शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि दीवाली उत्सव के दौरान पटाखों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का आंकलन करने के उद्देश्य से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेष निगरानी अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान राज्य की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी.
प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और प्रयोगशाला प्रभारियों को प्रदेश की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जो 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक लागू रहेंगे. उन्होंने कहा कि दिवाली से पूर्व 21 अक्तूबर और दिवाली के दिन ध्वनि गुणवत्ता का निरीक्षण करवाया जाएगा.
प्रवक्ता ने कहा कि इस निरीक्षण अभियान के दौरान पटाखों से हवा में उत्पन्न होने वाले सामान्य मापदण्डों जैसे कि (पीएम10, पीएम 2.5), सल्फर ऑकसाइड, नाईट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया के अतिरिक्त कुछ अन्य मापदण्ड जैसे लैड, निक्कल, ऑरसनिक, बैरियम, आयरन, स्ट्रोन्टियम की निगरानी भी की जाएगी.
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उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय परिसर जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में कानून के अनुसार 100 मीटर दायरे के अन्दर पटाखों का न चलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. 125 डीबीए से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों की बिक्री और प्रयोग भी प्रतिबन्धित है. इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना भी सुनिश्चित किया जाए.