ETV Bharat / state

Mothers Day 2021: कैसे करती हैं कोरोना वॉरियर्स ड्यूटी, सुनें उनकी ही जुबानी

ईटीवी भारत ने जब मदर्स डे पर आईजीएमसी में जाकर काम कर रही माताओं से जाना कि वह इस कोरोना संकट में अपने बच्चों से दूर रह कर कैसे सेवाएं दे रही हैं और उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं. जिस पर नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा का महत्व काफी बढ़ जाता है. इसलिये उन्हें अपने घर में बच्चों को भी देखना पड़ता है और अस्पताल आकर मरीजों को भी देखना पड़ता है.

himachal pradesh news, हिमाचल प्रदेश न्यूज
डिजाइन फोटो.
author img

By

Published : May 9, 2021, 3:10 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के दौरान मदर्स डे पर जब आईजीएमसी में जाकर काम कर रहे माताओं से जब पूछा कि वह अपने बच्चों से दूर रह कर किस तरह ड्यूटी कर रहे हैं तो इस बारे में नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा का महत्व काफी बढ़ जाता है. इसलिये उन्हें अपने घर में बच्चों को भी देखना पड़ता है और अस्पताल आकर मरीजों को भी देखना पड़ता है.

आईजीएमसी के स्पेशल वार्ड में ड्यूटी दे रही नर्सं सोनिका ने बताया कि उनकी 5 साल की बेटी है. घर में उनके पति और वो खुद रहती हैं. इसलिए बच्चे की जिम्मेदारी दोनों की है.

वीडियो.

'कोई मरीज बिना इलाज के न रहे यह उनकी प्राथमिकता रहती है'

ऐसे में वह न बच्ची को घर में छोड़ सकती है न ही साथ ला सकती है, लेकिन उनके पति जो पुलिस में हैं वह अपने साथ बच्ची को ले जाते हैं और अपने साथ रखते हैं. जब वह ड्यूटी से जाती हैं तो पहले पति के पास जा कर बच्ची को लेते हैं फिर घर जाते है. उनका कहना था कि इमरजेंसी ड्यूटी जरूरी है. कोई मरीज बिना इलाज के न रहे यह उनकी प्राथमिकता रहती है.

वहीं, एक अन्य नर्स ने बताया कि उनका 4 साल का बच्चा है वह घर में छोड़ कर आती है और वार्ड में ड्यूटी करती है. उनका कहना था कि वह बीते साल पॉजिटिव भी आई थी और बच्चे से अलग रही. .

वहीं, आईजीएसमी में सिक्योरिटी में काम करने वाली सुनीता ने कहा कि वह अपने 7 साल के बच्चे को घर अकेला छोड़ कर ड्यूटी करने आती हैं और जब वापस जाती हैं तब बच्चे को प्यार करती हैं. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में उन्हें दोनों काम एक साथ संभालने पड़ेंगे और हम इस महामारी से डट कर लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: कोरोना योद्धा बनीं 'मां', अपने बच्चों से दूर रहकर भी फ्रंटलाइन पर रहकर कर रहीं देश की सेवा

शिमला: कोरोना संकट के दौरान मदर्स डे पर जब आईजीएमसी में जाकर काम कर रहे माताओं से जब पूछा कि वह अपने बच्चों से दूर रह कर किस तरह ड्यूटी कर रहे हैं तो इस बारे में नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा का महत्व काफी बढ़ जाता है. इसलिये उन्हें अपने घर में बच्चों को भी देखना पड़ता है और अस्पताल आकर मरीजों को भी देखना पड़ता है.

आईजीएमसी के स्पेशल वार्ड में ड्यूटी दे रही नर्सं सोनिका ने बताया कि उनकी 5 साल की बेटी है. घर में उनके पति और वो खुद रहती हैं. इसलिए बच्चे की जिम्मेदारी दोनों की है.

वीडियो.

'कोई मरीज बिना इलाज के न रहे यह उनकी प्राथमिकता रहती है'

ऐसे में वह न बच्ची को घर में छोड़ सकती है न ही साथ ला सकती है, लेकिन उनके पति जो पुलिस में हैं वह अपने साथ बच्ची को ले जाते हैं और अपने साथ रखते हैं. जब वह ड्यूटी से जाती हैं तो पहले पति के पास जा कर बच्ची को लेते हैं फिर घर जाते है. उनका कहना था कि इमरजेंसी ड्यूटी जरूरी है. कोई मरीज बिना इलाज के न रहे यह उनकी प्राथमिकता रहती है.

वहीं, एक अन्य नर्स ने बताया कि उनका 4 साल का बच्चा है वह घर में छोड़ कर आती है और वार्ड में ड्यूटी करती है. उनका कहना था कि वह बीते साल पॉजिटिव भी आई थी और बच्चे से अलग रही. .

वहीं, आईजीएसमी में सिक्योरिटी में काम करने वाली सुनीता ने कहा कि वह अपने 7 साल के बच्चे को घर अकेला छोड़ कर ड्यूटी करने आती हैं और जब वापस जाती हैं तब बच्चे को प्यार करती हैं. उनका कहना है कि इस संकट की घड़ी में उन्हें दोनों काम एक साथ संभालने पड़ेंगे और हम इस महामारी से डट कर लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- मदर्स डे: कोरोना योद्धा बनीं 'मां', अपने बच्चों से दूर रहकर भी फ्रंटलाइन पर रहकर कर रहीं देश की सेवा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.