रक्तदान शिविर लगाने के लिए जारी की. इस एडवाइजरी में कोरोना के समय मे किस तरह की सावधानियां बरतते हुए रक्तदान शिविर लगाने है इस बारे में भी बताया गया है.
प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि जो रक्तदान शिविर उन्होंने लगाए उसमें भी कोरोना को लेकर सावधानियां बरती गई जिसमें जहां रक्तदान शिविर लगाया गया उस कमरे को सैनिटाइज करने के साथ ही डेढ़ से 2 मीटर की दूरी बनाने के साथ डॉक्टरों की टीम ने मास्क और ग्लव्ज पहनकर ही रक्तदान शिविर में भाग लिया. इसके साथ ही जो रक्तदान करने के लिए रक्तदाता आए है उन से उनकी ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में भी पूछा गया. उनकी इस मुहिम का असर अब देखने को मिल रहा है और लोग कोरोना के डर को पीछे छोड़कर रक्तदान के लिए आगे आ रहे है. नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन कॉउंसिल ने भी अब पूरे देश में रक्तदान शिविर लगाने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है.
ईटीवी के माध्यम से की यह अपील प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने की है कि वह कोरोना के इस वायरस से खुद का बचाव करते हुए अस्पतालों में दूसरे गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए आगे आएं और रक्तदान करें. जिस व्यक्ति की उम्र 18 साल या इस से ज्यादा है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है उसके शरीर में रक्त 12 ग्राम या इस से अधिक है और वह कहीं विदेश या फिर कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा कर नहीं आया है तो ऐसे व्यक्ति रक्तदान कर किसी को जीवनदान दे सकतें हैं.