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डीडीयू को मिले 5 वेंटिलेटर, गंभीर मरीजाें काे नहीं किया जाएगा आईजीएमसी रेफर

राजधानी शिमला के दीनदयाल अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को अब आईजीएमसी रेफर नहीं करना पड़ेगा. स्पताल में 5 नए वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की गई है. सोमवार को अस्पताल में वेंटिलेटर फिट करने का काम शुरू किया गया है. इससे पहले अस्पताल के पास वेंटिलेटर नहीं थे. इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा गया और अब सरकार ने डीडीयू के लिए पांच वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए हैं. इससे अब यहां पर आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधा मिल पाएगी.

DDU Hospital shimla
डीडीयू अस्पताल शिमला
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Published : Jun 23, 2020, 7:14 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के दीनदयाल अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को अब आईजीएमसी रेफर नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल में 5 नए वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की गई है. सोमवार को अस्पताल में वेंटिलेटर फिट करने का काम शुरू किया गया है. इससे पहले अस्पताल के पास वेंटिलेटर नहीं थे. सरकार ने डीडीयू अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाया है, कोविड सेंटर बनने के बाद आईजीएमसी से यहां 4 वेंटिलेटर लाए गए थे,लेकिन वह काफी नहीं थे. इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा गया और अब सरकार ने डीडीयू के लिए पांच वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए हैं. इससे अब यहां पर आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधा मिल पाएगी.

कोविड सेंटर बनाया गया डीडीयू

बता दें कि डीडीयू अस्पताल में आने वाले कोरोना के गंभीर मरीज वेंटिलेटर ना होने के कारण आईजीएमसी रेफर किए जा रहे थे,लेकिन पिछले हफ्ते सोलन के बद्दी से दो मरीजों को शिमला रेफर किया गया था. इसमें एक कोविड मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसे रातों-रात आईजीएमसी रेफर करना पड़ा था और मरीज की सांस फूलने के कारण उसे वेंटिलेटर की जरूरत थी. डीडीयू के नए भवन में भी वेंटिलेटर के प्वाइंट नहीं है, लेकिन अब प्वाइंट बनाने का काम शुरू कर दिया है.

वेंटिलेटर से मरीजों को मिलेगी राहत

डीडीयू अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के बाद शिमला जिला के साथ-साथ किन्नौर जिला से आने वाले कोरोना मरीजों को भी यहां रखा जा रहा है. कई बार सोलन से भी कोरोना मरीजों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है. इसके अलावा संदिग्ध मरीजों को भी यहीं रखा जा रहा है. ऐसे में यहां मरीजों की संख्या अधिक होने पर उन्हें पूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाना मुश्किल हो रहा था, लेकिन अब वेंटिलेटर के आने से मरीजों को राहत मिलेगी.

राज्य का दूसरा बड़ा अस्पताल

आईजीएमसी के बाद डीडीयू जिला का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन इसके कोविड सेंटर बनाए जाने से यहां की व्यवस्था की पोल भी खुली है. हालांकि डीडीयू जिला अस्पताल है, लेकिन यहां गंभीर मरीजों के लिए एक भी वेंटिलेटर नहीं था. इसके अलावा कई अन्य तरह की जरूरी सुविधाएं भी मरीजों को नहीं मिल पा रही थी, जिसमें ऑक्सीजन पाइप लाइन, लैब, ईसीजी आदि शामिल हैं. इमरजेंसी में मरीजों को आईजीएमसी रेफर करना पड़ता है, लेकिन अब वेंटिलेटर के कारण कोई मरीज रेफर नहीं किया जाएगा.

अस्पताल में स्टाफ की कमी

डीडीयू अस्पताल में आम दिनों में एक हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते है. शहर के बीचों-बीच होने के कारण यहां पर शहर के साथ-साथ जिलाभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. एक ओर यहां पर जहां स्टाफ की भी किल्लत है, वहीं सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं है. कोविड केयर सेंटर बनाने के बाद इस अस्पताल का काम और भी ज्यादा बढ़ गया है.

वेंटिलेटर फिट करवाने का काम शुरू

डीडीयू अस्पताल के एमएस डॉ. लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि डीडीयू अस्पताल को पांच नए वेंटिलेटर मिले हैं. इसे फिट करवाने का काम शुरू कर दिया गया. इससे पहले अस्पताल के पास अपना कोई वेंटिलेटर नहीं था, लेकिन अब जिन मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत होगी, उन्हें रेफर नहीं किया जाएगा. यहीं पर वेंटिलेटर मिल जाएगा.

शिमला: राजधानी शिमला के दीनदयाल अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को अब आईजीएमसी रेफर नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल में 5 नए वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की गई है. सोमवार को अस्पताल में वेंटिलेटर फिट करने का काम शुरू किया गया है. इससे पहले अस्पताल के पास वेंटिलेटर नहीं थे. सरकार ने डीडीयू अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाया है, कोविड सेंटर बनने के बाद आईजीएमसी से यहां 4 वेंटिलेटर लाए गए थे,लेकिन वह काफी नहीं थे. इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा गया और अब सरकार ने डीडीयू के लिए पांच वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए हैं. इससे अब यहां पर आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधा मिल पाएगी.

कोविड सेंटर बनाया गया डीडीयू

बता दें कि डीडीयू अस्पताल में आने वाले कोरोना के गंभीर मरीज वेंटिलेटर ना होने के कारण आईजीएमसी रेफर किए जा रहे थे,लेकिन पिछले हफ्ते सोलन के बद्दी से दो मरीजों को शिमला रेफर किया गया था. इसमें एक कोविड मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसे रातों-रात आईजीएमसी रेफर करना पड़ा था और मरीज की सांस फूलने के कारण उसे वेंटिलेटर की जरूरत थी. डीडीयू के नए भवन में भी वेंटिलेटर के प्वाइंट नहीं है, लेकिन अब प्वाइंट बनाने का काम शुरू कर दिया है.

वेंटिलेटर से मरीजों को मिलेगी राहत

डीडीयू अस्पताल को कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के बाद शिमला जिला के साथ-साथ किन्नौर जिला से आने वाले कोरोना मरीजों को भी यहां रखा जा रहा है. कई बार सोलन से भी कोरोना मरीजों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है. इसके अलावा संदिग्ध मरीजों को भी यहीं रखा जा रहा है. ऐसे में यहां मरीजों की संख्या अधिक होने पर उन्हें पूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाना मुश्किल हो रहा था, लेकिन अब वेंटिलेटर के आने से मरीजों को राहत मिलेगी.

राज्य का दूसरा बड़ा अस्पताल

आईजीएमसी के बाद डीडीयू जिला का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन इसके कोविड सेंटर बनाए जाने से यहां की व्यवस्था की पोल भी खुली है. हालांकि डीडीयू जिला अस्पताल है, लेकिन यहां गंभीर मरीजों के लिए एक भी वेंटिलेटर नहीं था. इसके अलावा कई अन्य तरह की जरूरी सुविधाएं भी मरीजों को नहीं मिल पा रही थी, जिसमें ऑक्सीजन पाइप लाइन, लैब, ईसीजी आदि शामिल हैं. इमरजेंसी में मरीजों को आईजीएमसी रेफर करना पड़ता है, लेकिन अब वेंटिलेटर के कारण कोई मरीज रेफर नहीं किया जाएगा.

अस्पताल में स्टाफ की कमी

डीडीयू अस्पताल में आम दिनों में एक हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते है. शहर के बीचों-बीच होने के कारण यहां पर शहर के साथ-साथ जिलाभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. एक ओर यहां पर जहां स्टाफ की भी किल्लत है, वहीं सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं है. कोविड केयर सेंटर बनाने के बाद इस अस्पताल का काम और भी ज्यादा बढ़ गया है.

वेंटिलेटर फिट करवाने का काम शुरू

डीडीयू अस्पताल के एमएस डॉ. लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि डीडीयू अस्पताल को पांच नए वेंटिलेटर मिले हैं. इसे फिट करवाने का काम शुरू कर दिया गया. इससे पहले अस्पताल के पास अपना कोई वेंटिलेटर नहीं था, लेकिन अब जिन मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत होगी, उन्हें रेफर नहीं किया जाएगा. यहीं पर वेंटिलेटर मिल जाएगा.

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