ETV Bharat / state

छात्रों के भविष्य को लेकर बेफिक्र HPU प्रबंधन! इस साल कैंपस प्लेसमेंट पर संशय - covid-19

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इन दिनों कई सवालों के घरे में है. कोरोना वायरस के चलते इस साल कैंपस प्लेसमेंट के लिए कोई भी कंपनी एचपीयू आने को तैयार नही है. ऐसे में प्लेसमेंट सेल का विश्वविद्यालय में ना होना प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है.

this year students will not get placement in HPU due to covid-19
फोटो
author img

By

Published : Jul 11, 2020, 10:42 PM IST

शिमला: कोरोना वायरस के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक शैक्षणिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं. कई लोग लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए और कई उस दहलीज पर खड़ें हैं, जहां कभी भी उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है. इन सब के बीच रोजगार पाने की दौड़ में वो युवा भी शामिल हैं, जो इस साल शैक्षणिक संस्थानों से प्लेसमेंट की उम्मीद लगाए बैठे थे.

बात अगर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की करें तो हर साल कैंपस प्लेसमेंट के लिए कई कंपनियां एचपीयू आती थीं, लेकिन इस साल यह संभव नहीं हो पाएगा. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को एक प्लेसमेंट सेल तैयार करना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

एचपीयू का प्लेसमेंट सेल होता तो छात्र सीधा प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियों के साथ संपर्क कर सकते थे. इस बात में कोई दोराय नहीं है कि प्रदेश विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल का ना होना, प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. रोजगार ना मिलने से निराश छात्रों का कहना है कि एचपीयू प्रबंधन के सुस्त रवैये के चलते हर साल कंपनियों का रुझान हिमाचल विश्वविद्यालय की तरफ से हटता जा रहा है.

एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने भी माना की कोविड-19 की वजह से एचपीयू में कैंपस प्लेसमेंट के लिए कंपनियां नहीं आ रही हैं, लेकिन एचपीयू की छात्रों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए तैयारियां की जा रही है. प्रबंधन ने प्लेसमेंट सेल के गठन का काम पूरा हो चुका है उसे जल्द ही सक्रिय कर दिया जाएगा.

एचपीयू प्रशासन ने प्लेसमेंट सेल बनाने की कवायद तेज कर दी हैं, लेकिन यूजीसी के नाम पर हर साल करोड़ों की ग्रांट लेने के बावजूद ए-ग्रेड हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट सेल का ना होना प्रबंधन पर कई सवाल खड़े करता है.

ये भी पढ़ें: MC शिमला ने 10 फीसदी बढ़ाया प्रॉपर्टी टैक्स, डिफॉल्टरों से रिकवरी की तैयारी

शिमला: कोरोना वायरस के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक शैक्षणिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं. कई लोग लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हो गए और कई उस दहलीज पर खड़ें हैं, जहां कभी भी उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है. इन सब के बीच रोजगार पाने की दौड़ में वो युवा भी शामिल हैं, जो इस साल शैक्षणिक संस्थानों से प्लेसमेंट की उम्मीद लगाए बैठे थे.

बात अगर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की करें तो हर साल कैंपस प्लेसमेंट के लिए कई कंपनियां एचपीयू आती थीं, लेकिन इस साल यह संभव नहीं हो पाएगा. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को एक प्लेसमेंट सेल तैयार करना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

एचपीयू का प्लेसमेंट सेल होता तो छात्र सीधा प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियों के साथ संपर्क कर सकते थे. इस बात में कोई दोराय नहीं है कि प्रदेश विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल का ना होना, प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. रोजगार ना मिलने से निराश छात्रों का कहना है कि एचपीयू प्रबंधन के सुस्त रवैये के चलते हर साल कंपनियों का रुझान हिमाचल विश्वविद्यालय की तरफ से हटता जा रहा है.

एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने भी माना की कोविड-19 की वजह से एचपीयू में कैंपस प्लेसमेंट के लिए कंपनियां नहीं आ रही हैं, लेकिन एचपीयू की छात्रों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए तैयारियां की जा रही है. प्रबंधन ने प्लेसमेंट सेल के गठन का काम पूरा हो चुका है उसे जल्द ही सक्रिय कर दिया जाएगा.

एचपीयू प्रशासन ने प्लेसमेंट सेल बनाने की कवायद तेज कर दी हैं, लेकिन यूजीसी के नाम पर हर साल करोड़ों की ग्रांट लेने के बावजूद ए-ग्रेड हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट सेल का ना होना प्रबंधन पर कई सवाल खड़े करता है.

ये भी पढ़ें: MC शिमला ने 10 फीसदी बढ़ाया प्रॉपर्टी टैक्स, डिफॉल्टरों से रिकवरी की तैयारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.