शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हिमाचल में पूर्व जयराम सरकार के समय में खोले गए 285 स्कूलों को बंद कर दिया है. सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. जिन स्कूलों को बंद किया गया है, उनमें 57 मिडल स्कूल और 228 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं. सुक्खू सरकार ने जिन स्कूलों को बंद किया है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सराज विधानसभा क्षेत्र के 12 स्कूल भी शामिल हैं. ये सभी स्कूल ऐसे हैं जिनमें एक भी दाखिला नहीं हुआ है.
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 285 स्कूलों को डिनोटिफाई करने का फैसला लिया है. यह तब है जबकि विपक्ष लगातार सदन और सदन के बाहर संस्थानों को बंद करने का विरोध कर रहा है. जिन स्कूलों को बंद किया गया है उनमें 228 प्राइमरी स्कूल और 57 मिडल स्कूल हैं. शिक्षा सचिव अभिषेक जैन की ओर से जारी इस अधिसूचना के मुताबिक इन शिक्षण संस्थानों में 28 फरवरी तक जीरो इनरोलमेंट यानी कोई भी दाखिला नहीं था. शिक्षा विभाग की अधिसूचना के अनुसार जिन 57 मिडल स्कूलों को बंद किया गया है, उनमें हमीरपुर जिले के दो, कांगड़ा-किन्नौर के चार-चार स्कूल, कुल्लू का एक, लाहौल-स्पीति के तीन, मंडी के 12, शिमला के 29 और सोलन जिले के दो स्कूल शामिल हैं. मंडी जिले में जिन 12 स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सराज विधानसभा क्षेत्र के 7 स्कूल शामिल हैं.
प्रदेश में 228 प्राइमरी स्कूल बंद, शिमला जिले के अकेले 56 स्कूल: राज्य सरकार ने 228 प्राइमरी स्कूलों को बंद करने के भी आदेश दिए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 56 स्कूल शिमला जिला के हैं. कांगड़ा जिले में भी 48 स्कूलों को बंद किया गया है, इसके बाद मंडी जिले में 39 स्कूलों को डिनोटिफाई करने का सरकार ने आदेश दिए हैं, जिनमें 5 स्कूल पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सराज विधानसभा क्षेत्र के भी हैं. इसके अलावा बिलासपुर जिला के 9 स्कूल, चंबा के 13, लाहौल स्पीति के 20, हमीरपुर व किन्नौर के 10-10 स्कूल, कुल्लू के 11, सिरमौर के 5, सोलन के 6 और ऊना जिले का 1 स्कूल शामिल हैं.
जयराम सरकार के अंतिम छह माह में लिए फैसलों की समीक्षा कर रही सरकार: हिमाचल में सत्ता में आई सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पूर्व जयराम सरकार के अंतिम छह माह के सभी फैसलों समीक्षा कर रही है. इसके अलावा सरकार ने जयराम ठाकुर के कार्यकाल में अप्रैल 2022 के बाद खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने का फैसला लिया है. सरकार अन्य विभागों में खोले गए करीब 620 संस्थान बंद कर चुकी है. शिक्षा विभाग के तहत खोले गए 19 कॉलेजों को भी सरकार ने हाल ही में डिनोटिफाई करने का फैसला लिया है. वहीं अब शिक्षा विभाग के तहत खोले गए 285 मिडल और प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का भी सरकार ने फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि 14 मार्च से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र में विपक्षी भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर संस्थानों को बंद करने के लिए फैसले का विरोध किया है. यही नहीं भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया था, जिस पर सरकार ने चर्चा भी करवाई. इस बीच अब सरकार ने 285 स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
ये भी पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बोले- सिर्फ गुमराह करने वाला है कांग्रेस का पहला बजट, बेवजह डाला था शोर