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IGMC शिमला में सफाईकर्मी ने खोला मोर्चा, 3 घंटे बंद रखा काम

बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने तीन घंटे काम नहीं किया. कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को सैलरी स्लिप तक नहीं दी जाती है.

Sweeper strike in IGMC Shimla
फोटो.
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Published : Nov 11, 2020, 6:59 PM IST

शिमला: आईजीएमसी और संबंधित अस्पतालों में सफाई का काम देख रहे कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने तीन घंटे काम नहीं किया.

कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को सैलरी स्लिप तक नहीं दी जाती है.

वहीं, जो कर्मचारी 2014 से काम कर रहा है उसे भी अभी तक ज्वॉइनिंग लेटर तक नहीं दिया गया है. हालांकि अब तक उन्हें दिन रात काम करते हुए 6 साल से ज्यादा समय हो चुका है.

इसके साथ ही आईजीएमसी प्रशासन ने जिन कर्मचारियों की कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी लगाई है, उन्हें प्रशासन द्वारा 2000 रुपए देने को कहा गया था, लेकिन आईजीएमसी प्रशासन द्वारा कोविड सेंटर में ड्यूटी लगाने वाले कर्मचारियों को वह पैसा भी नहीं दिया गया.

वहीं, कर्मचारियों को कोविड केयर सेंटर में जबरदस्ती भेजा जा रहा हैए जबकि कर्मचारी कोविड केयर सेंटर जानके के लिए मना कर रहे हैं. एक्स्ट्रा वर्क लिया जा रहा है.

सरकार नहीं बढ़ा रही सैलरी

सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के होते हुए भी उनसे एक्स्ट्रा काम करवाया जा रहा है. वहीं, प्रदेश सरकार कोरोना के चलते भी सैलरी नहीं बढ़ा रही है न ही उन्हें कोर्ठ भी मूलभूत सुविधाएं दी जा रही है.

इसके अलावा कर्मचारियों से क्लास.4 का काम जैसे बायोमेडिकल वेस्ट की गाडिय़ों को लोड करवाया जा रहा है. अभी तक किसी भी सफाई कर्मचारी को साल 2020 की वर्दी और जूते तक नहीं दिए गए. यूनियन प्रधान पमिश ठाकुर का कहना है कि सफाई कर्मचारियों से अतिरिक्त काम तो लिया जा रहा है, लेकिन सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों को अपने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.

शिमला: आईजीएमसी और संबंधित अस्पतालों में सफाई का काम देख रहे कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने तीन घंटे काम नहीं किया.

कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को सैलरी स्लिप तक नहीं दी जाती है.

वहीं, जो कर्मचारी 2014 से काम कर रहा है उसे भी अभी तक ज्वॉइनिंग लेटर तक नहीं दिया गया है. हालांकि अब तक उन्हें दिन रात काम करते हुए 6 साल से ज्यादा समय हो चुका है.

इसके साथ ही आईजीएमसी प्रशासन ने जिन कर्मचारियों की कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी लगाई है, उन्हें प्रशासन द्वारा 2000 रुपए देने को कहा गया था, लेकिन आईजीएमसी प्रशासन द्वारा कोविड सेंटर में ड्यूटी लगाने वाले कर्मचारियों को वह पैसा भी नहीं दिया गया.

वहीं, कर्मचारियों को कोविड केयर सेंटर में जबरदस्ती भेजा जा रहा हैए जबकि कर्मचारी कोविड केयर सेंटर जानके के लिए मना कर रहे हैं. एक्स्ट्रा वर्क लिया जा रहा है.

सरकार नहीं बढ़ा रही सैलरी

सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के होते हुए भी उनसे एक्स्ट्रा काम करवाया जा रहा है. वहीं, प्रदेश सरकार कोरोना के चलते भी सैलरी नहीं बढ़ा रही है न ही उन्हें कोर्ठ भी मूलभूत सुविधाएं दी जा रही है.

इसके अलावा कर्मचारियों से क्लास.4 का काम जैसे बायोमेडिकल वेस्ट की गाडिय़ों को लोड करवाया जा रहा है. अभी तक किसी भी सफाई कर्मचारी को साल 2020 की वर्दी और जूते तक नहीं दिए गए. यूनियन प्रधान पमिश ठाकुर का कहना है कि सफाई कर्मचारियों से अतिरिक्त काम तो लिया जा रहा है, लेकिन सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही है. ऐसे में सफाई कर्मचारियों को अपने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.

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