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सुखविंदर सरकार को GDP का मिलेगा 6 फीसदी कर्ज, नोटिफिकेशन जारी - सुखविंदर सरकार ने कर्ज लिया

हिमाचल की सुखविंदर सरकार अब स्टेट जीडीपी का 6 फीसद कर्ज ले सकेगी. इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी की गई है. जानकारी के मुताबिक जनवरी 2023 में 1500 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ने लिया है. वहीं, अब राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार 75 हजार करोड़ हो गया है.

सुखविंदर सरकार को GDP का मिलेगा 6 फीसदी कर्ज
सुखविंदर सरकार को GDP का मिलेगा 6 फीसदी कर्ज
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Published : Jan 31, 2023, 7:12 AM IST

शिमला: हिमाचल की राज्य सरकार अब राज्य सकल घरेलू उत्पाद यानी जीएसडीपी का 6 फीसदी तक कर्ज ले सकेगी. इसके लिए बनाए गए हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी गई है.

बजट प्रबंधन संशोधनअधिनियम पारित: सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम, 2023 को पारित करवाया है. इस अधिनियम के मुताबिक हिमाचल सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी की बजाए 6 फीसदी तक कर्ज ले सकती है. अब राज्य सरकार की से बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

1500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया: सरकार ने इसी माह 1500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है. इसके साथ इस वित्तीय वर्ष में अब तक राज्य सरकार 9500 करोड़ का कर्ज ले चुकी है. राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार 75 हजार करोड़ हो गया है. राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम लागू होने के बाद सरकार वित्त वर्ष के बाकी बचे 2 माह के लिए भी कर्ज ले सकेगी. यह माना जा रहा है कि मौजूदा वित्तीय हालात को देखते हुए इस वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले कर्ज उठाने लेने के लिए सरकार फिर से आवेदन कर सकती है.

गारंटियों को पूरा करने से बढ़ेगा वित्तीय बोझ: कांग्रेस ने चुनाव के दौरान हिमाचल की जनता से कई बड़े वादे किए हैं. इनमें से ओपीएस लागू करने का सरकार फैसला ले चुकी है, जबकि महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने के लिए एक कैबिनेट की सब कमेटी गठित की गई है. इसके लागू होने से राज्य सरकार को भारी वित्तीय बोझ पड़ना तय है. इसी तरह घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वायदा भी बिजली बोर्ड के साथ राज्य की आर्थिक हालात को खराब कर सकती है.

ये भी पढ़ें: कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार को राहत, इस तरह से मिलेंगे 5400 करोड़

शिमला: हिमाचल की राज्य सरकार अब राज्य सकल घरेलू उत्पाद यानी जीएसडीपी का 6 फीसदी तक कर्ज ले सकेगी. इसके लिए बनाए गए हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी गई है.

बजट प्रबंधन संशोधनअधिनियम पारित: सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम, 2023 को पारित करवाया है. इस अधिनियम के मुताबिक हिमाचल सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी की बजाए 6 फीसदी तक कर्ज ले सकती है. अब राज्य सरकार की से बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है.

1500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया: सरकार ने इसी माह 1500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है. इसके साथ इस वित्तीय वर्ष में अब तक राज्य सरकार 9500 करोड़ का कर्ज ले चुकी है. राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार 75 हजार करोड़ हो गया है. राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)अधिनियम लागू होने के बाद सरकार वित्त वर्ष के बाकी बचे 2 माह के लिए भी कर्ज ले सकेगी. यह माना जा रहा है कि मौजूदा वित्तीय हालात को देखते हुए इस वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले कर्ज उठाने लेने के लिए सरकार फिर से आवेदन कर सकती है.

गारंटियों को पूरा करने से बढ़ेगा वित्तीय बोझ: कांग्रेस ने चुनाव के दौरान हिमाचल की जनता से कई बड़े वादे किए हैं. इनमें से ओपीएस लागू करने का सरकार फैसला ले चुकी है, जबकि महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने के लिए एक कैबिनेट की सब कमेटी गठित की गई है. इसके लागू होने से राज्य सरकार को भारी वित्तीय बोझ पड़ना तय है. इसी तरह घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वायदा भी बिजली बोर्ड के साथ राज्य की आर्थिक हालात को खराब कर सकती है.

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