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स्टेट और नेशनल अवार्ड लेने वाले शिक्षकों को नहीं दी जाएगी एक्सटेंशन, शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

प्रदेश शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें अवार्डी शिक्षकों को नकद राशि देने का सुझाव शामिल किया गया है,जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव
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Published : Aug 2, 2019, 3:30 PM IST

शिमला: प्रदेश में अवार्डी शिक्षकों को अब एक साल एक्सटेंशन नहीं मिलेगी. उनको दी जानी वाली एक्सटेंशन पर शिक्षा विभाग कट लगाने की तैयारी कर चुका है. विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और अब इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी को भेजा जाएगा.

प्रदेश शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें अवार्डी शिक्षकों को नकद राशि देने का सुझाव शामिल किया गया है. यही प्रक्रिया पहले भी लागू थी जिसके तहत शिक्षकों को जिन्हें राज्यस्तर पर पुरस्कार मिलता है उन्हें 40 हजार और नेशनल अवार्डी शिक्षकों को 60 हजार की नकद राशि दी जाती थी, एक बार फिर से शिक्षा विभाग इसी प्रक्रिया को नए प्रस्ताव में शामिल करने जा रहा है.

बता दें कि पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में अवार्ड पाने वाले शिक्षकों के लिए एक्सटेंक्शन का प्रावधान किया था. वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों की मांग पर अवार्ड प्राप्त करने वाले शिक्षकों को एक्सटेंक्शन देने की प्रक्रिया को शुरू किया था. इसके तहत नेशनल अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को दो साल का एक्सटेंक्शन दिया गया था जबकि स्टेट अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को एक साल की एक्सटेंक्शन दी गई थी. इस दौरान कई शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार दिया गया.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल का कहना है कि अवार्डी शिक्षकों को दी जाने वाली एक्सटेंशन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

ये भी पढ़े: बारिश से मक्के की फसल को नुकसान, किसानों की बढ़ी चिंता

शिमला: प्रदेश में अवार्डी शिक्षकों को अब एक साल एक्सटेंशन नहीं मिलेगी. उनको दी जानी वाली एक्सटेंशन पर शिक्षा विभाग कट लगाने की तैयारी कर चुका है. विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और अब इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी को भेजा जाएगा.

प्रदेश शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें अवार्डी शिक्षकों को नकद राशि देने का सुझाव शामिल किया गया है. यही प्रक्रिया पहले भी लागू थी जिसके तहत शिक्षकों को जिन्हें राज्यस्तर पर पुरस्कार मिलता है उन्हें 40 हजार और नेशनल अवार्डी शिक्षकों को 60 हजार की नकद राशि दी जाती थी, एक बार फिर से शिक्षा विभाग इसी प्रक्रिया को नए प्रस्ताव में शामिल करने जा रहा है.

बता दें कि पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में अवार्ड पाने वाले शिक्षकों के लिए एक्सटेंक्शन का प्रावधान किया था. वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों की मांग पर अवार्ड प्राप्त करने वाले शिक्षकों को एक्सटेंक्शन देने की प्रक्रिया को शुरू किया था. इसके तहत नेशनल अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को दो साल का एक्सटेंक्शन दिया गया था जबकि स्टेट अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को एक साल की एक्सटेंक्शन दी गई थी. इस दौरान कई शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार दिया गया.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल का कहना है कि अवार्डी शिक्षकों को दी जाने वाली एक्सटेंशन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

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Intro:प्रदेश में अवार्डी शिक्षकों को अब एक साल एक्सटेंशन नहीं मिलेगी। उनको दी जानी वाली इस एक्सटेंशन पर शिक्षा विभाग कट लगाने की तैयारी कर चुका है । विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और अब इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी को भेजा जाएगा। सरकार की मंजूरी मिलती है तो जिन शिक्षकों को इस बार स्टेट ओर नेशनल अवार्ड मिलेगा उन्हें दो और एक साल की एक्सटेंशन नहीं दी जाएगी। शिक्षकों को मात्र अवार्ड की राशि से ही संतुष्टि करनी होगी जिसे एक्सटेंशन की जगह पर देने का प्रावधान शिक्षा विभाग चाह रहा है।

Body:प्रदेश शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसमें अवार्डी शिक्षकों को नकद राशि देने का सुझाव शामिल किया गया है। यही प्रक्रिया पहले भी लागू थी जिसके तहत शिक्षकों को जिन्हें राज्यस्तर पर पुरस्कार मिलता है उन्हें 40 हजार ओर नेशनल अवार्डी शिक्षकों को 60 हजार की नकद राशि दी जाती थी। तो अब एक बार फिर से इसी प्रक्रिया को शुरू करने की सिफारिश अपने इस नए प्रस्ताव में शिक्षा विभाग शामिल करने जा रहा है। हालांकि पहले की व्यवस्था में शिक्षकों को यह ऑब्शन भी दिया जाता था कि वो या तो अवार्ड की राशि ले लें या फिर एक्सटेंशन लेकिन अब एक्सटेंशन के विकल्प को ही शिक्षा विभाग समाप्त करना चाह रहा है।
Conclusion:प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल का कहना है कि अवार्डी शिक्षकों को दी जाने वाली एक्सटेंशन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बता दे कि पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में अवार्ड पाने वाले शिक्षकों के लिए एक्सटेंक्शन का प्रावधान किया था। वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार ने शिक्षकों की मांग पर अवार्ड प्राप्त करने वाले शिक्षकों को एक्सटेंक्शन देने की प्रक्रिया को शुरू किया था । इसके तहत नेशनल अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को दो साल का एक्सटेंक्शन दिया गया था जबकि स्टेट अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को एक साल की एक्सटेंक्शन दी गई थी। इस दौरान कई शिक्षकों को सेवानिवृति के बाद सेवाविस्तार दिया गया। इसके बाद जब भाजपा की सरकार आई तो इस सेवाविस्तार को बदलने का फ़ैसला लिया जा रहा था, लेकिन शिक्षकों की मांग इसे जारी रखा गया और अब इस बार फिर से इसमें बदवाल की तैयारी की जा रही है।
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