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हिमाचल में बढ़ रहे पथरी के मरीज! महिलाओं में स्टोन का खतरा ज्यादा, जानें लक्षण और बचाव

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 11:25 AM IST

Updated : Dec 2, 2023, 1:33 PM IST

Stone Disease in Himachal: हिमाचल प्रदेश में पथरी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हिमाचल में हर माह 300 के करीब पथरी के ऑपरेशन होते हैं. वहीं, महिलाओं में पथरी के मामले ज्यादा देखे गए हैं. जबकि बच्चे भी पथरी की चपेट में आ रहे हैं.

Stone Disease in Himachal
हिमाचल में महिलाओं में पथरी का खतरा ज्यादा
डॉ. संजीव गुप्ता, सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ, आईजीएमसी अस्पताल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पथरी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. पथरी के मरीजों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में पथरी के मामले ज्यादा देखे गए हैं. इसका मुख्य कारण लोगों के खानपान में हो रहा बदलाव है. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हिमाचल में हर माह 300 के करीब पथरी के ऑपरेशन होते हैं.

हिमाचल में बढ़ता पथरी का खतरा: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग की यूनिट चार में ही एक माह में करीब 110 पथरी के ऑपरेशन होते हैं. यहां रोजाना 70 के करीब ओपीडी होती है. इनमें ज्यादातर मरीज पेट में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं, लेकिन बाद में उनमें पथरी की समस्या निकलती है. डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि पथरी दो तरह की होती है, गुर्दा और गॉल ब्लैडर. इन दोनों में पथरी के होने के कारण भी अलग-अलग हैं. डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हर उम्र के लोगों को पथरी हो रही है. ये पथरी किसी भी आकार की हो सकती है.

सबसे ज्यादा महिलाएं ग्रसित: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा पथरी की शिकार महिलाएं हो रही हैं. महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या ज्यादा हो रही है. इसका मुख्य कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है. इससे लिवर में पित्त गाढ़ा हो जाता है. एसिड की कमी या कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से भी यह पथरी का रूप धारण कर लेता है.

Stone Disease in Himachal
पथरी के लक्षण

बच्चे भी हो रहे शिकार: डॉ. संजीव के गुप्ता ने बताया कि इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी पथरी हो रही है. बच्चों को भी दोनों ही प्रकार की पथरी हो रही है. डॉ संजीव गुप्ता ने कहा कि बच्चों में ह्यूमैनिटीज एनीमिया होता है, जिससे पिगमेंट स्टोन बनते हैं. यह काले रंग के होते हैं.

सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान और हिम केयर योजना के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. इससे मरीजों को काफी फायदा हो रहा है. अस्पताल में लेजर और चीर-फाड़ दोनों ही तरीको से मरीज का इलाज संभव है.

गॉल ब्लैडर पथरी के लक्षण: डॉ. संजीव के गुप्ता का कहना है कि गॉल ब्लैडर पथरी के कई कारण हैं. जिनमें से पेट के ऊपरी दाएं कोने में ज्यादा दर्द होना, कंधे के ब्लेड के बीच में तेज दर्द, बार-बार उल्टी आना या जी मचलना, बार-बार खट्टी डकार आना, इनडाइजेशन की समस्या का होना इत्यादि गॉल ब्लैडर पथरी के लक्षण हैं.

किडनी या गुर्दा पथरी के लक्षण: डॉ. संजीव के गुप्ता ने बताया कि गॉल ब्लैडर पथरी की ही तरह किडनी या गुर्दा पथरी के भी कई लक्षण हैं. जैसे की तेज बुखार होना, पेशाब में खून आना, धुंधला पेशाब, किडनी खराब होना, उल्टी आना, पीठ में दर्द होना इत्यादि गुर्दा पथरी के लक्षण हैं.

Stone Disease in Himachal
पथरी से बचाव

पथरी से बचाव: डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को गॉल ब्लैडर में पथरी है तो वह रोजाना कम से कम 8-9 गिलास पानी पिए, रोजाना 40 मिनट तक शारीरिक गतिविधियां करें, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाएं और पालक, टमाटर, बैंगन और भिंडी आदि सब्जियां कम खाएं. इसके साथ ही लाल मीट से भी परहेज करें. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को गुर्दे में पथरी है तो वह ज्यादा पानी पीएं, बादाम खाएं, नींबू पानी पिएं, मौसमी और संतरा खाएं, नारियल पानी पिएं और कुलथी की दाल का पानी पिएं.

डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि हिमाचल में पथरी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. यूरिनरी इंफेक्शन से पीड़ित मरीज अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन चेकअप के बाद उनमें पथरी की शिकायत मिलती है. उन्होंने कहा कि इससे बचाव बेहद जरूरी है. वहीं, अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी पथरी से संबंधित लक्षण नजर आते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाएं और अपना इलाज करवाएं.

ये भी पढ़ें: Rampur Bushahar News: महात्मा गांधी खनेरी अस्पताल में बिना चीर-फाड़ दूरबीन द्वारा किया गया पथरी और गर्भाशय का एक साथ सफल ऑपरेशन

ये भी पढ़ें: आयुर्वेद से पाएं पथरी रोग में राहत

डॉ. संजीव गुप्ता, सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ, आईजीएमसी अस्पताल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पथरी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. पथरी के मरीजों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में पथरी के मामले ज्यादा देखे गए हैं. इसका मुख्य कारण लोगों के खानपान में हो रहा बदलाव है. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हिमाचल में हर माह 300 के करीब पथरी के ऑपरेशन होते हैं.

हिमाचल में बढ़ता पथरी का खतरा: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग की यूनिट चार में ही एक माह में करीब 110 पथरी के ऑपरेशन होते हैं. यहां रोजाना 70 के करीब ओपीडी होती है. इनमें ज्यादातर मरीज पेट में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं, लेकिन बाद में उनमें पथरी की समस्या निकलती है. डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि पथरी दो तरह की होती है, गुर्दा और गॉल ब्लैडर. इन दोनों में पथरी के होने के कारण भी अलग-अलग हैं. डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हर उम्र के लोगों को पथरी हो रही है. ये पथरी किसी भी आकार की हो सकती है.

सबसे ज्यादा महिलाएं ग्रसित: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा पथरी की शिकार महिलाएं हो रही हैं. महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या ज्यादा हो रही है. इसका मुख्य कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है. इससे लिवर में पित्त गाढ़ा हो जाता है. एसिड की कमी या कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से भी यह पथरी का रूप धारण कर लेता है.

Stone Disease in Himachal
पथरी के लक्षण

बच्चे भी हो रहे शिकार: डॉ. संजीव के गुप्ता ने बताया कि इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी पथरी हो रही है. बच्चों को भी दोनों ही प्रकार की पथरी हो रही है. डॉ संजीव गुप्ता ने कहा कि बच्चों में ह्यूमैनिटीज एनीमिया होता है, जिससे पिगमेंट स्टोन बनते हैं. यह काले रंग के होते हैं.

सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान और हिम केयर योजना के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. इससे मरीजों को काफी फायदा हो रहा है. अस्पताल में लेजर और चीर-फाड़ दोनों ही तरीको से मरीज का इलाज संभव है.

गॉल ब्लैडर पथरी के लक्षण: डॉ. संजीव के गुप्ता का कहना है कि गॉल ब्लैडर पथरी के कई कारण हैं. जिनमें से पेट के ऊपरी दाएं कोने में ज्यादा दर्द होना, कंधे के ब्लेड के बीच में तेज दर्द, बार-बार उल्टी आना या जी मचलना, बार-बार खट्टी डकार आना, इनडाइजेशन की समस्या का होना इत्यादि गॉल ब्लैडर पथरी के लक्षण हैं.

किडनी या गुर्दा पथरी के लक्षण: डॉ. संजीव के गुप्ता ने बताया कि गॉल ब्लैडर पथरी की ही तरह किडनी या गुर्दा पथरी के भी कई लक्षण हैं. जैसे की तेज बुखार होना, पेशाब में खून आना, धुंधला पेशाब, किडनी खराब होना, उल्टी आना, पीठ में दर्द होना इत्यादि गुर्दा पथरी के लक्षण हैं.

Stone Disease in Himachal
पथरी से बचाव

पथरी से बचाव: डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को गॉल ब्लैडर में पथरी है तो वह रोजाना कम से कम 8-9 गिलास पानी पिए, रोजाना 40 मिनट तक शारीरिक गतिविधियां करें, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाएं और पालक, टमाटर, बैंगन और भिंडी आदि सब्जियां कम खाएं. इसके साथ ही लाल मीट से भी परहेज करें. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को गुर्दे में पथरी है तो वह ज्यादा पानी पीएं, बादाम खाएं, नींबू पानी पिएं, मौसमी और संतरा खाएं, नारियल पानी पिएं और कुलथी की दाल का पानी पिएं.

डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि हिमाचल में पथरी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. यूरिनरी इंफेक्शन से पीड़ित मरीज अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन चेकअप के बाद उनमें पथरी की शिकायत मिलती है. उन्होंने कहा कि इससे बचाव बेहद जरूरी है. वहीं, अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी पथरी से संबंधित लक्षण नजर आते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाएं और अपना इलाज करवाएं.

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Last Updated : Dec 2, 2023, 1:33 PM IST
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