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दीवाली में प्रदूषण रोकने के लिए विशेष निगरानी अभियान, पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बच्चों को किया जाएगा जागरूक - Special monitoring campaign for pollution

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि बच्चों को प्रदूषण रहित दिवाली मनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने प्रदेशवासियों से प्रकाश के उत्सव को पर्यावरण मित्र के रूप में मनाने और पटाखों को न चलाने का आग्रह किया.

दीवाली दौरान प्रदूषण रोकने के लिए विशेष निगरानी अभियान, पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में बच्चों को किया जाएगा जागरूक
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Published : Sep 20, 2019, 9:13 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि दीवाली उत्सव के दौरान पटाखों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का आंकलन करने के उद्देश्य से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेष निगरानी अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान राज्य की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी.

प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और प्रयोगशाला प्रभारियों को प्रदेश की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जो 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक लागू रहेंगे. उन्होंने कहा कि दिवाली से पूर्व 21 अक्तूबर और दिवाली के दिन ध्वनि गुणवत्ता का निरीक्षण करवाया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि इस निरीक्षण अभियान के दौरान पटाखों से हवा में उत्पन्न होने वाले सामान्य मापदण्डों जैसे कि (पीएम10, पीएम 2.5), सल्फर ऑकसाइड, नाईट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया के अतिरिक्त कुछ अन्य मापदण्ड जैसे लैड, निक्कल, ऑरसनिक, बैरियम, आयरन, स्ट्रोन्टियम की निगरानी भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें: नहीं थम रही सरकारी सीमेंट की बर्बादी, लापरवाही के चलते पत्थर में तब्दील हुई 47 बोरियां

उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय परिसर जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में कानून के अनुसार 100 मीटर दायरे के अन्दर पटाखों का न चलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. 125 डीबीए से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों की बिक्री और प्रयोग भी प्रतिबन्धित है. इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना भी सुनिश्चित किया जाए.

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि दीवाली उत्सव के दौरान पटाखों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का आंकलन करने के उद्देश्य से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेष निगरानी अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान राज्य की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी.

प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और प्रयोगशाला प्रभारियों को प्रदेश की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जो 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक लागू रहेंगे. उन्होंने कहा कि दिवाली से पूर्व 21 अक्तूबर और दिवाली के दिन ध्वनि गुणवत्ता का निरीक्षण करवाया जाएगा.

प्रवक्ता ने कहा कि इस निरीक्षण अभियान के दौरान पटाखों से हवा में उत्पन्न होने वाले सामान्य मापदण्डों जैसे कि (पीएम10, पीएम 2.5), सल्फर ऑकसाइड, नाईट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया के अतिरिक्त कुछ अन्य मापदण्ड जैसे लैड, निक्कल, ऑरसनिक, बैरियम, आयरन, स्ट्रोन्टियम की निगरानी भी की जाएगी.

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उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय परिसर जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में कानून के अनुसार 100 मीटर दायरे के अन्दर पटाखों का न चलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. 125 डीबीए से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों की बिक्री और प्रयोग भी प्रतिबन्धित है. इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना भी सुनिश्चित किया जाए.

Intro:दीवाली पर्व के दौरान प्रदूषण रोकने के लिए विशेष निगरानी अभियान
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि आने वाले दीवाली उत्सव के दौरान पटाखों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का आकलन करने के उद्देश्य से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विशेष निगरानी अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान के दौरान राज्य की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी।Body:उन्होंने कहा कि बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों तथा प्रयोगशाला प्रभारियों को प्रदेश की ध्वनि एवं वायु गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं जो 20 अक्तूबर से 3 नवम्बर, 2019 तक लागू रहेंगे। उन्होंने कहा कि दीवाली से पूर्व 21 अक्तूबर तथा दीवाली के दिन (27 अक्तूबर) को ध्वनि गुणवत्ता निरीक्षण करवाया जाएगा ।
प्रवक्ता ने कहा कि इस निरीक्षण अभियान के दौरान पटाखों से हवा में उत्पन्न होने वाले सामान्य मापदण्डों जैसे कि (पीएम10, पीएम 2.5), सल्फर आॅकसाईड, नाईट्रोजन, कार्बन मोनोआॅक्साईड तथा अमोनिया के अतिरिक्त कुछ अन्य मापदण्ड जैसे लैड, निक्कल, आॅरसनिक, बैरियम, आयरन, स्ट्रोन्टियम की निगरानी भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को अस्पताल, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय परिसर जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों में कानून के अनुसार 100 मीटर दायरे के अन्दर पटाखों का न चलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। 125 डीबीए से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों की बिक्री और प्रयोग भी प्रतिबन्धित है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना भी सुनिश्चित किया जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शिक्षा विभाग से पटाखों से होने वाले नुकसान और ध्वनि तथा वायु प्रदूषण के बारे बच्चों को जागरूक करें तथा उन्हें प्रदूषण रहित दिवाली मनाने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों से प्रकाश के उत्सव को पर्यावरण मित्र के रूप में मनाने और पटाखों को न चलाने का आग्रह किया ।Conclusion:
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