लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में एसएमसी (school management committee) में तैनात एक शिक्षिका घर-घर जाकर शिक्षा की लौ जगाने का काम कर रही हैं. कोरोना संकट के बीच भी महिला शिक्षिका लगातार छात्रों के घरों में जा रही है और उनके होमवर्क को भी चेक कर रही हैं.
देश भर में जहां कोरोना संकट के चलते स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. वहीं, ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा हासिल करने में काफी सुविधा मिली है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के कई ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां आज भी इंटरनेट की समस्या छात्रों की पढ़ाई के आड़े आ रही है. इसी बीच शिक्षिका अनीता देवी बच्चों को उनके घरों में जाकर पढ़ाने का काम कर रही है.
बता दें कि अपनी बेहतरीन सेवाओं के लिए महिला शिक्षिका अनीता देवी को हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची के हाथों सम्मान भी मिल चुका है. शिक्षा विभाग लाहौल से मिली जानकारी के मुताबिक इस जिला के 34 फीसदी बच्चे इंटरनेट के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई से पिछड़ रहे हैं, लेकिन राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जाहलमा में एसएमसी में तैनात हिंदी प्रवक्ता अनीता देवी बच्चों के गांव तक पहुंच कर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए बच्चों तक पहुंच कर ऑफलाइन पढ़ाई करवा रही हैं.
साथ में हर सप्ताह रविवार को सामान्य ज्ञान के 10 प्रश्न बच्चों को लिखवाती हैं और माह के अंत में बच्चों के टेस्ट भी ले रही हैं. घर पर महिला शिक्षिका पहले सुबह 10 से लेकर शाम पांच बजे तक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही हैं और अवकाश वाले दिन फुर्सत निकाल कर अपने स्कूल के बच्चों जोकि इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं, उनकी मदद कर रही हैं.
इस महिला शिक्षिका ने विगत वर्ष भी बच्चों के सेकेंड टर्म परीक्षा के दिनों बर्फ में दो किमी तक कदमताल कर बच्चों तक प्रश्न पर भी पहुंचाए थे. वहीं, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने महिला शिक्षिका के इस जज्बे को सराहा है.
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