शिमला: परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने संभावना जताई है कि अगस्त महीने की शुरुआत से परिवहन निगम की बसों में ऑक्युपेंसी बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि फिलहाल कम लोग बसों में सफर कर रहे हैं. जिसके कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों में बसें खाली चल रही हैं.
कम ऑक्युपेंसी वाले रूटों पर बसों को जाने से रोका गया है, लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त महीना शुरू होते ही लोग घरों से बाहर निकलना शुरू करेंगे जिससे बसों में ऑक्युपेंसी बढ़ सकती है उन्होंने कहा कि जैसी ही लोगों का घरों से बाहर निकलना शुरू होगा तभी प्राइवेट बस ऑपरेटर भी अधिक संख्या में बस से चला सकेंगे.
परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां पर परिवहन सेवाओं को लेकर सभी आवश्यक पंजीकरण और अनुमतियां अब ऑनलाइन ही मिल जाएंगी. फिलहाल इसका ट्रायल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा और शिमला में किया जाएगा. अगर कोई खामी नजर आती है. तो उस खामी को दूर करने के बाद पूरे प्रदेश में ई-परिवहन की यह सुविधा लागू कर दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब वाहनों के पंजीकरण, लाइसेंस, वाहनों की पासिंग, परमिट, आरसी, इत्यादि कागजात बनाने के लिए ट्रांसपोर्टर को आरटीओ और एसडीएम दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. 27 जुलाई के बाद पर परिवहन निर्देशालय एक ऑनलाइन सुविधा लांच करने जा रहा है. जिसके माध्यम से इन सभी अनुमति के लिए ट्रांसपोर्ट घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यमों से अप्लाई कर सकते हैं और सभी कागजात पूरे होने पर उन्हें ऑनलाइन ही सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा.
परिवहन मंत्री ने कहा कि फिलहाल यह ट्रायल शिमला और कांगड़ा जिला में शुरू किया जा रहा है. ट्रायल सफल होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. इससे ना केवल ट्रांसपोर्टरों को आरटीओ और एसडीएम दफ्तर के चक्कर काटने से छुटकारा मिलेगा. बल्कि समय और पैसे की बचत भी होगी.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में पहला राज्य है जहां इस प्रकार का सफल प्रयोग किया जा रहा है. गोविंद ठाकुर ने कहा कि ट्रायल के बाद ट्रांसपोर्ट और अधिकारियों के साथ फीडबैक लिया जाएगा. जिसके बाद ऑनलाइन सुविधा में यदि आवश्यक हुआ तो कुछ सुधार किए जाएंगे. और फिर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूरे प्रदेश के कारोबारियों के लिए यह सुविधा लॉन्च करेंगे.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इसके बारे में विभाग के अधिकारियों और ट्रांसपोर्टर्स को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए पहली कार्यशाला कांगड़ा में परिवहन निर्देशक जीएम पठानिया के नेतृत्व में आयोजित की जा चुकी है और दूसरी कार्यशाला का आयोजन आज शिमला के होटल पीटरहॉफ में किया गया.
जहां पर सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और कारोबारियों जो परिवहन व्यवसाय से जुड़े हैं. उनको इस पोर्टल की जानकारी दी गई और ट्रायल भी दिया गया. परिवहन मंत्री ने उम्मीद जताई कि धीरे-धीरे सभी कारोबारी और अधिकारी इस सुविधा को जान जाएंगे और आसानी से अपना सकेंगे.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोरोना के इस काल में जहां सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है. वहां बदलते परिवेश के साथ सरकार भी अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन करने पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में परिवहन विभाग बेहतरीन कार्य कर रहा है.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर को लेकर कैबिनेट में विस्तृत चर्चा की गई है जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि 2 जिलों में पायलट आधार पर इसे लागू करने के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाए.
उन्होंने कहा कि 15 दिनों तक इन दोनों जिलों में ऑनलाइन सेवाओं को जारी रखा जाएगा, जिसके बाद जनता के सुझाव लिए जाएंगे और यदि सुधार की कोई संभावना दिखती है तो बदलाव किया जाएगा, उसके बाद ही इसे प्रदेश भर में लागू करेंगे परिवहन मंत्री ने कहा कि यह सुविधा शुरू करने के पीछे यही मकसद था कि लोगों को बार-बार ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़े.
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