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एग्जाम के समय घबराएं नहीं करें एंजॉय, जानिए परीक्षा में कैसे करें बेहतर - एग्जाम के समय घबराएं नहीं करें एंजॉय

परीक्षाएं आने वाली हैं, ऐसे में ज्यादातार छात्र चिंता और तनाव के दौर से गुजरने लगते हैं. परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है लेकिन परीक्षा से पहले कुछ खास बातों का ख्याल रख कर बेहतर परिणाम लाया जा सकता है.

special tips for good performance in board exam
जानिए परीक्षा में कैसे करें बेहतर
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Published : Jan 23, 2020, 6:38 PM IST

शिमला/गाजियाबाद: जल्द ही परीक्षाएं आने वाली हैं, ऐसे में ज्यादातार छात्र चिंता और तनाव के दौर से गुजरने लगते हैं. परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है. हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है. और इसी को ध्यान में रखते हुए ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने स्टूडेंट्स के अच्छे परफॉर्मेंस के लिए कुछ खास टिप्स बताए.

बोर्ड एग्जाम नजदीक आ रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंटस पर परीक्षा का दबाव भी बढ़ रहा है और इसी सिलसिले को लेकर गाजियाबाद में हापुड़ मोड़ पर स्थित ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने स्टूडेंट्स के अच्छे परफॉर्मेंस के लिए कुछ खास टिप्स बताए, जिससे कि बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स अच्छा परफॉर्मेंस दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि परीक्षा को उत्सव की तरह मनाएं. और स्ट्रेस के सिवा पॉजिटिव रहकर परीक्षा को फेस करें. उन्होंने बोर्ड एग्जामिनेशन के दौरान पेरेंट्स के व्यवहार को लेकर भी खास बाते कहीं.

वीडियो रिपोर्ट.

'बच्चों से अधिक से अधिक मार्क्स की उम्मीद'

पूनम शर्मा ने कहा कि इस समय बच्चों से उनके पेरेंट्स और टीचर्स काफी ज्यादा आशाएं मान बैठते हैं. हम बच्चों से अधिक से अधिक मार्क्स की उम्मीद करते हैं. इस बात को देखकर बच्चे काफी ज़्यादा प्रेशर में आ जाते हैं. और उनका व्यवहार नेगेटिव होने लगता है. वह जितना भी अच्छा करते हैं उन्हें उसमें नेगेटिविटी नजर आती है. ऐसे में बच्चा डिप्रेशन में जा सकता है.


'पेरेंट्स अपना व्यवहार पॉजिटिव रखें'

उन्होंने कहा कि बच्चे से आशा करना ठीक बात है. लेकिन उसे बार-बार जाहिर ना करें. जिससे वह डी मोटिवेट हो सकता है. बच्चा जितने भी मार्क्स लाए, उसे पेरेंट्स को एक्सेप्ट करके आगे मोटिवेट करना चाहिए. और अपना व्यवहार पॉजिटिव रखना चाहिए. यही पॉजिटिविटी उसे अच्छा परफॉर्मेंस देने की ताकत देती है.

'टाइम टेबल और स्मार्ट पढ़ाई जरूरी'

प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने आगे कहा कि पढ़ाई के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. पूरा दिन पढ़ने से भी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं हो सकती है. टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए. पढ़ाई के दौरान थोड़ा व्यायाम और खेलकूद भी जरूरी है. स्मार्ट पढ़ाई से अच्छी परफॉर्मेस आती है.

प्रधानमंत्री का भी किया जिक्र

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि यह जीवन की परीक्षा नहीं है. यह आज की डेट में टीचर कम्युनिटी और पेरेंट्स कम्युनिटी इस बात को बच्चों को जरूर समझाएं.

म्यूजिक भी करता है stress-free

थोड़ी देर पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिविटी से भी स्टूडेंट का माइंड फ्रेश हो सकता है. इसमें म्यूजिक भी काफी ज्यादा हेल्प कर सकता है.

खाने पीने पर ध्यान दें

बच्चों को परीक्षा के दिनों में खाने पीने का भी सही शेड्यूल मेंटेन करना चाहिए. हैवी फूड से बचना चाहिए.

पहली बोर्ड परीक्षा का दबाव

उन्होंने कहा परीक्षा पहली हो, या फिर दूसरी बार बोर्ड की परीक्षा दी जा रही हो. सबसे ज्यादा जरूरी पैरेंट्स और टीचर्स की जिम्मेदारी होती है. जो हर कदम पर बच्चे को मोटिवेट करें.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के पूर्ण राजस्व के 50 साल, देखिए ईटीवी भारत के साथ

शिमला/गाजियाबाद: जल्द ही परीक्षाएं आने वाली हैं, ऐसे में ज्यादातार छात्र चिंता और तनाव के दौर से गुजरने लगते हैं. परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है. हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है. और इसी को ध्यान में रखते हुए ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने स्टूडेंट्स के अच्छे परफॉर्मेंस के लिए कुछ खास टिप्स बताए.

बोर्ड एग्जाम नजदीक आ रहे हैं. ऐसे में स्टूडेंटस पर परीक्षा का दबाव भी बढ़ रहा है और इसी सिलसिले को लेकर गाजियाबाद में हापुड़ मोड़ पर स्थित ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने स्टूडेंट्स के अच्छे परफॉर्मेंस के लिए कुछ खास टिप्स बताए, जिससे कि बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स अच्छा परफॉर्मेंस दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि परीक्षा को उत्सव की तरह मनाएं. और स्ट्रेस के सिवा पॉजिटिव रहकर परीक्षा को फेस करें. उन्होंने बोर्ड एग्जामिनेशन के दौरान पेरेंट्स के व्यवहार को लेकर भी खास बाते कहीं.

वीडियो रिपोर्ट.

'बच्चों से अधिक से अधिक मार्क्स की उम्मीद'

पूनम शर्मा ने कहा कि इस समय बच्चों से उनके पेरेंट्स और टीचर्स काफी ज्यादा आशाएं मान बैठते हैं. हम बच्चों से अधिक से अधिक मार्क्स की उम्मीद करते हैं. इस बात को देखकर बच्चे काफी ज़्यादा प्रेशर में आ जाते हैं. और उनका व्यवहार नेगेटिव होने लगता है. वह जितना भी अच्छा करते हैं उन्हें उसमें नेगेटिविटी नजर आती है. ऐसे में बच्चा डिप्रेशन में जा सकता है.


'पेरेंट्स अपना व्यवहार पॉजिटिव रखें'

उन्होंने कहा कि बच्चे से आशा करना ठीक बात है. लेकिन उसे बार-बार जाहिर ना करें. जिससे वह डी मोटिवेट हो सकता है. बच्चा जितने भी मार्क्स लाए, उसे पेरेंट्स को एक्सेप्ट करके आगे मोटिवेट करना चाहिए. और अपना व्यवहार पॉजिटिव रखना चाहिए. यही पॉजिटिविटी उसे अच्छा परफॉर्मेंस देने की ताकत देती है.

'टाइम टेबल और स्मार्ट पढ़ाई जरूरी'

प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने आगे कहा कि पढ़ाई के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. पूरा दिन पढ़ने से भी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं हो सकती है. टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए. पढ़ाई के दौरान थोड़ा व्यायाम और खेलकूद भी जरूरी है. स्मार्ट पढ़ाई से अच्छी परफॉर्मेस आती है.

प्रधानमंत्री का भी किया जिक्र

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि यह जीवन की परीक्षा नहीं है. यह आज की डेट में टीचर कम्युनिटी और पेरेंट्स कम्युनिटी इस बात को बच्चों को जरूर समझाएं.

म्यूजिक भी करता है stress-free

थोड़ी देर पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिविटी से भी स्टूडेंट का माइंड फ्रेश हो सकता है. इसमें म्यूजिक भी काफी ज्यादा हेल्प कर सकता है.

खाने पीने पर ध्यान दें

बच्चों को परीक्षा के दिनों में खाने पीने का भी सही शेड्यूल मेंटेन करना चाहिए. हैवी फूड से बचना चाहिए.

पहली बोर्ड परीक्षा का दबाव

उन्होंने कहा परीक्षा पहली हो, या फिर दूसरी बार बोर्ड की परीक्षा दी जा रही हो. सबसे ज्यादा जरूरी पैरेंट्स और टीचर्स की जिम्मेदारी होती है. जो हर कदम पर बच्चे को मोटिवेट करें.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के पूर्ण राजस्व के 50 साल, देखिए ईटीवी भारत के साथ

Intro:गाजियाबाद। बोर्ड एग्जाम नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंटस पर परीक्षा का दबाव भी बढ़ रहा है। ईटीवी भारत ने गाजियाबाद में ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा से खास बातचीत की। उन्होंने कुछ खास टिप्स बताएं हैं। जिससे बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स अच्छा परफॉर्मेंस दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा है की परीक्षा को उत्सव की तरह मनाएं। और स्ट्रेस की बजाए पॉजिटिव रहकर परीक्षा को फेस करें। उन्होंने बोर्ड एग्जामिनेशन के दौरान पेरेंट्स के व्यवहार को लेकर भी खास बाते कहीं।


Body:बच्चों से पैरेंट्स और टीचर्स की आशाएं खतरनाक


गाजियाबाद में हापुड़ मोड पर स्थित ठाकुरद्वारा स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने कहा कि इस समय बच्चों से उनके पेरेंट्स और टीचर्स काफी ज्यादा आशाएं मान बैठते हैं। हम बच्चों से अधिक से अधिक मार्क्स की उम्मीद करते हैं। इस बात को देखकर बच्चे काफी ज़्यादा प्रेशर में आ जाते हैं। और उनका व्यवहार नेगेटिव होने लगता है। वह जितना भी अच्छा करते हैं उन्हें उसमें नेगेटिविटी नजर आती है। ऐसे में बच्चा डिप्रेशन में जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे से आशा करना ठीक बात है। लेकिन उसे बार-बार जाहिर ना करें। जिससे वह डी मोटिवेट हो सकता है। बच्चा जितने भी मार्क्स लाए, उसे पेरेंट्स को एक्सेप्ट करके आगे मोटिवेट करना चाहिए। और अपना व्यवहार पॉजिटिव रखना चाहिए। यही पॉजिटिविटी उसे अच्छा परफॉर्मेंस देने की ताकत देती है।


टाइम टेबल और स्मार्ट पढ़ाई जरूरी

प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने आगे कहा कि पढ़ाई के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। पूरा दिन पढ़ने से भी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं हो सकती है। टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए। पढ़ाई के दौरान थोड़ा व्यायाम और खेलकूद भी जरूरी है। स्मार्ट पढ़ाई से अच्छी परफॉर्मेस आती है।


प्रधानमंत्री का भी जिक्र

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि यह जीवन की परीक्षा नहीं है। यह आज की डेट में टीचर कम्युनिटी और पैरंट्स कम्युनिटी इस बात को बच्चों को जरूर समझाएं।

म्यूजिक भी करता है stress-free

थोड़ी देर पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिविटी से भी स्टूडेंट का माइंड फ्रेश हो सकता है। इसमें म्यूजिक भी काफी ज्यादा हेल्प कर सकता है।

खाने पीने पर ध्यान दें

बच्चों को परीक्षा के दिनों में खाने पीने का भी सही शड्यूल मेंटेन करना चाहिए। हैवी फूड से बचना चाहिए।


पहली बोर्ड परीक्षा का दबाव

उन्होंने कहा परीक्षा पहली हो, या फिर दूसरी बार बोर्ड की परीक्षा दी जा रही हो। सबसे ज्यादा जरूरी पेरेंट्स और टीचर्स की जिम्मेदारी होती है। जो हर कदम पर बच्चे को मोटिवेट करें।


Conclusion:परीक्षा को उत्सव की तरह मनाएं

उन्होंने कहा कि परीक्षा को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए। यह बात हमारे प्रधानमंत्री भी कहते हैं। इससे stress-free पढ़ाई का माहौल बनता है।


इंटरव्यू पूनम शर्मा प्रिंसिपल ठाकुरद्वारा स्कूल
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