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हिमाचल में पर्यटन कारोबार के पटरी पर लौटने की उम्मीद, पर्यटकों को मिल सकता है हनीमून पैकेज - कोरोना से पर्यटन कारोबार को नुकसान

देशभर में कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख रुपए का नुकसान हुआ. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा है. प्रदेश में एक बड़ा वर्ग पर्यटन कारोबार पर निर्भर है. हिमाचल में टैक्सी संचालन, रॉक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, राफ्टिंग, स्केटिंग, माउंटेन बाइकिंग, फोटोग्राफी, घुड़सवारी और टूर एंड ट्रेवल से जुड़े हुए लोग हैं.

Tourism in himachal
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Published : Jun 10, 2021, 8:59 PM IST

शिमलाः कोरोना ने हर क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार पर भी कोरोना के चलते नुकसान हुआ है. कोरोना की पहली लहर के समय हिमाचल का पर्यटन कारोबार लड़खड़ाया और दूसरी लहर में धड़ाम हो गया.

हिमाचल की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा

देशभर में कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख रुपए का नुकसान हुआ. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा है. प्रदेश में एक बड़ा वर्ग पर्यटन कारोबार पर निर्भर है. प्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा पर्यटन के जरिए अपनी रोजी-रोटी कमाता है. हिमाचल में टैक्सी संचालन, रॉक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, राफ्टिंग, स्केटिंग, माउंटेन बाइकिंग, फोटोग्राफी, घुड़सवारी और टूर एंड ट्रेवल से जुड़े हुए लोग हैं.

बंदिशों में छूट से कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद

देशभर के साथ प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में अब धीरे-धीरे देश प्रदेश अनलॉक की ओर बढ़ रहा है. अनलॉक होने पर हिमाचल प्रदेश में बैठकों की आमद में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को कामकाज पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख पर्यटन नगरी में से एक शिमला में 533 होटल रजिस्टर हैं. इसमें करीब 40 फीसदी होटल लीज पर दिए गए हैं. इसके अलावा मनाली में 2 हजार होटल और गेस्ट हाउस रजिस्टर हैं. इनमें 90 फीसदी होटल लीज पर दिए गए हैं. कोरोना की वजह से लीज पर दिए गए होटल को छोड़ना शुरू कर दिया था, लेकिन अब अनलॉक के बाद के बीच पर्यटन कारोबार को गति मिलने की उम्मीद जगी है.

पर्यटकों को आकर्षित करने की हो रही कोशिश

कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन कारोबारी आने वाले समय में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष पैकेज देने के बारे में भी विचार कर रहे हैं. विशेष पैकेज के जरिए हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से उन्हें सहयोग मिलता है, तो आने वाले समय में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वह विशेष छूट पैकेज भी दे सकते हैं.

हनीमून पैकेज पर दिया जा सकता है विशेष जोर

हिमाचल प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल हनीमून डेस्टिनेशन के लिए प्रसिद्ध है. शादी के बाद नव विवाहित शिमला, मनाली, डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों का दीदार करने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटन कारोबारी हनीमून पैकेज में विशेष छूट देकर पर्यटकों को हिमाचल आने के लिए आकर्षित कर सकते हैं.

हिमाचली व्यंजनों पर विशेष छूट

हिमाचल प्रदेश अपने प्रमुख व्यंजन सिडु, कांगड़ी धाम और मड़ियाली धाम जैसे विशेष व्यंजनों के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं. हिमाचल आकर इन व्यंजनों का स्वाद चखना भी पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव होता है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी हिमाचल आने वाले पाठकों को हिमाचली व्यंजनों को लेकर आकर्षित करने पर भी विचार कर रहे हैं.

पर्यटन कारोबारियों को सरकार से राहत की उम्मीद

हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से पर्यटन कारोबारी सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. गुजरात सरकार की ओर से होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट मालिकों का 1 साल का टैक्स माफ करने के बाद हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को भी यह उम्मीद जगी है कि हिमाचल प्रदेश में भी पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स में रियायत दी जाएगी. हिमाचल प्रदेश के तमाम पर्यटन कारोबारियों को यह मानना है कि अगर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें रियायत दी जाती है, तो उनका उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. आने वाले समय में पर्यटन कारोबार जल्द से जल्द पटरी पर लौट सकेगा.

11 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में राहत पर फैसला संभव

हिमाचल प्रदेश में 11 जून को मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन कारोबारियों को राहत की उम्मीद है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश आने के लिए आरटी-पीसीआर और ई- रजिस्ट्रेशन जरूरी है. पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश प्रवेश के लिए रियायत देने की जरूरत है. अगर सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में ई-पास को रजिस्ट्रेशन में बदलने के साथ आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट में छूट देती है, तो हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

ये भी पढ़ें: शुक्रवार को हिमाचल कैबिनेट की बैठक, जनता को मिल सकती है ये रियायतें

शिमलाः कोरोना ने हर क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार पर भी कोरोना के चलते नुकसान हुआ है. कोरोना की पहली लहर के समय हिमाचल का पर्यटन कारोबार लड़खड़ाया और दूसरी लहर में धड़ाम हो गया.

हिमाचल की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा

देशभर में कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख रुपए का नुकसान हुआ. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का 7 फीसदी हिस्सा है. प्रदेश में एक बड़ा वर्ग पर्यटन कारोबार पर निर्भर है. प्रदेश की आबादी का बड़ा हिस्सा पर्यटन के जरिए अपनी रोजी-रोटी कमाता है. हिमाचल में टैक्सी संचालन, रॉक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, राफ्टिंग, स्केटिंग, माउंटेन बाइकिंग, फोटोग्राफी, घुड़सवारी और टूर एंड ट्रेवल से जुड़े हुए लोग हैं.

बंदिशों में छूट से कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद

देशभर के साथ प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में अब धीरे-धीरे देश प्रदेश अनलॉक की ओर बढ़ रहा है. अनलॉक होने पर हिमाचल प्रदेश में बैठकों की आमद में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को कामकाज पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है. हिमाचल प्रदेश की प्रमुख पर्यटन नगरी में से एक शिमला में 533 होटल रजिस्टर हैं. इसमें करीब 40 फीसदी होटल लीज पर दिए गए हैं. इसके अलावा मनाली में 2 हजार होटल और गेस्ट हाउस रजिस्टर हैं. इनमें 90 फीसदी होटल लीज पर दिए गए हैं. कोरोना की वजह से लीज पर दिए गए होटल को छोड़ना शुरू कर दिया था, लेकिन अब अनलॉक के बाद के बीच पर्यटन कारोबार को गति मिलने की उम्मीद जगी है.

पर्यटकों को आकर्षित करने की हो रही कोशिश

कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन कारोबारी आने वाले समय में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष पैकेज देने के बारे में भी विचार कर रहे हैं. विशेष पैकेज के जरिए हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार की ओर से उन्हें सहयोग मिलता है, तो आने वाले समय में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वह विशेष छूट पैकेज भी दे सकते हैं.

हनीमून पैकेज पर दिया जा सकता है विशेष जोर

हिमाचल प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल हनीमून डेस्टिनेशन के लिए प्रसिद्ध है. शादी के बाद नव विवाहित शिमला, मनाली, डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों का दीदार करने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटन कारोबारी हनीमून पैकेज में विशेष छूट देकर पर्यटकों को हिमाचल आने के लिए आकर्षित कर सकते हैं.

हिमाचली व्यंजनों पर विशेष छूट

हिमाचल प्रदेश अपने प्रमुख व्यंजन सिडु, कांगड़ी धाम और मड़ियाली धाम जैसे विशेष व्यंजनों के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं. हिमाचल आकर इन व्यंजनों का स्वाद चखना भी पर्यटकों के लिए एक अलग अनुभव होता है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी हिमाचल आने वाले पाठकों को हिमाचली व्यंजनों को लेकर आकर्षित करने पर भी विचार कर रहे हैं.

पर्यटन कारोबारियों को सरकार से राहत की उम्मीद

हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से पर्यटन कारोबारी सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. गुजरात सरकार की ओर से होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट मालिकों का 1 साल का टैक्स माफ करने के बाद हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को भी यह उम्मीद जगी है कि हिमाचल प्रदेश में भी पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स में रियायत दी जाएगी. हिमाचल प्रदेश के तमाम पर्यटन कारोबारियों को यह मानना है कि अगर प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें रियायत दी जाती है, तो उनका उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. आने वाले समय में पर्यटन कारोबार जल्द से जल्द पटरी पर लौट सकेगा.

11 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में राहत पर फैसला संभव

हिमाचल प्रदेश में 11 जून को मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन कारोबारियों को राहत की उम्मीद है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश आने के लिए आरटी-पीसीआर और ई- रजिस्ट्रेशन जरूरी है. पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश प्रवेश के लिए रियायत देने की जरूरत है. अगर सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में ई-पास को रजिस्ट्रेशन में बदलने के साथ आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट में छूट देती है, तो हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

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