शिमला: देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात ये हैं प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है. रोजाना बढ़ रही मरीजों की संख्या से सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते प्रदेश सरकार ने शिमला स्थित रिपन अस्पताल को एक बार फिर से डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. सरकार भी लगातार परिस्थितियों पर नजर बनाए हुई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 90 प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं. इसलिए होमआइसोलेशन तंत्र को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए.
सरकार का दावा है कि हिमाचल सेनिटाइजर, पीपीई किट, मास्क की कोई कमी नहीं. पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध हैं. इसके साथ ही सरकार टेस्टिंग को बढ़ाने पर भी जोर दे रही है, ताकि संक्रमित मरीजों की पहचान की जा सकेगी. 13 लाख 78 हजार 90 लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं, इस दौरान कुल 75 हजार 587 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इलाज के बाद 65 हजार 947 लोग स्वस्थ हुई हैं, जबकि 1167 लोगों की मौत हुई है. शनिवार को 1392 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 12 लोगों की मौत हुई है.
हिमाचल में कोरोना से 'जंग'
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए 1,800 बेड हैं रिजर्व रखे गए हैं. इसमें 800 बेड ऑक्सीजन के साथ हैं, जबकि 500 वेंटिलेटर हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में 50 बेड और बढ़ाने का सरकार ने निर्णय लिया है.
हिमाचल में वैक्सीनेशन
प्रदेश में शुक्रवार को 45 से 60 वर्ष के 21,341 लोगों को पहली डोज दी गई जबकि 418 लोगों को दूसरी डोज दी गई. 45 से 60 साल की उम्र के 484733 लोगों का अब तक वैक्सीनेशन हो चुका है. वहीं, 60 वर्ष से अधिक उम्र के 8884 लोगों को आज कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई, जबकि 4,136 लोगों को दूसरी डोज दी गई है.
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