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लोस चुनाव में जम्मू-कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं को मिलेगी विशेष सुविधा, निर्वाचन आयोग ने शुरू की ये पहल - प्रवासी

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से या उधमपुर, जम्मू तथा दिल्ली में स्थापित किए गए विशेष बूथों पर मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

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Published : Mar 26, 2019, 11:42 PM IST

शिमला: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से या उधमपुर, जम्मू तथा दिल्ली में स्थापित किए गए विशेष बूथों पर मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि प्रवासी मतदाताओं को ‘एम वोटरज का दर्जा दिया गया है. देश के विभिन्न स्थानों में रह रहे कश्मीरी प्रवासियों के लिए जम्मू, उधमपुर व दिल्ली में विशेष मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं और उन्हें फार्म-12-सी भरकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से भी मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि आवेदकों को ये फॉर्म परिवार सदस्यों के ब्यौरे की पुष्टि हेतु आवश्क दस्तावेजों सहित निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों के पास देने होंगे. उन्होंने बताया कि ये भी प्रमाणित करना होगा कि सभी परिवार सदस्य वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्र के वासी हैं और जम्मू-कश्मीर में किसी एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किया गया प्रमाण-पत्र भी देना होगा, जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि आवेदक व उसके परिवार सदस्य जम्मू-कश्मीर के प्रवासी हैं और दिए गए पते पर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि केवल जम्मू-कश्मीर के सभी तीन संसदीय क्षेत्रों या अपने संबधित विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत मतदाता ही पूरी तरह भरने के बाद फॉर्म-सी या फॉर्म-एम जमा करने के लिए पात्र होंगे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासी मतदाताओं को फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने, ताकि वे आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. उन्होंने बताया कि फॉर्म-एम कश्मीरी प्रवासियों को उपरोक्त विशेष मतदान बूथों में मतदान करने की सुविधा प्रदान करेगा, जबकि फॉर्म-सी पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा देगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि इन फॉर्मों को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट या नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आवेदक को वर्तमान आवासीय प्रमाण उल्लेखित करना तथा जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किए गए प्रवासी प्रमाण-पत्र को संलग्न करना अनिवार्य है और आवेदकों को अपने संसदीय क्षेत्र व विधानसभा क्षेत्र का ब्यौरा भी देना होगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर आवेदक दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत है तो उसे मतदान देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को उनके सम्बन्धित क्षेत्र में ऐसे प्रवासियों को चिन्हित करने के हर संभव प्रयास के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि प्रवासी मतदाता मतदान कर सकें.

शिमला: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से या उधमपुर, जम्मू तथा दिल्ली में स्थापित किए गए विशेष बूथों पर मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि प्रवासी मतदाताओं को ‘एम वोटरज का दर्जा दिया गया है. देश के विभिन्न स्थानों में रह रहे कश्मीरी प्रवासियों के लिए जम्मू, उधमपुर व दिल्ली में विशेष मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं और उन्हें फार्म-12-सी भरकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से भी मतदान करने का विकल्प दिया गया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि आवेदकों को ये फॉर्म परिवार सदस्यों के ब्यौरे की पुष्टि हेतु आवश्क दस्तावेजों सहित निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों के पास देने होंगे. उन्होंने बताया कि ये भी प्रमाणित करना होगा कि सभी परिवार सदस्य वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्र के वासी हैं और जम्मू-कश्मीर में किसी एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किया गया प्रमाण-पत्र भी देना होगा, जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि आवेदक व उसके परिवार सदस्य जम्मू-कश्मीर के प्रवासी हैं और दिए गए पते पर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि केवल जम्मू-कश्मीर के सभी तीन संसदीय क्षेत्रों या अपने संबधित विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत मतदाता ही पूरी तरह भरने के बाद फॉर्म-सी या फॉर्म-एम जमा करने के लिए पात्र होंगे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासी मतदाताओं को फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने, ताकि वे आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. उन्होंने बताया कि फॉर्म-एम कश्मीरी प्रवासियों को उपरोक्त विशेष मतदान बूथों में मतदान करने की सुविधा प्रदान करेगा, जबकि फॉर्म-सी पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा देगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि इन फॉर्मों को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट या नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आवेदक को वर्तमान आवासीय प्रमाण उल्लेखित करना तथा जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किए गए प्रवासी प्रमाण-पत्र को संलग्न करना अनिवार्य है और आवेदकों को अपने संसदीय क्षेत्र व विधानसभा क्षेत्र का ब्यौरा भी देना होगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर आवेदक दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत है तो उसे मतदान देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को उनके सम्बन्धित क्षेत्र में ऐसे प्रवासियों को चिन्हित करने के हर संभव प्रयास के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि प्रवासी मतदाता मतदान कर सकें.

प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए विशेष सुविधा  

शिमला. भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के प्रवासी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से या उधमपुर, जम्मू तथा दिल्ली में स्थापित किए गए विशेष बूथों पर मतदान करने का विकल्प दिया गया है। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि प्रवासी मतदाताओं को एम-वोटरजका दर्जा दिया गया है। देश के विभिन्न स्थानों में रह रहे कश्मीरी प्रवासियों के लिए जम्मू, उधमपुर तथा दिल्ली में विशेष मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा उन्हें फार्म-12-सी भरकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से भी मतदान करने का विकल्प दिया गया है। 

आवेदकों को यह फार्म परिवार सदस्यों के ब्यौरे की पुष्टि हेतु आवश्क दस्तावेज़ों सहित निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों अर्थात सम्बन्धित उपमण्डलीय न्यायधीशों को जमा कराने होंगे। यह भी प्रमाणित करना होगा कि सभी परिवार सदस्य वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्र के वासी हैं और जम्मू-कश्मीर में किसी एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। इसके साथ जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किया गया प्रमाण-पत्र भी देना होगा, जिसमें प्रमाणित किया गया हो कि आवेदक तथा उसके परिवार सदस्य जम्मू-कश्मीर के प्रवासी हैं तथा दिए गए पते पर रह रहे हैं। 

केवल जम्मू-कश्मीर के सभी तीन संसदीय क्षेत्रों या अपने सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत मतदाता ही पूरी तरह भरने के बाद फार्म-सी या फार्म-एम जमा करने के लिए पात्र होंगे। सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासी मतदाताओं को फार्म भरने की सुविधा प्रदान करने ताकि वे आगामी लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। 

फार्म-एम कश्मीरी प्रवासियों को उपरोक्त विशेष मतदान बूथों में मतदान करने की सुविधा प्रदान करेगा जबकि फार्म-सी पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा देगा। इन फार्मों को भारत निर्वाचन आयोग की वैबसाईट या नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है। 

आवेदक को वर्तमान आवासीय प्रमाण उल्लेखित करना तथा जम्मू-कश्मीर के आवासीय आयुक्त द्वारा जारी किए गए प्रवासी प्रमाण-पत्र को संलग्न करना अनिवार्य है। आवेदकों को अपने संसदीय क्षेत्र तथा विधानसभा क्षेत्र का ब्यौरा भी प्रदान करना होगा। 

यदि आवेदक दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत है तो उसे मतदान देने की अनुमति नही दी जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारियों को उनके सम्बन्धित क्षेत्र में ऐसे प्रवासियों को चिन्हित करने के हर सम्भव प्रयास के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए है ताकि प्रवासी मतदाता मतदान कर सकें।

 

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