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हिमाचल की इस सीट पर 2009 में खुला था भाजपा का खाता, अब लगाई जीत की हैट्रिक - लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने देश में प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है. देश में एनडीए ने 351 सीटों पर जीत दर्ज की है. देश के साथ हिमाचल में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. चारों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया है.

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Published : May 24, 2019, 5:56 PM IST

शिमला: लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने देश में प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है. देश में एनडीए ने 351 सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली हैं. देश के साथ हिमाचल में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. चारों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया है.

suresh kashyap won from shimla seat
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बात करें कि अगर शिमला सीट की तो ये कांग्रेस का गढ़ रहा है. राजनीति के राजा कहे जाने वाले वीरभद्र सिंह का प्रभाव इस सीट पर लंबे समय तक रहा है. कांग्रेस शिमला सीट से 1952 से 15 बार जीत चुकी है. एक बार भारतीय लोक दल के बालक राम इस सीट से जीते थे. 2009 में पहली भाजपा के वीरेंद्र कश्यप इस सीट से भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. इसके बाद 2014 में वे फिर जीत कर संसद पहुंचे.

इस बार भाजपा ने वीरेंद्र कश्यप की टिकट काट कर सुरेश कश्यप पर विश्वास जताया और 6,01,306 वोट लेकर उन्होंने धमाकेदार जीत दर्ज की. कांग्रेस के धनीराम शांडिल 2,77,647 वोट ही प्राप्त कर पाए. पूर्व में यह सीट पर कांग्रेस का गढ़ थी. 1952 से 2004 तक कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करती रही. इस दौरान मात्र भारतीय लोक दल के बालक राम 1977 में यहां से जीते थे.

शिमला सीट पर अब सत्ता के समीकरण बदल गए हैं. कांग्रेस का शिमला गढ़ अब भाजपा का अभेद्य किला बनता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में पहली बार उतरे सुरेश कश्यप ने एक बड़े मार्जिन से दो बार के सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता धनीराम शांडिल को हराया है. भाजपा की ये शिमला सीट पर लगातार तीसरी जीत है.

शिमला: लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने देश में प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है. देश में एनडीए ने 351 सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली हैं. देश के साथ हिमाचल में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. चारों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया है.

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बात करें कि अगर शिमला सीट की तो ये कांग्रेस का गढ़ रहा है. राजनीति के राजा कहे जाने वाले वीरभद्र सिंह का प्रभाव इस सीट पर लंबे समय तक रहा है. कांग्रेस शिमला सीट से 1952 से 15 बार जीत चुकी है. एक बार भारतीय लोक दल के बालक राम इस सीट से जीते थे. 2009 में पहली भाजपा के वीरेंद्र कश्यप इस सीट से भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. इसके बाद 2014 में वे फिर जीत कर संसद पहुंचे.

इस बार भाजपा ने वीरेंद्र कश्यप की टिकट काट कर सुरेश कश्यप पर विश्वास जताया और 6,01,306 वोट लेकर उन्होंने धमाकेदार जीत दर्ज की. कांग्रेस के धनीराम शांडिल 2,77,647 वोट ही प्राप्त कर पाए. पूर्व में यह सीट पर कांग्रेस का गढ़ थी. 1952 से 2004 तक कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करती रही. इस दौरान मात्र भारतीय लोक दल के बालक राम 1977 में यहां से जीते थे.

शिमला सीट पर अब सत्ता के समीकरण बदल गए हैं. कांग्रेस का शिमला गढ़ अब भाजपा का अभेद्य किला बनता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में पहली बार उतरे सुरेश कश्यप ने एक बड़े मार्जिन से दो बार के सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता धनीराम शांडिल को हराया है. भाजपा की ये शिमला सीट पर लगातार तीसरी जीत है.

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