शिमला: हिमाचल में अफसरों की ओर से गाड़ियों पर लगाई जा रही रेड लैशर लाइट (Red Lasher Light) का मामला शुक्रवार को सदन में गूंजा है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) की ओर से सदन में इसको लेकर प्वाइंट ऑफ ऑर्डर(Point Of Order) लाया गया और अफसरों की गाड़ियों पर लगाई जा रही रेड लैशर लाइट पर सवाल खड़े किए गए.
मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) से पूछा कि क्या अधिकारियों को गाड़ियों पर लाइट लगाने की केंद्र सरकार की ओर से कोई अनुमति दी गई है. हालांकि इसको लेकर मुख्यमंत्री ने जांच की बात कही है. सीएम ने कहा कि केंद्र व हिमाचल सरकार ने किसी को भी गाड़ियों में रेड लैशर लाइट लगाने की मंजूरी नहीं दी है. यह मामला ध्यान में नहीं है. इस मामले पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा. लाइट लगाने की किसी को इजाजत नहीं है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और एमडीएम को प्रदेश सरकार की ओर से गाड़ी मुहैया कराई गई है. कई अफसरों ने इन गाड़ियों में लैशर लाइट लगाई है. यह अफसर जब भी निरीक्षण करने फील्ड में जाते हैं, तो गाड़ियों में रेड लैशर लाइट जलाई जाती है.
हिमाचल में ये कल्चर खत्म हो गया है. अफसर और जजों ने गाड़ियों से बत्ती उतार दी है. बावजूद इसके कई अफसरों को बत्तियों का शौक पूरा नहीं हो रहा है. इसको लेकर सदन में मामला उठाया गया था और मुख्यमंत्री ने जांच की बात कही है.
वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार द्वारा बोर्डों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की तैनाती पर भी निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी बोर्डों-निगमों में ताजपोशी को गलत करार देता रहा, लेकिन अब अपने चहेतों को बोर्डों में तैनाती दी जा रही है. हर रोज इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेश कर्ज में डूबा है और यह सरकार फिजूलखर्ची कर रही है.
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