शिमला: कोरोना के संक्रमण से बचाव और उसके इलाज के लिए टेस्टिंग जरूरी है. प्रदेश सरकार बुलेट की रफ्तार से हिमाचल में कोरोना के टेस्ट करवा रही है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौजूदा वक्त में हिमाचल में कुल जनसंख्या के लगभग 3% लोगों का सरकार कोविड टेस्ट करवा चुकी है.
प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है. जनता को निजी अस्पतालों और लैबों में लूट से बचाने के लिए सरकार ने 700 रुपये कोरोना टेस्ट रेट निर्धारित किए हैं.
प्रदेश में अभी तक 8 लैब हैं जहां पर कोरोना सेम्पल की जांच कर रहे हैं. हिमाचल में अभी तक जिन लैब में कोरोना सैम्पल की जांच होती है, उनमें आईजीएमसी शिमला, सीआरआई कसौली, आईएचबीटी पालमपुर, जीएमसी चंबा, टांडा मेडिकल कॉलेज, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, सिविल अस्पताल नाहन, हमीरपुर अस्पताल शामिल है.
हिमाचल में करीब 5 लाख से अधिक लोग बाहरी राज्यों से वापस अपने घर आए हैं. प्रदेश में अब तक के कोरोना संक्रमण के जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें अधिकांश संख्या बाहरी राज्यों से घर वापस आने वाले लोगों की है ऐसे में प्रदेश सरकार ने टेस्टिंग के लिए अधिक ध्यान बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की तरह दिया है. वहीं, प्रदेश में कुछ लोग ऐसें भी हैं जो कोरोना के माइनर सिम्टम्स दिखने पर भी कोरोना के टेस्ट करवा रहे हैं.
कैसे होती है कोरोना टेस्टिंग
पूरी दुनिया में सबसे आम पीसीआर टेस्ट है, जिसमें जेनेटिक मटेरियल को एक स्वाब सैंपल से अलग किया जाता है. केमिकल का इस्तेमाल प्रोटीन और फैट को जेनेटिक मटेरियल से हटाने में होता है और सैंपल को मशीन एनालिसिस के लिए रखा जाता है. इन्हें टेस्टिंग के गोल्ड स्टैंडर्ड के तौर पर देखा जाता है, लेकिन भारत में यह सबसे महंगे हैं और इसमें टेस्टिंग को प्रोसेस करने में 8 घंटे तक का वक्त लगता है. रिजल्ट आने में 1 दिन तक का वक्त लग जाता है. यह सैंपल स्कोर लाइव तक पहुंचाने में लगने वाले वक्त पर भी निर्भर करता है.
कोरोना महामारी से जनता को बचाने के लिए सरकार होम क्वारंटाइन लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खास आयुर्वेदिक काढ़ा मुहैया करवा रही है. यह क्वारंटाइन किट आशा वर्कर्स और अन्य कोरोना वॉरियर्स लोगों को घर-घर उपलब्ध करवा रहे हैं. इन किट्स को प्राप्त करने के लिए आप निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से भी संपर्क कर सकते हैं. अभी तक हिमाचल को कोरोना टेस्ट किट्स आईसीएमआर उपलब्ध करवाता था, लेकिन 31 अगस्त के बाद प्रदेश सरकार को खुद कोरोना टेस्ट का खर्चा वहन करना होगा.
हिमाचल में कोरोना के मामलों पर नजर डाले तो प्रदेश में इस वक्त कोरोना के कुल संक्रमितों का आंकड़ा 6255 के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक मौजूदा वक्त में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 1525 है, जबकि अगस्त तक हिमाचल में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 40 पहुंच गया है.
औद्योगिक क्षेत्रों पर सरकार का विशेष ध्यान
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने अधिकारियों को औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि सोलन जिला के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र में कोरोना के अधिक मामलों से निपटने के लिए रेंडम टेस्टिंग को बढ़ाया जाए ताकि जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित किया जा सके. राजीव सैजल ने कहा कि 30 की तुलना में हिमाचल में कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार बहुत कम है. इसके अलावा प्रदेश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या काफी अधिक है जो कि लगातार बढ़ती जा रही है.
प्रदेश में कोरोना की स्थिति चिंताजनक है. लगातार कोरोना के बढ़ते आंकड़े सरकार और आम जनता के लिए परेशानी का कारण है. इस बात में कोई दोराय नहीं कि सरकार कोरोना टेस्ट से लेकर क्वारंटाइन किट के संबंध में कोई कोताही नहीं बरत रही.
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