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HPU में अब छात्र संगठन नहीं कर पाएंगे धरना प्रदर्शन, हिंसक घटनाओं को देखते हुए कुलपति ने लगाया प्रतिबंध - हिमाचल न्यूज

कुलपति का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के चलते वैसे भी कैंपस में किसी तरह का पोस्टर नहीं लग सकता है और इसके बाद भी कैंपस में इस तरह के पोस्टर लगाना पूरी तरह से बैन रहेगा.

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Published : Mar 25, 2019, 6:56 PM IST

Updated : Mar 26, 2019, 7:05 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच होने वाले खूनी संघर्ष पर रोक लगाने के लिए एचपीयू कुलपति सख्त हो गए हैं. कुलपति प्रो.सिंकदर ने एचपीयू परिसर में होने वाले छात्र संगठनों के धरना प्रदर्शन और नारेबाजी पर रोक लगाने का फैसला ले लिया है.


एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर ने कहा कि परिसर में किसी भी तरह के संगठनों के धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. छात्र संगठन अभी कैंपस में जहां तहां धरना प्रदर्शन करते हैं जिससे कि परिसर का शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है. ऐसे में अब छात्र संगठनों के कैंपस में होने वाले इन धरना प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी.
यह रोक हाईकोर्ट के 2012 में लिए गए फैसले के तहत लगाई जाएगी. इसके तहत संगठन केवल कुछ एक चिन्हित जगहों पर ही प्रदर्शन कर पाएंगे. कैंपस में हर कहीं छात्र संगठनों के यह धरना प्रदर्शन नहीं होंगे. इतना ही नहीं एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने एचपीयू कैंपस में प्रदर्शनों के साथ ही कैंपस में छात्र संगठनों के पोस्टर लगाने पर भी बैन लगाया है.
कुलपति का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के चलते वैसे भी कैंपस में किसी तरह का पोस्टर नहीं लग सकता है और इसके बाद भी कैंपस में इस तरह के पोस्टर लगाना पूरी तरह से बैन रहेगा.
एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर ने कहा कि एचपीयू में हाइकोर्ट के उन आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा. जिसके तहत परिसर में धरना प्रदर्शन बैन किए गए है, साथ ही कोई भी संगठन अपने पोस्टर भी कैंपस में नहीं लगा पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कुछ एक आवश्यक कदम उठाना जरूरी हैं. ऐसे में एक अहम कदम एचपीयू में इस दिशा में उठाया है.
कुलपति ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही यह आदेश एचपीयू में लागू कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन आदेशों को आज से ही लागू ना करने की वजह यह है कि एक छात्र संगठन ने उन्हें विवि गेट पर ही रोक कर अपना पक्ष रखा था. दूसरे पक्ष को भी मौका देना जरूरी था कि वो अपनी बात मेरे समक्ष रख सकें और यही अवसर छात्रों को दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले भी परिसर में छात्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए एचपीयू लाइब्रेरी और हॉस्टलों के 209 मीटर के दायरे के भीतर नारेबाजी करने पर रोक लगाई थी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच होने वाले खूनी संघर्ष पर रोक लगाने के लिए एचपीयू कुलपति सख्त हो गए हैं. कुलपति प्रो.सिंकदर ने एचपीयू परिसर में होने वाले छात्र संगठनों के धरना प्रदर्शन और नारेबाजी पर रोक लगाने का फैसला ले लिया है.


एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर ने कहा कि परिसर में किसी भी तरह के संगठनों के धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. छात्र संगठन अभी कैंपस में जहां तहां धरना प्रदर्शन करते हैं जिससे कि परिसर का शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है. ऐसे में अब छात्र संगठनों के कैंपस में होने वाले इन धरना प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी.
यह रोक हाईकोर्ट के 2012 में लिए गए फैसले के तहत लगाई जाएगी. इसके तहत संगठन केवल कुछ एक चिन्हित जगहों पर ही प्रदर्शन कर पाएंगे. कैंपस में हर कहीं छात्र संगठनों के यह धरना प्रदर्शन नहीं होंगे. इतना ही नहीं एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने एचपीयू कैंपस में प्रदर्शनों के साथ ही कैंपस में छात्र संगठनों के पोस्टर लगाने पर भी बैन लगाया है.
कुलपति का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के चलते वैसे भी कैंपस में किसी तरह का पोस्टर नहीं लग सकता है और इसके बाद भी कैंपस में इस तरह के पोस्टर लगाना पूरी तरह से बैन रहेगा.
एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर ने कहा कि एचपीयू में हाइकोर्ट के उन आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा. जिसके तहत परिसर में धरना प्रदर्शन बैन किए गए है, साथ ही कोई भी संगठन अपने पोस्टर भी कैंपस में नहीं लगा पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कुछ एक आवश्यक कदम उठाना जरूरी हैं. ऐसे में एक अहम कदम एचपीयू में इस दिशा में उठाया है.
कुलपति ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही यह आदेश एचपीयू में लागू कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन आदेशों को आज से ही लागू ना करने की वजह यह है कि एक छात्र संगठन ने उन्हें विवि गेट पर ही रोक कर अपना पक्ष रखा था. दूसरे पक्ष को भी मौका देना जरूरी था कि वो अपनी बात मेरे समक्ष रख सकें और यही अवसर छात्रों को दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले भी परिसर में छात्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए एचपीयू लाइब्रेरी और हॉस्टलों के 209 मीटर के दायरे के भीतर नारेबाजी करने पर रोक लगाई थी.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के बीच होने वाले खूनी संघर्ष पर रोक लगाने के लिए एचपीयू कुलपति सख्त हो गए है। कुलपति ने एचपीयू परिसर में होने वाले छात्र संगठनों के धरना प्रदर्शन और नारेबाज़ी पर रोक लगाने का फ़ैसला ले लिया है। एचपीयू कुलपति ने कहा कि परिसर में किसी भी तरह के सगठनों के धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। छात्र संगठन अभी कैंपस में जहां तहां धरना प्रदर्शन करते है जिससे कि परिसर का शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है ऐसे में अब छात्र संगठनों के कैंपस में होने वाले इन धरना प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।


Body:यह रोक हाईकोर्ट के 2012 में लिए गए फ़ैसले के तहत लगाई जाएगी। इसके तहत संगठन केवल कुछ एक चिन्हित जगहों पर ही प्रदर्शन कर पाएंगे कैंपस में हर कहीं छात्र संगठनों के यह धरना प्रदर्शन नहीं होंगे। इतना ही नहीं एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने एचपीयू कैंपस में प्रदर्शनों के साथ ही कैंपस में छात्र संघो के पोस्टर लगाने पर भी बैन लगाया है। कुलपति का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के चलते वैसे भी कैंपस में किसी तरह का पोस्टर नहीं लग सकता है ओर इसके बाद भी कैंपस में इस तरह के पोस्टर लगाना पूरी तरह से बैन रहेगा।


Conclusion:एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर ने कहा कि एचपीयू में हाइकोर्ट के उन आदेशों को सख्ती से लागू किया जाएगा जिसके तहत परिसर में धरना प्रदर्शन बैन किए गए है। साथ ही कोई भी संग़ठन अपने पोस्टर भी कैंपस में नहीं लगा पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कुछ एक आवश्यक कदम उठाना जरूरी है। ऐसे में एक अहम कदम एचपीयू में इस दिशा में उठाया है। कुलपति ने कहा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही यह आदेश एचपीयू में लागू कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन आदेशों को आज से ही लागू ना करने की वजह यह है कि एक छात्र संगठन ने उन्हें विवि गेट पर ही रोक कर अपना पक्ष रखा था। दूसरे पक्ष को भी मौका देना जरूरी था कि वो अपनी बात मेरे समक्ष रख सकें और यही अवसर छात्रों को दिया गया है। बता दे कि इससे पहले भी परीसर में छात्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए एचपीयू लाइब्रेरी ओर हॉस्टलों के 209 मीटर के दायरे के भीतर नारेबाजी करने पर रोक लगाई थी।

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Last Updated : Mar 26, 2019, 7:05 AM IST
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