ETV Bharat / state

शिमला में बोले सुब्रमण्यम स्वामी, फिर से खुले राष्ट्रपिता की हत्या का मुकदमा

बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा महात्मा गांधी की हत्या की जांच होनी चाहिए.

Subramanian Swamy on Mahatma Gandhi murder
author img

By

Published : Oct 19, 2019, 8:53 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 9:11 PM IST

शिमला: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए. मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले में कई ऐसे बिंदू हैं जिन्हें देखते हुए इस हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि महात्मा गांधी की हत्या हुई, लेकिन इस मामले में कई सवाल शुरू से उठते रहे हैं. पहला ये कि एफआईआर वहां उपस्थित लोगों ने क्यों नहीं करवाई, जबकि इस मामले में कनॉट प्लेस के एक होटल कारोबारी ने तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी.

बकौल सुब्रमण्यम स्वामी, '' दूसरा, गांधी जी को गोली लगने के बाद उनका देहांत नहीं हुआ था, वो जिंदा थे. गोली लगने के बाद बिरला हाउस में उन्हें जमीन पर लेटा रखा था, इस दौरान वे 40 मिनट तक जिंदा थे. इस बीच गांधी जी ने पानी का गिलास भी मांगा था.''

''सवाल ये है कि गांधी जी को गोली लगने के बाद अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया. अभी तक इस बात का कोई क्लेरिफिकेशन नहीं है. बिरला हाउस से अस्पताल की दूरी महज 10 मिनट की थी. उस अस्पताल का पुराना नाम है विलिंग्डन हॉस्पिटल और नया नाम है लोहिया अस्पताल.''

स्वामी ने कहा, '' तीसरा, जब कोर्ट में चार्जशीट फाइल हुई थी तो उसमें ये कहा गया कि तीन गोलियां चली थी और जो रिवाल्वर गोडसे के पास थी वो गोलियां उससे मैच नहीं किया गया. गोडसे ने भी अपने बयान में कहा था कि मैंने सिर्फ दो गोलियां चलाई थी जहां तक मुझे याद है.''

वीडियो.

सुब्रमण्यम बोले, '' जब भी किसी की हत्या होती है तो उसका पोस्टमार्टम किया जाता है तो गांधी जी का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि महात्मा गांधी जी की हत्या मामले में मैंने ऐसी ही 16 त्रुटियां ढूंढी हैं जिनका जवाब मिलना जरूरी है. गांधी जी की हत्या की दोबारा जांच होनी चाहिए.

यही नहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''गांधी जी की हत्या का सबसे ज्यादा फायदा जवाहरलाल नेहरू को हुआ था. गांधी जी की मौत के बाद वो सर्वोपरि हो गए. उन्होंने पटेल को भी संदेह पर डाल दिया. आरएसएस को भी बैन कर दिया. अपने आप को एक नए सेकुलर रूप में प्रस्तुत करने के जवाहरलाल नेहरू ने ये किया.''

स्वामी ने कहा, ''मैं नहीं कहता हूं कि मेरा संदेह जवाहरलाल नेहरू पर है, पर आमतौर पर जो क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन में जो बेनिफिशियरी होते हैं उससे पहले पूछताछ होती है.''

स्वामी ने आखिर में कहा कि जब गोडसे ने सामने आकर गांधी जी को गोली मारी तो मनु और आभा दोनों लड़कियों के कंधे पर हाथ रखकर गांधी जी प्रार्थना सभा की ओर आ रहे थे तो ये दोनों आई विटनेस थीं, लेकिन कोर्ट में इन दोनों को विटनेस नहीं बनाया गया, क्यों?

स्वामी ने ये भी कहा कि जब गांधी जी की हत्या हुई थी उस समय उन्होंने ये तय कर दिया था कि कांग्रेस का वो विभाजन करेंगे. दो पार्टियां बनाएंगे, एक सरदार पटेल के नेतृत्व में और एक जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में. प्रार्थना सभा में जाने से पहले इस बारे में गांधी और सरदार पटेल के बीच मुलाकात हुई थी जिसमें इस बात को लेकर फैसला लिया गया था.

ये सब उनके प्राइवेट सेक्रेटरी थे प्यारे लाल उन्होंने अपनी किताब 'लास्ट विल एंड टेस्टामेंट' में लिखा है. स्वामी ने कहा कि इस हत्या की जांच होनी चाहिए. इस मामले में कभी जांच नहीं हुई. गोडसे ने गोली चलाई इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन इससे उनकी जान गई ये सवाल है.

शिमला: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए. मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले में कई ऐसे बिंदू हैं जिन्हें देखते हुए इस हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि महात्मा गांधी की हत्या हुई, लेकिन इस मामले में कई सवाल शुरू से उठते रहे हैं. पहला ये कि एफआईआर वहां उपस्थित लोगों ने क्यों नहीं करवाई, जबकि इस मामले में कनॉट प्लेस के एक होटल कारोबारी ने तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी.

बकौल सुब्रमण्यम स्वामी, '' दूसरा, गांधी जी को गोली लगने के बाद उनका देहांत नहीं हुआ था, वो जिंदा थे. गोली लगने के बाद बिरला हाउस में उन्हें जमीन पर लेटा रखा था, इस दौरान वे 40 मिनट तक जिंदा थे. इस बीच गांधी जी ने पानी का गिलास भी मांगा था.''

''सवाल ये है कि गांधी जी को गोली लगने के बाद अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया. अभी तक इस बात का कोई क्लेरिफिकेशन नहीं है. बिरला हाउस से अस्पताल की दूरी महज 10 मिनट की थी. उस अस्पताल का पुराना नाम है विलिंग्डन हॉस्पिटल और नया नाम है लोहिया अस्पताल.''

स्वामी ने कहा, '' तीसरा, जब कोर्ट में चार्जशीट फाइल हुई थी तो उसमें ये कहा गया कि तीन गोलियां चली थी और जो रिवाल्वर गोडसे के पास थी वो गोलियां उससे मैच नहीं किया गया. गोडसे ने भी अपने बयान में कहा था कि मैंने सिर्फ दो गोलियां चलाई थी जहां तक मुझे याद है.''

वीडियो.

सुब्रमण्यम बोले, '' जब भी किसी की हत्या होती है तो उसका पोस्टमार्टम किया जाता है तो गांधी जी का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि महात्मा गांधी जी की हत्या मामले में मैंने ऐसी ही 16 त्रुटियां ढूंढी हैं जिनका जवाब मिलना जरूरी है. गांधी जी की हत्या की दोबारा जांच होनी चाहिए.

यही नहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''गांधी जी की हत्या का सबसे ज्यादा फायदा जवाहरलाल नेहरू को हुआ था. गांधी जी की मौत के बाद वो सर्वोपरि हो गए. उन्होंने पटेल को भी संदेह पर डाल दिया. आरएसएस को भी बैन कर दिया. अपने आप को एक नए सेकुलर रूप में प्रस्तुत करने के जवाहरलाल नेहरू ने ये किया.''

स्वामी ने कहा, ''मैं नहीं कहता हूं कि मेरा संदेह जवाहरलाल नेहरू पर है, पर आमतौर पर जो क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन में जो बेनिफिशियरी होते हैं उससे पहले पूछताछ होती है.''

स्वामी ने आखिर में कहा कि जब गोडसे ने सामने आकर गांधी जी को गोली मारी तो मनु और आभा दोनों लड़कियों के कंधे पर हाथ रखकर गांधी जी प्रार्थना सभा की ओर आ रहे थे तो ये दोनों आई विटनेस थीं, लेकिन कोर्ट में इन दोनों को विटनेस नहीं बनाया गया, क्यों?

स्वामी ने ये भी कहा कि जब गांधी जी की हत्या हुई थी उस समय उन्होंने ये तय कर दिया था कि कांग्रेस का वो विभाजन करेंगे. दो पार्टियां बनाएंगे, एक सरदार पटेल के नेतृत्व में और एक जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में. प्रार्थना सभा में जाने से पहले इस बारे में गांधी और सरदार पटेल के बीच मुलाकात हुई थी जिसमें इस बात को लेकर फैसला लिया गया था.

ये सब उनके प्राइवेट सेक्रेटरी थे प्यारे लाल उन्होंने अपनी किताब 'लास्ट विल एंड टेस्टामेंट' में लिखा है. स्वामी ने कहा कि इस हत्या की जांच होनी चाहिए. इस मामले में कभी जांच नहीं हुई. गोडसे ने गोली चलाई इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन इससे उनकी जान गई ये सवाल है.

Last Updated : Oct 19, 2019, 9:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.