शिमलाः टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने प्रदेश सरकार से जम्मू कश्मीर की तर्ज पर पर्यटन कारोबारियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका देने की मांग की है. महेंद्र सेठ ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक की तर्ज पर पर्यटन कारोबार से जुड़े होटल-रेस्टोरेंट मालिक-कर्मचारियों, टैक्सी ड्राइवर, ट्रैवल एजेंट और अन्य पर्यटन व्यवसायियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगे.
जल्द से जल्द हो टीकाकरण
महेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से 26-27 मई को विशेष अभियान के जरिए पर्यटन कारोबारियों को टीका लगाया गया और इसका प्रचार प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए किया गया. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार को भी चाहिए कि पर्यटन कारोबारियों का टीका किया जाए, ताकि पर्यटन कारोबारी भी सुरक्षित हों. आने वाले समय में जब पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट आएगा, तो हिमाचल प्रदेश में देश भर से पर्यटक पहुंचेंगे. ऐसे में सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए जल्द से जल्द टीकाकरण किया जाना चाहिए.
पर्यटकों की एंट्री पर भी रियायत देने की भी मांग
हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के लिए पास और आरटीपीसीआर को जरूरी रखा गया है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि बाध्यता की वजह से हिमाचल प्रदेश में पर्यटक नहीं आ रहे हैं. टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि इन शर्तों की वजह से केवल हाई एंड टूरिस्ट ही हिमाचल का रुख कर रहा है. इस वजह से केवल बड़े रिसोर्ट में ही ऑक्युपेंसी देखने को मिल रही है. महेंद्र सेठ ने कहा कि मध्यम वर्गीय परिवार जब अपने परिवार के साथ हिमाचल का रुख करना चाहता है, तो उसे पूरे परिवार का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना पड़ता है. ऐसे में यह सौदा उसके लिए बेहद महंगा बैठता है. प्रदेश में पर्यटकों को आने की छूट के बावजूद केवल एक-दो फीसदी पर्यटक ही हिमाचल पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि इन सख्तियों में ढील दी जाए.
रजिस्ट्रेशन पोर्टल में भी खामियां: सेठ
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि हिमाचल आने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है. पर्यटकों को लंबे इंतजार के बाद भी पास जारी नहीं होता है.
इसके अलावा उन्होंने पोर्टल पर खामी को उजागर करते हुए बताया कि एक बार में केवल 3 ही लोगों को पास दिया जा रहा है. ऐसे में अगर परिवार को हिमाचल घूमने के लिए आना है, तो उन्हें अलग-अलग पास के लिए अप्लाई करना पड़ता है. ई-पास में भी देरी की वजह से पर्यटक हिमाचल नहीं आ रहे हैं. महेंद्र सेठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन खामियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए, ताकि पटरी से डि-रेल हुआ पर्यटन कारोबार एक बार फिर पटरी पर लौटे.
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